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आंध्र प्रदेश : मास्क मांगने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट सख्त, सीबीआई जांच के दिए आदेश - डॉ सुधाकर एन 95

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मास्क मांगने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने उस डॉक्टर को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब उसने मास्क की मांग की थी. उसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया. सरकार ने उन्हें मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया है. इनका एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें एक पुलिसकर्मी डॉक्टर के साथ कथित तौर पर मारपीट करते हुए दिख रहा है. उस पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है.

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डॉक्टर को किया गिरफ्तार
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Published : May 21, 2020, 1:23 AM IST

Updated : May 22, 2020, 1:17 PM IST

विशाखापत्तनम : कोरोना संक्रमण के दौरान कोरोना वॉरियर्स ही हमारे रक्षक हैं और डॉक्टर की इसमें सबसे अहम भूमिका होती है. लेकिन आंध्रप्रदेश से ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. यहां एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने एन 95 मास्क की मांग कर ली. घटना विशाखापत्तनम के नरसिंहपत्तनम रीजनल अस्पताल की है.

डॉ सुधाकर इसी रीजनल अस्पताल मेें पदस्थापित हैं. उन्होंने आंध्र प्रदेश में कोरोना रोगियों के इलाज के लिए एन-95 मास्क की मांग की थी. इस पर डॉ सुधाकर को सरकार ने निलंबित कर दिया. वह अभी मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल में भर्ती हैं. हाईकोर्ट के निर्देशानुसार जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया है. हाईकोर्ट ने पूरे मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.

डॉक्टर सुधाकर ने कहा था कि ऑपरेशन अनुभवहीन डॉक्टरों के माध्यम से किया जाता है. इसलिए स्पेशल मास्क की आवश्यकता है. यह घटना सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई.

विशाखापत्तनम में डॉक्टर की गिरफ्तारी का

विशाखापत्तनम में गिरफ्तार

डॉ सुधाकर ने 16 मई 2020 को विशाखापत्तनम के पोर्ट अस्पताल के सामने अर्ध नग्न रूप से विरोध किया था. स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. थाने में लाने के बाद उन्हें केजीएच में भर्ती करा दिया गया. केजीएच के डॉक्टरों ने कहा कि सुधाकर की मानसिक स्थिति काफी अच्छी नहीं थी. पुलिस उन्हें यहां से सरकारी मनोरोग अस्पताल ले गई. डॉ सुधाकर पर धारा 353, 427 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

विशाखापत्तनम पुलिस आयुक्त आरके मीणा ने कहा कि डॉ सुधाकर ने हंगामा शराब के नशे में किया था. उन्होंने ये भी बताया कि जिस पुलिसकर्मी ने डॉक्टर के साथ मारपीट की थी, उसे निलंबित कर दिया गया है.

मां का आरोप, बेटे को जान का खतरा

विशाखापट्टनम में डॉ सुधाकर की मां ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उसके बेटे को जान का खतरा है.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. तेलगु देशम पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और जनसेना ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उन्होंने सुविधा की मांग की थी. विपक्षी दलों ने घटना के व्यापक जांच की मांग की है.

हाईकोर्ट में स्थिति

डॉक्टर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था. 20 मई 2020 को हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की गई. सरकार को पूरे विवरण के साथ पेश होने का निर्देश दिया गया है.

आईएमए ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखा

19 मई 2020 को आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने डॉ सुधाकर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री जगन रेड्डी को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री को बताया है कि पुलिस सुधाकर के प्रति अमानवीय व्यवहार कर रही है. पत्र में पुलिस के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है. इस मुद्दे पर राज्य डॉक्टर एसोसिएशन ने अपना दुख व्यक्त किया है. यह स्पष्ट किया है कि यदि डॉ सुधाकर के साथ न्याय नहीं हुआ तो डॉक्टरों के मनोबल पर इसका असर पड़ेगा.

वर्तमान में डॉ सुधाकर का इलाज मनोवैज्ञानिक अस्पताल में किया जा रहा है.

विशाखापत्तनम : कोरोना संक्रमण के दौरान कोरोना वॉरियर्स ही हमारे रक्षक हैं और डॉक्टर की इसमें सबसे अहम भूमिका होती है. लेकिन आंध्रप्रदेश से ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है. यहां एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने एन 95 मास्क की मांग कर ली. घटना विशाखापत्तनम के नरसिंहपत्तनम रीजनल अस्पताल की है.

डॉ सुधाकर इसी रीजनल अस्पताल मेें पदस्थापित हैं. उन्होंने आंध्र प्रदेश में कोरोना रोगियों के इलाज के लिए एन-95 मास्क की मांग की थी. इस पर डॉ सुधाकर को सरकार ने निलंबित कर दिया. वह अभी मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल में भर्ती हैं. हाईकोर्ट के निर्देशानुसार जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया है. हाईकोर्ट ने पूरे मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.

डॉक्टर सुधाकर ने कहा था कि ऑपरेशन अनुभवहीन डॉक्टरों के माध्यम से किया जाता है. इसलिए स्पेशल मास्क की आवश्यकता है. यह घटना सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई.

विशाखापत्तनम में डॉक्टर की गिरफ्तारी का

विशाखापत्तनम में गिरफ्तार

डॉ सुधाकर ने 16 मई 2020 को विशाखापत्तनम के पोर्ट अस्पताल के सामने अर्ध नग्न रूप से विरोध किया था. स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. थाने में लाने के बाद उन्हें केजीएच में भर्ती करा दिया गया. केजीएच के डॉक्टरों ने कहा कि सुधाकर की मानसिक स्थिति काफी अच्छी नहीं थी. पुलिस उन्हें यहां से सरकारी मनोरोग अस्पताल ले गई. डॉ सुधाकर पर धारा 353, 427 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

विशाखापत्तनम पुलिस आयुक्त आरके मीणा ने कहा कि डॉ सुधाकर ने हंगामा शराब के नशे में किया था. उन्होंने ये भी बताया कि जिस पुलिसकर्मी ने डॉक्टर के साथ मारपीट की थी, उसे निलंबित कर दिया गया है.

मां का आरोप, बेटे को जान का खतरा

विशाखापट्टनम में डॉ सुधाकर की मां ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उसके बेटे को जान का खतरा है.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. तेलगु देशम पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और जनसेना ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उन्होंने सुविधा की मांग की थी. विपक्षी दलों ने घटना के व्यापक जांच की मांग की है.

हाईकोर्ट में स्थिति

डॉक्टर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था. 20 मई 2020 को हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की गई. सरकार को पूरे विवरण के साथ पेश होने का निर्देश दिया गया है.

आईएमए ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखा

19 मई 2020 को आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने डॉ सुधाकर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री जगन रेड्डी को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री को बताया है कि पुलिस सुधाकर के प्रति अमानवीय व्यवहार कर रही है. पत्र में पुलिस के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है. इस मुद्दे पर राज्य डॉक्टर एसोसिएशन ने अपना दुख व्यक्त किया है. यह स्पष्ट किया है कि यदि डॉ सुधाकर के साथ न्याय नहीं हुआ तो डॉक्टरों के मनोबल पर इसका असर पड़ेगा.

वर्तमान में डॉ सुधाकर का इलाज मनोवैज्ञानिक अस्पताल में किया जा रहा है.

Last Updated : May 22, 2020, 1:17 PM IST
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