नई दिल्ली : बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को कहा कि उसने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को निजी क्षेत्र और सार्वजनिक-निजी साझेदारी के क्षेत्र से जुड़े कामकाज के लिए अपना उपाध्यक्ष नियुक्त किया है.
एडीबी ने एक बयान में कहा, 'वह वर्तमान में भारत के चुनाव आयुक्तों में से एक हैं और पूर्व में भारत के केंद्रीय वित्त सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव और नागर विमानन मंत्रालय के सचिव सहित कई वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं.'
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दी गई क्लीन चिट का विरोध किया था. उसी दौरान लवासा के परिवार के सदस्यों को आयकर विभाग के नोटिस भी दिए गए थे. हालांकि लवासा ने आयकर विभाग के आरोपों से इनकार कर दिया था.
अप्रैल 2021 में मुख्यचुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा सेवानिवृत्त हो रहे हैं. चूंकि अशोक लवासा फिलहाल चुनाव आयुक्त हैं इसलिए वह मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में पहले नंबर पर थे. लेकिन अशोक लवासा को एडीबी उपाध्याक्ष बनाए जाने के बाद सुशील चंद्रा के अगले मुख्यचुनाव आयुक्त बनने की संभावना बढ़ गई है.
गौरतलब है कि अशोक लवासा हरियाणा कैडर के 1980 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. इतना ही नहीं उन्होंनें पेरिस समझौते के लिए जलवायु परिवर्तन वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.
लवासा एडीबी में दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है.
बयान में कहा गया है कि राज्य और संघीय स्तर पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी और बुनियादी ढांचे के विकास क्षेत्र में उनका व्यापक अनुभव है, जहां उनका सार्वजनिक नीति और निजी क्षेत्र की भूमिका के बारे में गहन जानकारी है.
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पूर्व वित्त सचिव को जनवरी 2018 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.