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बिहार के स्कूल में फीस की जगह कूड़ा जमा करते हैं बच्चे, जानें मकसद - Garbage

बिहार के बोधगया में एक निजी संस्था द्वारा संचालित स्कूल में छात्रों को एक टास्क दिया जाता है. इसके तहत छात्र रास्ते को कूड़ा उठाकर स्कूल के कूड़ेदान में डालना होता है. जबकि स्कूल से घर जाते वक्त पौधों में पानी लगाना होता है.

स्कूल में पढ़ते बच्चे
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Published : Jul 15, 2019, 8:32 PM IST

पटना: बिहार के बोधगया जिले के सेवा बिगहा गांव में साउथ कोरियन संस्था द्वारा संचालित पद्मपाणि मिडिल स्कूल छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देता है. इसके एवज में स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को एक टास्क दिया है.

टास्क अनुसार घर से स्कूल आने के दौरान छात्रों को रास्ते में जितना भी कूड़ा मिले उसे लाकर उन्हें स्कूल के बाहर डस्टबिन में डालना है. स्कूल प्रबंधन उस कूड़े को रिसाइक्लिंग के लिए भेज देते हैं. वहीं स्कूल से जाते वक्त बच्चे अपने वॉटर बॉटल में बचा हुआ पानी पौधों को डालते हुए घर जाते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सरकार को आइना दिखाता स्कूल
पद्मपाणि मिडिल स्कूल सरकार को आइना दिखाता है. ये स्कूल अपने स्टूडेंट्स को निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ ड्रेस, किताब, मिड-डे मील भी देता हैं. स्कूल की व्यवस्था सेमी गवर्मेंट स्कूल जैसी है. निजी संस्था द्वारा संचालित इस स्कूल में सरकारी स्कूल जैसी सभी सुविधाएं दी जाती है और इसके लिए सरकार की मदद नहीं ली जाती.

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स्कूल में पढ़ते बच्चे

सभी बच्चे पूरा करते हैं ये टास्क
स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि पद्मपाणि मिडिल स्कूल दक्षिण कोरिया की एक संस्था द्वारा संचालित है. बोधगया से 10 किलोमीटर दूर दलित बस्ती सेवा बिगहा में 2014 में शुरू किया गया था. पिछले 4 महीनों से यहां के बच्चों को एक टास्क दिया गया है. उन्हें घर से स्कूल आने के क्रम में रास्ते में मिलने वाला कचड़ा उठाकर स्कूल के डस्टबिन में डालना है. बच्चों को इसके लिए जागरूक करना पड़ा और अब सभी बच्चे ये टास्क पूरा करते हैं.

पर्यावरण को बचाने में योगदान
स्कूल के छात्रों ने बताया कि स्कूल में फीस नही ली जाती. इसके बदले हम पर्यावरण को बचाने के लिए अपना योगदान करते हैं. शुरूआत में हमें अच्छा नहीं लगता था, पर अब जब रास्ते साफ नजर आते हैं तो अच्छा लगता है.

पढ़ें- 12 साल की लड़की केरल में चला रही है मुफ्त लाइब्रेरी

क्या कुछ है स्कूल में खास:

  • दक्षिण कोरिया की एक संस्था द्वारा संचालित है स्कूल
  • स्कूल छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देता है.
  • ड्रेस, किताब, मिड-डे मील भी निशुल्क
  • स्कूल आने के मिलने वाला कचड़ा स्कूल डस्टबिन में डालते हैं बच्चे
  • बचा हुआ पानी पौधों को डालते हुए घर जाते हैं बच्चे

पटना: बिहार के बोधगया जिले के सेवा बिगहा गांव में साउथ कोरियन संस्था द्वारा संचालित पद्मपाणि मिडिल स्कूल छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देता है. इसके एवज में स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को एक टास्क दिया है.

टास्क अनुसार घर से स्कूल आने के दौरान छात्रों को रास्ते में जितना भी कूड़ा मिले उसे लाकर उन्हें स्कूल के बाहर डस्टबिन में डालना है. स्कूल प्रबंधन उस कूड़े को रिसाइक्लिंग के लिए भेज देते हैं. वहीं स्कूल से जाते वक्त बच्चे अपने वॉटर बॉटल में बचा हुआ पानी पौधों को डालते हुए घर जाते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सरकार को आइना दिखाता स्कूल
पद्मपाणि मिडिल स्कूल सरकार को आइना दिखाता है. ये स्कूल अपने स्टूडेंट्स को निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ ड्रेस, किताब, मिड-डे मील भी देता हैं. स्कूल की व्यवस्था सेमी गवर्मेंट स्कूल जैसी है. निजी संस्था द्वारा संचालित इस स्कूल में सरकारी स्कूल जैसी सभी सुविधाएं दी जाती है और इसके लिए सरकार की मदद नहीं ली जाती.

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स्कूल में पढ़ते बच्चे

सभी बच्चे पूरा करते हैं ये टास्क
स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि पद्मपाणि मिडिल स्कूल दक्षिण कोरिया की एक संस्था द्वारा संचालित है. बोधगया से 10 किलोमीटर दूर दलित बस्ती सेवा बिगहा में 2014 में शुरू किया गया था. पिछले 4 महीनों से यहां के बच्चों को एक टास्क दिया गया है. उन्हें घर से स्कूल आने के क्रम में रास्ते में मिलने वाला कचड़ा उठाकर स्कूल के डस्टबिन में डालना है. बच्चों को इसके लिए जागरूक करना पड़ा और अब सभी बच्चे ये टास्क पूरा करते हैं.

पर्यावरण को बचाने में योगदान
स्कूल के छात्रों ने बताया कि स्कूल में फीस नही ली जाती. इसके बदले हम पर्यावरण को बचाने के लिए अपना योगदान करते हैं. शुरूआत में हमें अच्छा नहीं लगता था, पर अब जब रास्ते साफ नजर आते हैं तो अच्छा लगता है.

पढ़ें- 12 साल की लड़की केरल में चला रही है मुफ्त लाइब्रेरी

क्या कुछ है स्कूल में खास:

  • दक्षिण कोरिया की एक संस्था द्वारा संचालित है स्कूल
  • स्कूल छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देता है.
  • ड्रेस, किताब, मिड-डे मील भी निशुल्क
  • स्कूल आने के मिलने वाला कचड़ा स्कूल डस्टबिन में डालते हैं बच्चे
  • बचा हुआ पानी पौधों को डालते हुए घर जाते हैं बच्चे
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