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उत्तर प्रदेश : मनचलों ने ली अमेरिका में पढ़ रही होनहार बेटी की जान

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Published : Aug 11, 2020, 10:33 AM IST

Updated : Aug 11, 2020, 6:12 PM IST

गौतमबुद्धनगर जिला स्थित दादरी की रहने वाली मेधावी छात्रा सुदीक्षा की सड़क हादसे में मौत हो गई. सुदीक्षा अमेरिका में पढ़ाई कर रही थी. उसने लगभग चार करोड़ की स्कॉलरशिप हासिल की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ बाइक सवार उसका पीछा कर रहे थे.

sudiksha bhati dies in road accident in greater noida
होनहार छात्रा सुदीक्षा की सड़क हादसे में मौत

नोएडा : सोमवार को गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले की दादरी तहसील स्थित डेयरी स्कैनर की रहने वाली होनहार छात्रा सुदीक्षा की सड़क हादसे में उस वक्त मौत हो गई, जब कुछ मनचले उसकी स्कूटी का पीछा और छेड़छाड़ कर रहे थे. सुदीक्षा बहुत ही मेधावी छात्रा थी और उसे अमेरिका के बॉक्सन कॉलेज से 3.83 करोड़ की स्कॉलरशिप मिली थी. कोरोना संकट के कारण वह जून में अमेरिका से अपने घर लौटी थी. उसे 20 अगस्त को वापस अमेरिका जाना था.

चाय का ढाबा चलाकर जीविकोपार्जन करने वाले जितेंद्र भाटी की बेटी सुदीक्षा अपने रिश्तेदार के साथ स्कूटी से सिकंदराबाद जा रही थी. इस दौरान बुलेट मोटर साइकिल पर सवाद दो मनचले युवक सुदीक्षा से छेड़छाड़ करने लगे. स्कूटी चला रहे रिश्तेदार ने बचने के लिए अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाई तो मनचले ने उससे भी तेज रफ्तार से अपनी मोटरसाइकिल स्कूटी के आगे निकाली, जिससे स्कूटी मोटरसाइकिल से टकरा गई. इस हादसे में सिर में गंभीर चोल लगने के कारण सुदीक्षा की मौके पर मौत हो गई. इस घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा है. साथ ही लोग एक होनहार बेटी के असमय निधन से बेहद दुखी भी हैं.

सुदीक्षा की मौत के बाद परिवार का बुरा हाल

पिता के मुताबिक सुदीक्षा भाटी ने एचसीएल फाउंडेशन के विद्या ज्ञान स्कूल से पढ़ाई की थी. सुदीक्षा ने वर्ष 2018 में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में 98 फीसदी अंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया था. मेधावी सुदीक्षा को अमेरिका के बॉक्सन कॉलेज में दाखिला और 3.83 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई थी. जून में वह कोविड-19 के कारण गांव लौट आई थी. 20 अगस्त को उसे अमेरिका जाना था.

सुदीक्षा का चयन वर्ष 2011 में विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ था. वहीं से उसकी जिंदगी में बदलाव आया. सुदीक्षा बॉक्सन कॉलेज से इंटर्नशिप में ग्रेजुएशन कर रही थी. वह बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थी. स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया था. अगस्त वर्ष 2018 में सुदीक्षा अमेरिका चली गई थी. सुदीक्षा ने 'पूत के पांव पालने में' वाली कहावत को चरितार्थ किया था.

मामले में पुलिस का कहना है कि घटना के वक्त भाई ने अथवा प्रत्यक्षदर्शियों ने छेड़छाड़ जैसी बात नहीं बताई थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है.

सुदीक्षा ने किया है गांव का नाम रोशन

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
घटनाके बाद सुदीक्षा के परिवारीजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. घर में लोगों की भीड़ लगी हुई है. परिजनों ने बुलेट सवार लोगों पर छेड़खानी करने और टक्कर मारने का आरोप लगाया है. परिजनों ने अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की है. सुदीक्षा की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.

पढ़ें - इनाबत खालिक बनीं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला डिप्टी अकाउंटेंट जनरल

सुदीक्षा ने किया है गांव का नाम रोशन
सुदीक्षा दादरी के डेयरी स्कैनर गांव की रहने वाली थी और उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय में ही की थी. सुदीक्षा की अध्यापिका ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रही है. हर एक्टिविटी में वो आगे रहती थी. उस बच्ची में कुछ अलग ही बात थी. वो और बच्चों से पढ़ाई में अच्छे नंबर लाती थी. सुदीक्षा की अध्यापिका ने बताया कि अगर यह हादसा नहीं होता और वो जीवित होती तो भविष्य में अपने देश का ही नहीं, बल्कि विदेश का भी नाम रोशन करती. सुदीक्षा पढ़ाई में बहुत तेज थी और हमेशा से ही पहला स्थान प्राप्त करती थी.

