ईटानगर: पूर्वोत्तर की संस्कृति की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद दुष्प्रचार किया जा रहा था कि इस क्षेत्र में अनुच्छेद 371 को भी निरस्त कर दिया जाएगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 371 के तहत विशेष दर्जा रखने वाले अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर में हैं. इस अनुच्छेद का मकसद उनकी सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कानूनों का संरक्षण है.
अरुणाचल प्रदेश के 34वें स्थापना दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था, उसके पहले पूर्वोत्तर शेष भारत के साथ सिर्फ भौगोलिक रूप से जुड़ा हुआ था. उन्होंने कहा, 'देश के बाकी हिस्सों के साथ इस क्षेत्र का वास्तविक भावनात्मक जुड़ाव केवल मोदी सरकार के तहत हुआ.'
शाह ने कहा, 'जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद गलत सूचना फैलाई गई कि अनुच्छेद 371 को भी खत्म कर दिया जाएगा. ऐसा कभी नहीं होगा. किसी का ऐसा कोई इरादा नहीं है'.
क्षेत्र में उग्रवाद और अंतरराज्यीय सीमा विवादों की समस्याओं का जिक्र करते हुए, गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार उनके हल के लिए प्रतिबद्ध है.
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उग्रवाद और अंतरराज्यीय विवादों के हल की चर्चा करते हुए गृहमंत्री ने कहा, '2024 में जब हम आपसे वोट मांगने आएंगे, तो उस समय तक पूर्वोत्तर उग्रवाद और अंतरराज्यीय विवाद जैसी समस्याओं से मुक्त हो जाएगा.'