गुवाहाटी/नई दिल्ली: असम में 'संदिग्ध नागरिक टैग' के कई मामले सामने आने के बाद द ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने गुरुवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) अपडेट प्रक्रिया (अद्यतन प्रक्रिया) की निष्पक्षता पर सवाल उठाया.
इसी विषय पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से भी इस त्रुटि के मामले में संपर्क करेगी.
उन्होंने कहा कि अगर अद्यतन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई होती तो उन्हें कोई संदेह नहीं होता. लेकिन असम में राज्य सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग अद्यतन प्रक्रिया में कर रही है.
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को भी सर्वोच्च न्यायालय ने अतिरिक्त अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि 'हम 31 जुलाई तक प्रतीक्षा करेंगे और उसके बाद अपनी तरफ से आगे बढ़ेंगे और केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे.
अजमल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उनका यह कथन इस तथ्य को पुख्ता करता है क्योंकि एनआरसी अद्यतन प्रक्रिया के कारण असम में विवाद पहले ही विवाद पैदा हो गया है. कई लोगों को एनआरसी अधिकारियों ने संदिग्ध नागरिक के रूप में टैग कया है.
उन्होंने आगे ईटीवी भारत को बताया कि कैसे एक करगिल के वीर मोहम्मद सनाउल्ला को भी संदिग्ध नागरिक की सूची में डाला दिया गया है.
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बता दें कि 31 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एनआरसी का अंतिम प्रकाशन 31 जुलाई तक कर दिया जाएगा.