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दिल्ली की 'हवा खराब' रहने की आशंका, कुछ राज्यों में बारिश के आसार'

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Published : Oct 21, 2020, 3:06 AM IST

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि आने वाले दो-तीन दिनों तक दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता 'खराब' रहने की आशंका है. ऐसा हवा की गति व कुछ अन्य कारणों से हो सकता है. खराब हवा का एक कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट भी है. मौसम विभाग के मुताबिक पिछले एक महीने में तीसरी बार मंगलवार को कम दबाव का क्षेत्र बना है. इससे आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अगले तीन दिन तक मूसलाधार बारिश होने की संभावना है.

delhi air quality
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता

नई दिल्ली : पर्यावरण में हो रहे बदलाव के बीच दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हो चुकी है. मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले 2-3 दिनों में राष्ट्रीय राजधानी का प्रदूषण स्तर बढ़ सकता है. ऐसा हवा की गति और न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण होने की आशंका है.

आईएमडी के वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में बहुत अधिक बदलाव नहीं होंगे. यहां तक कि वायु की गुणवत्ता में और गिरावट की संभावना कम है.

हवा की गुणवत्ता के संबंध में उन्होंने बताया कि 'वायु गुणवत्ता सूचकांक अगले 2-3 दिनों तक 'खराब' या 'पुअर' श्रेणी के निचले हिस्से पर समान रहेगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में अभी तक एंटी-साइक्लोन का गठन नहीं हुआ है, इसके कारण हवा की गुणवत्ता में ज्यादा फर्क नहीं आएगा.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के SAFAR बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 252 था. गौरतलब है कि 0 और 50 के बीच AQI 'अच्छी' श्रेणी, 51 और 100 'संतोषजनक', 101 और 200 'मध्यम', 201 और 300 के रूप में 'गरीब', 301 और 400 'बहुत गरीब' के रूप में आता है, जबकि 401 और 500 'गंभीर' श्रेणी के अंतर्गत गिने जाते हैं.

delhi
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक

हवा के अलावा बारिश की आशंका

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी पश्चिमी बंगाल और सिक्किम, झारखंड , मध्यप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र, गुजरात में जिन हिस्सों में अभी भी दक्षिण-पश्चिमी मानसून सक्रिय है, उसके अगले दो-तीन दिन में वहां से हटने के लिए सही वातावरण तैयार हो रहा है.

गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून इस साल देरी से लौट रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार, 'आज, 20 अक्टूबर की सुबह बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में कम दबाव का क्षेत्र बना। अगले 48 घंटे में इसके और गहरे होने और शुरुआत में उत्तर-पश्चिम में बढ़ने और अगले तीन दिन में उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने का अनुमान है.'

मंगलवार को मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कम दबाव के क्षेत्र के कारण आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अगले तीन दिन में बारिश होने का अनुमान है। उन्होंने कहा, इसके बाद यह ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्र की ओर बढ़ेगा जिससे उत्तरी-पूर्वी भारत मं 22-24 अक्टूबर तक मूसलाधार वर्षा का अनुमान है।

कम दबाव के क्षेत्र के कारण दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में बारिश होने की आशंका है.

मौसम विभाग के अनुसार, 'ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों में कहीं-कहीं 22 अक्टूबर को बेहद भारी बारिश (115.6-204.4 मिली मीटर प्रति दिन) होने का अनुमान है. नगालैंड, मणपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 23 अक्टूबर को जबकि असम और मेघालय में 24 अक्टूबर को कहीं-कहीं भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है.'

हवा के संदर्भ में राष्ट्रीय राजधाानी दिल्ली के अलावा हरियाणा के जींद जिले का हाल तो बेहाल हो गया है. जींद का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 290 तक पहुंच गया है. वहीं अगर शहर के अन्य इलाकों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी गंभीर है. खस्ताहाल सड़कें और सड़कों पर दिनभर उड़ती धूल के कारण आस-पास के दुकानदार ही नहीं आम लोग भी काफी परेशान हैं.

दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हुई

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा ना तो यहां कोई पानी का छिड़काव करवाया जा रहा है और ना ही सड़क बनवाई जा रही है. स्थानीय निवासी मनीष सिंगला बताते हैं कि

सड़क का निर्माण कार्य नहीं होने के चलते यहां भारी मात्रा में धूल उड़ती रहती है. हालात ये हैं कि यहां पर रहने वाले लोगों में आए दिन बीमारियां बढ़ रही हैं. यही नहीं लोगों की दुकानें भी खाली पड़ी रहती है. प्रदूषण के कारण लोग खरीददारी के लिए यहां कोई नहीं आता. मनीष सिंगला बताते हैं कि बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन उसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.

