नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 (CAB) पारित हो चुका है. अब इसके कानून बनने का रास्ता साफ हो चुका है. CAB के कानून बनने से पहले पीएम मोदी ने असम के लोगों को आश्वस्त किया है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि #CAB के पारित होने के बाद उन्हें चिंता करने की कोई बात नहीं है.'
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं- कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को नहीं छीन सकता है. यह फलता-फूलता और विकसित होता रहेगा.
उन्होंने आगे लिखा, केंद्र सरकार और मैं खंड 6 की भावना के अनुसार, असमिया लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों को संवैधानिक रूप से संरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
आपको बता दें, दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 पारित होने के बाद इस पर कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, नागरिकता विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर के कई राज्यों में व्यापक असंतोष है. पूर्वोत्तर के अलावा भी देश के कई हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
CAB को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में खासा रोष है. असम के अलावा मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में भी इसका जमकर विरोध हो रहा है.
अलग-अलग राज्यों की स्थानीय समस्या के अलावा नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 विरोध के कुछ आम कारण भी हैं.
गौरतलब है कि नागरिकता विधेयक के माध्यम से सरकार ने तीन पड़ोसी देशों के नागरिकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया है. इन देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं.
विधेयक के मुताबिक उपरोक्त तीनों देशों के अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी ईसाई, सिख) से संबंध रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है.