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कभी डिफेंस डील की चाह रखने वाले आज PM बनना चाहते हैं, राहुल पर बोले अरुण जेटली - लोकसभा चुनाव

डिफेंस ऑफसेट के कॉन्ट्रैक्ट पर अरुण जेटली ने राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि UPA सरकार के दौरान राहुल और प्रियंका गांधी के अलावा एक अमेरिकी शख्स एक कंपनी के डायरेक्टर बनते हैं. जानें क्या है पूरा मामला

प्रेस वार्ता में अरुण जेटली
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Published : May 4, 2019, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बिजनेस पार्टनर को डिफेंस ऑफसेट का कॉन्ट्रैक्ट संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के कार्यकाल में मिला था.

जेटली ने कहा कि ये कहानी उस शख्स की है, जो डिफेंस डील को पुश करना चाहता था. उन्होंने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि आज वही शख्स देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता है. जेटली ने कहा कि ये एक गंभीर आरोप है और मुझे ऐसा लगता है कि मैं अच्छे दायित्व को निभाऊं.

जेटली ने कहा कि चुप रहने का अधिकार किसी क्रिमिनल केस में मुलजिम को होता है, राजनीतिक नेताओं को ये अधिकार उपलब्ध नहीं है. और राहुल गांधी अभी तक चुप क्यों हैं.

jaitley on rahul gandhi
जेटली का बयान

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री पर बरसे राहुल, कहा- सेना को बदनाम कर रहे मोदी

जेटली ने कहा कि 2003 में राहुल ने बैकॉप्स कंपनी बनाकर अपने करीबियों को रक्षा क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया है. उन्होंने कहा कि राहुल को इसका जवाब देना चाहिए.

jaitley on rahul gandhi
जेटली का बयान

जेटली ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहुत बड़ा गड़बड़झाला किया है.

जेटली ने आरोप लगाया है कि बैकॉप्स नाम की कंपनी ब्रिटेन में बनाई गई थी और भारत में भी इसी नाम से कंपनी बनाई गई. इस कंपनी के एक अन्य पार्टनर अमेरिकी नागरिक उलरिक मैकेनाइट थे. उलरिक गोवा के एक कांग्रेस नेता के दामाद हैं. उनकी पत्नी पत्रकार हैं.

jaitley on rahul gandhi
जेटली का बयान

इस कंपनी में राहुल का शेयर 65 फीसदी था, जबकि उलरिक का शेयर 35 फीसदी था. 2003 से 2009 तक ये कंपनी बनी रही.

जेटली ने कहा कि बैकॉप्स कंपनी किसी भी चीज का निर्माण नहीं करती थी. न ही यह कोई सर्विस प्रोवाइडर रही थी. इसका प्रमुख काम लाइजनिंग का रहा है. यानि प्रभाव डालकर कंपनी को फेवरेवल कॉन्ट्रैक्ट दिलवा देना.

jaitley on rahul gandhi
जेटली का बयान

वित्त मंत्री ने कहा कि 2011 में मैकेनाइट की कंपनी को स्कॉर्पियन सबमैरिन का कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया गया था. यह ऑफसेट क्लॉज के तहत फैसला लिया गया था.

राहुल गांधी पर सवाल खड़ा करते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने बैकॉप्स नाम से ही एक अन्य कंपनी बनाई. यह कंपनी भारत में थी. इसमें प्रियंका गांधी भी सह निदेशक थीं. इस कंपनी में राहुल के 83 फीसदी शेयर थे. बाद में यानि 2010 में कंपनी को बंद कर दिया गया.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बिजनेस पार्टनर को डिफेंस ऑफसेट का कॉन्ट्रैक्ट संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के कार्यकाल में मिला था.

जेटली ने कहा कि ये कहानी उस शख्स की है, जो डिफेंस डील को पुश करना चाहता था. उन्होंने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि आज वही शख्स देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता है. जेटली ने कहा कि ये एक गंभीर आरोप है और मुझे ऐसा लगता है कि मैं अच्छे दायित्व को निभाऊं.

जेटली ने कहा कि चुप रहने का अधिकार किसी क्रिमिनल केस में मुलजिम को होता है, राजनीतिक नेताओं को ये अधिकार उपलब्ध नहीं है. और राहुल गांधी अभी तक चुप क्यों हैं.

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जेटली का बयान

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जेटली ने कहा कि 2003 में राहुल ने बैकॉप्स कंपनी बनाकर अपने करीबियों को रक्षा क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया है. उन्होंने कहा कि राहुल को इसका जवाब देना चाहिए.

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जेटली का बयान

जेटली ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बहुत बड़ा गड़बड़झाला किया है.

जेटली ने आरोप लगाया है कि बैकॉप्स नाम की कंपनी ब्रिटेन में बनाई गई थी और भारत में भी इसी नाम से कंपनी बनाई गई. इस कंपनी के एक अन्य पार्टनर अमेरिकी नागरिक उलरिक मैकेनाइट थे. उलरिक गोवा के एक कांग्रेस नेता के दामाद हैं. उनकी पत्नी पत्रकार हैं.

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जेटली का बयान

इस कंपनी में राहुल का शेयर 65 फीसदी था, जबकि उलरिक का शेयर 35 फीसदी था. 2003 से 2009 तक ये कंपनी बनी रही.

जेटली ने कहा कि बैकॉप्स कंपनी किसी भी चीज का निर्माण नहीं करती थी. न ही यह कोई सर्विस प्रोवाइडर रही थी. इसका प्रमुख काम लाइजनिंग का रहा है. यानि प्रभाव डालकर कंपनी को फेवरेवल कॉन्ट्रैक्ट दिलवा देना.

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जेटली का बयान

वित्त मंत्री ने कहा कि 2011 में मैकेनाइट की कंपनी को स्कॉर्पियन सबमैरिन का कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया गया था. यह ऑफसेट क्लॉज के तहत फैसला लिया गया था.

राहुल गांधी पर सवाल खड़ा करते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने बैकॉप्स नाम से ही एक अन्य कंपनी बनाई. यह कंपनी भारत में थी. इसमें प्रियंका गांधी भी सह निदेशक थीं. इस कंपनी में राहुल के 83 फीसदी शेयर थे. बाद में यानि 2010 में कंपनी को बंद कर दिया गया.

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