जींद शहर, दिल्ली के कई मुख्य इलाकों से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुका है. जींद का पीएम यानी हवा में धूल के कण का स्तर भी इस सप्ताह 220 तक पहुंच गया था, जो 17 अक्टूबर को 191 मापा गया. शहर में लगातार बढ़ता प्रदूषण का स्तर लोगों की गंभीर बीमारियों का सबब बना हुआ है. जनरल फिजिशियन डॉ डीपी जैन बताते हैं कि

जब मिट्टी और धूल के कण हमारे शरीर के अंदर जाते हैं तो इससे सांस संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है. अस्थमा के मरीजों के लिए ये प्रदूषण और भी घातक साबित हो रहा है. डॉक्टर कहते हैं कि अगर अस्थमा मरीज ज्यादा प्रदूषण की चपेट में आता है तो दम घुटने से उसकी मौत भी हो सकती है.

ये भी पढ़ेंः चंडीगढ़: प्रदूषण बढ़ा तो हरियाणा-यूपी में बंद हो सकते हैं थर्मल पावर प्लांट

अक्टूबर में जींद शहर का प्रदूषण स्तर

तारीख एक्यूआई (AQI)
11 अक्टूबर235
12 अक्टूबर250
13 अक्टूबर274
14 अक्टूबर290
15 अक्टूबर290
16 अक्टूबर235
17 अक्टूबर241
18 अक्टूबर260
19 अक्टूबर250
20 अक्टूबर272

रोहतक रोड़ पर ठेकेदारों की लापरवाही की मार आम जनता भुगत रही है. आलम ये है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. जींद वासियों की परेशानी और सड़कों पर उड़ती इस धूल को लेकर ईटीवी भारत ने जींद उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया से भी बातचीत की है. डॉ. आदित्य दहिया बताते हैं कि

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ लिखित में शिकायत दी है. साथ ही ठेकेदार को सड़क निर्माण के लिए एक महीने का समय दिया गया है, ताकि वहां उड़ती धूल मिट्टी से लोगों को निजात मिल सके.

लॉकडाउन के दौरान शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 20 तक पहुंच गया था. हवा में प्रदूषण की मात्रा न के बराबर थी. अब जैसे-जैसे अनलॉक के चरण बढ़ते गए वैसे-वैसे AQI भी बढ़ता गया. जैसे जून तक शहर का AQI 70 के आसपास रहा.

वहीं जुलाई में प्रदूषण का स्तर 80 से 90 के बीच रहा. अगस्त महीने में भी प्रदूषण स्तर 100 से नीचे ही रहा, जो सेहत के लिए किसी भी तरह से नुक्सानदायक नहीं है. सितंबर महीने के अंत में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान यानी 200 की तरफ बढ़ने लगा. लेकिन अक्टूबर महीने में धान की कटाई के बाद प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर तक चला गया.

नई दिल्ली : पर्यावरण में हो रहे बदलाव के बीच दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हो चुकी है. मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले 2-3 दिनों में राष्ट्रीय राजधानी का प्रदूषण स्तर बढ़ सकता है. ऐसा हवा की गति और न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण होने की आशंका है.

आईएमडी के वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में बहुत अधिक बदलाव नहीं होंगे. यहां तक कि वायु की गुणवत्ता में और गिरावट की संभावना कम है.

हवा की गुणवत्ता के संबंध में उन्होंने बताया कि 'वायु गुणवत्ता सूचकांक अगले 2-3 दिनों तक 'खराब' या 'पुअर' श्रेणी के निचले हिस्से पर समान रहेगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में अभी तक एंटी-साइक्लोन का गठन नहीं हुआ है, इसके कारण हवा की गुणवत्ता में ज्यादा फर्क नहीं आएगा.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के SAFAR बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 252 था. गौरतलब है कि 0 और 50 के बीच AQI 'अच्छी' श्रेणी, 51 और 100 'संतोषजनक', 101 और 200 'मध्यम', 201 और 300 के रूप में 'गरीब', 301 और 400 'बहुत गरीब' के रूप में आता है, जबकि 401 और 500 'गंभीर' श्रेणी के अंतर्गत गिने जाते हैं.

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एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक

हवा के अलावा बारिश की आशंका

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी पश्चिमी बंगाल और सिक्किम, झारखंड , मध्यप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र, गुजरात में जिन हिस्सों में अभी भी दक्षिण-पश्चिमी मानसून सक्रिय है, उसके अगले दो-तीन दिन में वहां से हटने के लिए सही वातावरण तैयार हो रहा है.

गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून इस साल देरी से लौट रहा है.

