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बदरुद्दीन अजमल ने NRC की प्रक्रिया पर उठाया सवाल- बोले, 31 जुलाई तक करेंगे इंतजार

एनआरसी का अंतिम प्रकाशन 31 जुलाई तक कर दिया जाएगा. इस पर एआईयूडीएफ का कहना है कि उसके बाद वे लोग केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

एनआरसी पर बोले बदरुद्दीन अजमल.
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Published : Jul 5, 2019, 12:11 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 12:31 PM IST

गुवाहाटी/नई दिल्ली: असम में 'संदिग्ध नागरिक टैग' के कई मामले सामने आने के बाद द ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने गुरुवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) अपडेट प्रक्रिया (अद्यतन प्रक्रिया) की निष्पक्षता पर सवाल उठाया.

एनआरसी पर बदरुद्दीन अजमल के विचार.

इसी विषय पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से भी इस त्रुटि के मामले में संपर्क करेगी.

उन्होंने कहा कि अगर अद्यतन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई होती तो उन्हें कोई संदेह नहीं होता. लेकिन असम में राज्य सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग अद्यतन प्रक्रिया में कर रही है.

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को भी सर्वोच्च न्यायालय ने अतिरिक्त अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि 'हम 31 जुलाई तक प्रतीक्षा करेंगे और उसके बाद अपनी तरफ से आगे बढ़ेंगे और केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे.
अजमल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उनका यह कथन इस तथ्य को पुख्ता करता है क्योंकि एनआरसी अद्यतन प्रक्रिया के कारण असम में विवाद पहले ही विवाद पैदा हो गया है. कई लोगों को एनआरसी अधिकारियों ने संदिग्ध नागरिक के रूप में टैग कया है.

उन्होंने आगे ईटीवी भारत को बताया कि कैसे एक करगिल के वीर मोहम्मद सनाउल्ला को भी संदिग्ध नागरिक की सूची में डाला दिया गया है.

पढ़ें: सिद्धू के खिलाफ कैप्टन के मंत्रियों ने खोला मोर्चा, दिल्ली में की शिकायत: सूत्र

बता दें कि 31 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एनआरसी का अंतिम प्रकाशन 31 जुलाई तक कर दिया जाएगा.

गुवाहाटी/नई दिल्ली: असम में 'संदिग्ध नागरिक टैग' के कई मामले सामने आने के बाद द ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने गुरुवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) अपडेट प्रक्रिया (अद्यतन प्रक्रिया) की निष्पक्षता पर सवाल उठाया.

एनआरसी पर बदरुद्दीन अजमल के विचार.

इसी विषय पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से भी इस त्रुटि के मामले में संपर्क करेगी.

उन्होंने कहा कि अगर अद्यतन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई होती तो उन्हें कोई संदेह नहीं होता. लेकिन असम में राज्य सरकार अपनी मशीनरी का उपयोग अद्यतन प्रक्रिया में कर रही है.

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को भी सर्वोच्च न्यायालय ने अतिरिक्त अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि 'हम 31 जुलाई तक प्रतीक्षा करेंगे और उसके बाद अपनी तरफ से आगे बढ़ेंगे और केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे.
अजमल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उनका यह कथन इस तथ्य को पुख्ता करता है क्योंकि एनआरसी अद्यतन प्रक्रिया के कारण असम में विवाद पहले ही विवाद पैदा हो गया है. कई लोगों को एनआरसी अधिकारियों ने संदिग्ध नागरिक के रूप में टैग कया है.

उन्होंने आगे ईटीवी भारत को बताया कि कैसे एक करगिल के वीर मोहम्मद सनाउल्ला को भी संदिग्ध नागरिक की सूची में डाला दिया गया है.

पढ़ें: सिद्धू के खिलाफ कैप्टन के मंत्रियों ने खोला मोर्चा, दिल्ली में की शिकायत: सूत्र

बता दें कि 31 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एनआरसी का अंतिम प्रकाशन 31 जुलाई तक कर दिया जाएगा.

Intro:New Delhi: After several cases of "doubtful citizen tag" in Assam came to the fore, the All India United Democratic Front (AIUDF) on Thursday has raised question mark over the impartiality of the National Register of Citizen (NRC) updating process.


Body:Taking to ETV Bharat, AIUDF chief Badruddin Ajmal said that his party will approach to the Central government as well as to the Supreme Court in case of an error.

"If the update process was carried out solely by the Supreme Court, we did not have any doubt. But of late, state Governmnet in Assam has been using its machinaries in the updating process. NRC coordinator Prateek Hajela has also been given additional power by the apex court...we will wait till July 31 and after that we will take our action," said Ajmal.

His statement assumes significance following the fact that NRC update process has already created controversies in Assam with many people have been tagged as doubtful citizen by the NRC officials.

A Kargil veteran Mohammad Sanaullah has also been tagged as doubtful citizen. Minister of State for Home G Kishan Reddy even told in the Parliament on Wednesday that Sanaulah's documents does not march with his indian domicile.


Conclusion:As directed by the Supreme Court, Government is all set to publish the final NRC in Assam on July 31.

The NRC update process was initiated to identify and detect the illegal Bangladeshi people living in Assam. In fact, it was a demand made by influential All Assam Students Union (AASU) during the six years long Assam agitation in late 70's in Assam.

end.
Last Updated : Jul 5, 2019, 12:31 PM IST
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