मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के महापुर गांव में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए खोदे जा रहे टीले से एक बुद्ध प्रतिमा और सिक्के मिले हैं, जो कथित रूप से कुषाण काल के हैं. राज्य पुरातत्व निदेशालय के वाराणसी के क्षेत्रीय अधिकारी, सुभाष चंद्र, ने गुरुवार को साइट का दौरा किया.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'साइट का निरीक्षण करने और मिट्टी के बर्तनों, टेराकोटा के टुकड़ों, ईंटों और सिक्कों सहित अन्य सामग्री को देखने पर ये तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 12वीं शताब्दी ईस्वी तक की आंकी गई. इसका मतलब है कि इस जगह का ऐतिहासिक परि²श्य मौर्य, सुंग, कुषाण, गुप्त और बाद के शासकों के इतिहास को समाहित करता है.'
चंद्र ने राज्य के संस्कृति विभाग को अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि सामग्री को एक संग्रहालय को सौंप दिया जाए, जबकि इसका एक हिस्सा वैज्ञानिक रूप से यह कितना पुराना है इसका पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने सरकार से क्षेत्र के लिए एक विस्तृत परियोजना शुरू करने का भी अनुरोध किया है.
13 दिसंबर को खुदाई के दौरान बुद्ध के सिर वाली प्रतिमा और सिक्कों के अलावा मिट्टी के बर्तन सहित टेराकोटा की कलाकृतियां भी मिलीं.
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एक स्थानीय बुद्ध समिति भीमज्योति बुद्धान्कुर समिति ने राज्य सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भी जगह बचाने के लिए लिखा है.
समिति के एक सदस्य ने कहा, 'लगभग 15 साल पहले टीले के दूसरे साइड से कुछ सिक्के और मूर्तियां बरामद की गई थीं. हमने विरासत स्थल के लिए सरकार से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब इस दूसरी घटना ने इस विश्वास को मजबूत कर दिया गया है कि यह स्थान पुरातात्विक रूप से महत्वपूर्ण है. इसलिए, हमने अपनी मांग दोहराई है.'
इस बीच, जिला मजिस्ट्रेट अमित बंसल ने खुदाई का काम रुकवा दिया है और अधिकारियों से जगह का सीमांकन करने को कहा है.
उन्होंने सामग्री की एक सूची तैयार करने और इसे सुरक्षित कस्टडी में रखने का भी निर्देश दिया.