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आंध्र सरकार को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज किया एसईसी की नियुक्ति का अध्यादेश

आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में बदलाव संबंधी अध्यादेश को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी अध्यादेश अमान्य करार दिया है.

आंध्र प्रदेश  हाईकोर्ट
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
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Published : May 29, 2020, 12:24 PM IST

Updated : May 29, 2020, 4:35 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले से राज्य की सत्तारूढ़ जगन मोहन रेड्डी सरकार को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में बदलाव को खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को अमान्य करार दिया. साथ ही बायोस (बीआईओएस) को भी खारिज कर दिया है.

दरअसल, राज्य सरकार ने रमेश कुमार को राज्य निर्वाचन आयुक्त पद से हटाने के लिए अध्यादेश जारी किया था. इसमें नियमों में बदलाव किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.

कोर्ट ने रमेश कुमार को फिर से राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया है.

इस मामले में अधिवक्ता कर्रा श्रीनिवास ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा लाए गए एसईसी की शर्तों को बदलने वाले अध्यादेश और बायोस को खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय ने रमेश कुमार को राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में फिर से नियुक्त करने का आदेश दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता

कोर्ट के फैसले के बाद एन रमेश कुमार ने आज अपने कार्यालय में राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यभार ग्रहण कर लिया. रमेश कुमार 1983 बैच के तत्कालीन सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं, जो तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू की सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किए गए थे.

गत वर्ष विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के बाद जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई. इसके बाद स्थानीय निकाय चुनाव कराने का फैसला लिया गया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण चुनाव स्थगित हो गए.

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल से विमर्श के बाद जगन सरकार ने राज्य निर्वाचन आयुक्त रमेश कुमार को हटाने और उनके स्थान पर कनग राज की नियुक्ति का अध्यादेश लाया.

बता दें कि जगन सरकार ने अध्यादेश लाने के लिए आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 में संशोधन कर राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद का कार्यकाल घटाकर पांच साल की बजाय तीन साल कर दिया था. अध्यादेश के कारण रमेश कुमार विगत 10 अप्रैल, 2020 से राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद से हट गए.

इसके बाद रमेश कुमार और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की मांग की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्वरी और एम सत्यनारायणमूर्ति की पीठ ने आज फैसला सुनाया.

अमरावती : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले से राज्य की सत्तारूढ़ जगन मोहन रेड्डी सरकार को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में बदलाव को खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को अमान्य करार दिया. साथ ही बायोस (बीआईओएस) को भी खारिज कर दिया है.

दरअसल, राज्य सरकार ने रमेश कुमार को राज्य निर्वाचन आयुक्त पद से हटाने के लिए अध्यादेश जारी किया था. इसमें नियमों में बदलाव किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.

कोर्ट ने रमेश कुमार को फिर से राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया है.

इस मामले में अधिवक्ता कर्रा श्रीनिवास ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा लाए गए एसईसी की शर्तों को बदलने वाले अध्यादेश और बायोस को खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय ने रमेश कुमार को राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में फिर से नियुक्त करने का आदेश दिया.

जानकारी देते अधिवक्ता

कोर्ट के फैसले के बाद एन रमेश कुमार ने आज अपने कार्यालय में राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यभार ग्रहण कर लिया. रमेश कुमार 1983 बैच के तत्कालीन सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं, जो तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू की सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किए गए थे.

गत वर्ष विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के बाद जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई. इसके बाद स्थानीय निकाय चुनाव कराने का फैसला लिया गया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण चुनाव स्थगित हो गए.

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल से विमर्श के बाद जगन सरकार ने राज्य निर्वाचन आयुक्त रमेश कुमार को हटाने और उनके स्थान पर कनग राज की नियुक्ति का अध्यादेश लाया.

बता दें कि जगन सरकार ने अध्यादेश लाने के लिए आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 में संशोधन कर राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद का कार्यकाल घटाकर पांच साल की बजाय तीन साल कर दिया था. अध्यादेश के कारण रमेश कुमार विगत 10 अप्रैल, 2020 से राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद से हट गए.

इसके बाद रमेश कुमार और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की मांग की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्वरी और एम सत्यनारायणमूर्ति की पीठ ने आज फैसला सुनाया.

Last Updated : May 29, 2020, 4:35 PM IST
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