नोएडा : सोमवार को गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले की दादरी तहसील स्थित डेयरी स्कैनर की रहने वाली होनहार छात्रा सुदीक्षा की सड़क हादसे में उस वक्त मौत हो गई, जब कुछ मनचले उसकी स्कूटी का पीछा और छेड़छाड़ कर रहे थे. सुदीक्षा बहुत ही मेधावी छात्रा थी और उसे अमेरिका के बॉक्सन कॉलेज से 3.83 करोड़ की स्कॉलरशिप मिली थी. कोरोना संकट के कारण वह जून में अमेरिका से अपने घर लौटी थी. उसे 20 अगस्त को वापस अमेरिका जाना था.

चाय का ढाबा चलाकर जीविकोपार्जन करने वाले जितेंद्र भाटी की बेटी सुदीक्षा अपने रिश्तेदार के साथ स्कूटी से सिकंदराबाद जा रही थी. इस दौरान बुलेट मोटर साइकिल पर सवाद दो मनचले युवक सुदीक्षा से छेड़छाड़ करने लगे. स्कूटी चला रहे रिश्तेदार ने बचने के लिए अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाई तो मनचले ने उससे भी तेज रफ्तार से अपनी मोटरसाइकिल स्कूटी के आगे निकाली, जिससे स्कूटी मोटरसाइकिल से टकरा गई. इस हादसे में सिर में गंभीर चोल लगने के कारण सुदीक्षा की मौके पर मौत हो गई. इस घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा है. साथ ही लोग एक होनहार बेटी के असमय निधन से बेहद दुखी भी हैं.

सुदीक्षा की मौत के बाद परिवार का बुरा हाल

पिता के मुताबिक सुदीक्षा भाटी ने एचसीएल फाउंडेशन के विद्या ज्ञान स्कूल से पढ़ाई की थी. सुदीक्षा ने वर्ष 2018 में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में 98 फीसदी अंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया था. मेधावी सुदीक्षा को अमेरिका के बॉक्सन कॉलेज में दाखिला और 3.83 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गई थी. जून में वह कोविड-19 के कारण गांव लौट आई थी. 20 अगस्त को उसे अमेरिका जाना था.

सुदीक्षा का चयन वर्ष 2011 में विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ था. वहीं से उसकी जिंदगी में बदलाव आया. सुदीक्षा बॉक्सन कॉलेज से इंटर्नशिप में ग्रेजुएशन कर रही थी. वह बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थी. स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया था. अगस्त वर्ष 2018 में सुदीक्षा अमेरिका चली गई थी. सुदीक्षा ने 'पूत के पांव पालने में' वाली कहावत को चरितार्थ किया था.

मामले में पुलिस का कहना है कि घटना के वक्त भाई ने अथवा प्रत्यक्षदर्शियों ने छेड़छाड़ जैसी बात नहीं बताई थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है.

सुदीक्षा ने किया है गांव का नाम रोशन

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
घटनाके बाद सुदीक्षा के परिवारीजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. घर में लोगों की भीड़ लगी हुई है. परिजनों ने बुलेट सवार लोगों पर छेड़खानी करने और टक्कर मारने का आरोप लगाया है. परिजनों ने अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की है. सुदीक्षा की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.

पढ़ें - इनाबत खालिक बनीं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला डिप्टी अकाउंटेंट जनरल

सुदीक्षा ने किया है गांव का नाम रोशन
सुदीक्षा दादरी के डेयरी स्कैनर गांव की रहने वाली थी और उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय में ही की थी. सुदीक्षा की अध्यापिका ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रही है. हर एक्टिविटी में वो आगे रहती थी. उस बच्ची में कुछ अलग ही बात थी. वो और बच्चों से पढ़ाई में अच्छे नंबर लाती थी. सुदीक्षा की अध्यापिका ने बताया कि अगर यह हादसा नहीं होता और वो जीवित होती तो भविष्य में अपने देश का ही नहीं, बल्कि विदेश का भी नाम रोशन करती. सुदीक्षा पढ़ाई में बहुत तेज थी और हमेशा से ही पहला स्थान प्राप्त करती थी.

Last Updated : Aug 11, 2020, 6:12 PM IST
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