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हाथरस में जातीय हिंसा की साजिश रच रहे थे पीएफआई के चारों सदस्य - एसटीएफ ने पूछताछ की

मथुरा से पकड़े गए पीएफआई के लोगों को रिमांड पर लेकर की गई पूछताछ में एसटीएफ को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप के बाद उपजे हालात का फायदा उठाते हुए पीएफआई के लोग जातीय हिंसा भड़काने की फिराक में थे.

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Published : Nov 22, 2020, 7:59 PM IST

लखनऊ : हाथरस गैंगरेप कांड के बाद उपजे तनावपूर्ण हालात का फायदा उठाते हुए पीएफआई ने जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रच रही थी, लेकिन समय रहते एसटीएफ ने कार्रवाई की, जिससे वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए.

सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ के द्वारा पकड़ा गया पत्रकार सिद्धकी कप्पन कुछ दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन गया हुआ था. वहीं दानिश नाम का एक आरोपी भी है, जो 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे का भी आरोपी है. यह सभी लोग हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रच रहे थे. एसटीएफ ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो कई अहम जानकारियां भी हाथ लगी हैं. एसटीएफ पकड़े गए सभी पीएफआई के सदस्यों के लिए हुई फंडिंग की भी जांच कर रही है.

हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने की थी साजिश
मथुरा से पकड़े गए पीएफआई के लोगों को रिमांड पर लेकर एसटीएफ ने पूछताछ की, तो कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. हाथरस में युवती से गैंगरेप के बाद उपजे हालात का फायदा उठाते हुए पीएफआई के लोग जातीय हिंसा भड़काने की फिराक में थे, लेकिन एसटीएफ ने इसमें समय रहते कार्रवाई की.

पकड़े गए पत्रकार सिद्धकी कप्पन को पीएफआई का ऑफिस सेक्रेटरी बताया गया है, जो कुछ दिनों पहले केपटाउन भी गया हुआ था. वहीं केपटाउन के लिए किसने फंडिंग की इसकी भी जांच हो रही है. दानिश नाम का एक आरोपी भी पकड़ा गया है, जो दिल्ली में हुई हिंसा का आरोपी है. इसके पहले मुजफ्फरनगर हिंसा का भी वह आरोपी था.

पढ़ें -लव जिहाद : गिरिराज के बयान पर तारिक अनवर ने कही यह बात

पीएफआई के सदस्यों को हुई फंडिंग की हो रही है जांच
हाथरस में जातीय हिंसा की साजिश कर रहे पीएफआई के चार सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है, तो वहीं इस मामले में ईडी भी जांच कर रही है. पीएफआई के पकड़े गए सदस्यों को हुई फंडिंग के मामले में जांच की जा रही है. यही नहीं हाथरस को लेकर बनाई गई वेबसाइट के कनेक्शन की भी जांच हो रही है.

लखनऊ : हाथरस गैंगरेप कांड के बाद उपजे तनावपूर्ण हालात का फायदा उठाते हुए पीएफआई ने जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रच रही थी, लेकिन समय रहते एसटीएफ ने कार्रवाई की, जिससे वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए.

सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ के द्वारा पकड़ा गया पत्रकार सिद्धकी कप्पन कुछ दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन गया हुआ था. वहीं दानिश नाम का एक आरोपी भी है, जो 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे का भी आरोपी है. यह सभी लोग हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रच रहे थे. एसटीएफ ने आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो कई अहम जानकारियां भी हाथ लगी हैं. एसटीएफ पकड़े गए सभी पीएफआई के सदस्यों के लिए हुई फंडिंग की भी जांच कर रही है.

हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने की थी साजिश
मथुरा से पकड़े गए पीएफआई के लोगों को रिमांड पर लेकर एसटीएफ ने पूछताछ की, तो कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. हाथरस में युवती से गैंगरेप के बाद उपजे हालात का फायदा उठाते हुए पीएफआई के लोग जातीय हिंसा भड़काने की फिराक में थे, लेकिन एसटीएफ ने इसमें समय रहते कार्रवाई की.

पकड़े गए पत्रकार सिद्धकी कप्पन को पीएफआई का ऑफिस सेक्रेटरी बताया गया है, जो कुछ दिनों पहले केपटाउन भी गया हुआ था. वहीं केपटाउन के लिए किसने फंडिंग की इसकी भी जांच हो रही है. दानिश नाम का एक आरोपी भी पकड़ा गया है, जो दिल्ली में हुई हिंसा का आरोपी है. इसके पहले मुजफ्फरनगर हिंसा का भी वह आरोपी था.

पढ़ें -लव जिहाद : गिरिराज के बयान पर तारिक अनवर ने कही यह बात

पीएफआई के सदस्यों को हुई फंडिंग की हो रही है जांच
हाथरस में जातीय हिंसा की साजिश कर रहे पीएफआई के चार सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है, तो वहीं इस मामले में ईडी भी जांच कर रही है. पीएफआई के पकड़े गए सदस्यों को हुई फंडिंग के मामले में जांच की जा रही है. यही नहीं हाथरस को लेकर बनाई गई वेबसाइट के कनेक्शन की भी जांच हो रही है.

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