मौसम विभाग के अनुसार, 'आज, 20 अक्टूबर की सुबह बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में कम दबाव का क्षेत्र बना। अगले 48 घंटे में इसके और गहरे होने और शुरुआत में उत्तर-पश्चिम में बढ़ने और अगले तीन दिन में उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने का अनुमान है.'

मंगलवार को मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कम दबाव के क्षेत्र के कारण आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अगले तीन दिन में बारिश होने का अनुमान है। उन्होंने कहा, इसके बाद यह ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्र की ओर बढ़ेगा जिससे उत्तरी-पूर्वी भारत मं 22-24 अक्टूबर तक मूसलाधार वर्षा का अनुमान है।

कम दबाव के क्षेत्र के कारण दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में बारिश होने की आशंका है.

मौसम विभाग के अनुसार, 'ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों में कहीं-कहीं 22 अक्टूबर को बेहद भारी बारिश (115.6-204.4 मिली मीटर प्रति दिन) होने का अनुमान है. नगालैंड, मणपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 23 अक्टूबर को जबकि असम और मेघालय में 24 अक्टूबर को कहीं-कहीं भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है.'

हवा के संदर्भ में राष्ट्रीय राजधाानी दिल्ली के अलावा हरियाणा के जींद जिले का हाल तो बेहाल हो गया है. जींद का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 290 तक पहुंच गया है. वहीं अगर शहर के अन्य इलाकों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी गंभीर है. खस्ताहाल सड़कें और सड़कों पर दिनभर उड़ती धूल के कारण आस-पास के दुकानदार ही नहीं आम लोग भी काफी परेशान हैं.

दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हुई

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा ना तो यहां कोई पानी का छिड़काव करवाया जा रहा है और ना ही सड़क बनवाई जा रही है. स्थानीय निवासी मनीष सिंगला बताते हैं कि

सड़क का निर्माण कार्य नहीं होने के चलते यहां भारी मात्रा में धूल उड़ती रहती है. हालात ये हैं कि यहां पर रहने वाले लोगों में आए दिन बीमारियां बढ़ रही हैं. यही नहीं लोगों की दुकानें भी खाली पड़ी रहती है. प्रदूषण के कारण लोग खरीददारी के लिए यहां कोई नहीं आता. मनीष सिंगला बताते हैं कि बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन उसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.

जींद शहर, दिल्ली के कई मुख्य इलाकों से भी ज्यादा प्रदूषित हो चुका है. जींद का पीएम यानी हवा में धूल के कण का स्तर भी इस सप्ताह 220 तक पहुंच गया था, जो 17 अक्टूबर को 191 मापा गया. शहर में लगातार बढ़ता प्रदूषण का स्तर लोगों की गंभीर बीमारियों का सबब बना हुआ है. जनरल फिजिशियन डॉ डीपी जैन बताते हैं कि

जब मिट्टी और धूल के कण हमारे शरीर के अंदर जाते हैं तो इससे सांस संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है. अस्थमा के मरीजों के लिए ये प्रदूषण और भी घातक साबित हो रहा है. डॉक्टर कहते हैं कि अगर अस्थमा मरीज ज्यादा प्रदूषण की चपेट में आता है तो दम घुटने से उसकी मौत भी हो सकती है.

ये भी पढ़ेंः चंडीगढ़: प्रदूषण बढ़ा तो हरियाणा-यूपी में बंद हो सकते हैं थर्मल पावर प्लांट

अक्टूबर में जींद शहर का प्रदूषण स्तर

तारीख एक्यूआई (AQI)
11 अक्टूबर235
12 अक्टूबर250
13 अक्टूबर274
14 अक्टूबर290
15 अक्टूबर290
16 अक्टूबर235
17 अक्टूबर241
18 अक्टूबर260
19 अक्टूबर250
20 अक्टूबर272

रोहतक रोड़ पर ठेकेदारों की लापरवाही की मार आम जनता भुगत रही है. आलम ये है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. जींद वासियों की परेशानी और सड़कों पर उड़ती इस धूल को लेकर ईटीवी भारत ने जींद उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया से भी बातचीत की है. डॉ. आदित्य दहिया बताते हैं कि

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ लिखित में शिकायत दी है. साथ ही ठेकेदार को सड़क निर्माण के लिए एक महीने का समय दिया गया है, ताकि वहां उड़ती धूल मिट्टी से लोगों को निजात मिल सके.

लॉकडाउन के दौरान शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 20 तक पहुंच गया था. हवा में प्रदूषण की मात्रा न के बराबर थी. अब जैसे-जैसे अनलॉक के चरण बढ़ते गए वैसे-वैसे AQI भी बढ़ता गया. जैसे जून तक शहर का AQI 70 के आसपास रहा.

वहीं जुलाई में प्रदूषण का स्तर 80 से 90 के बीच रहा. अगस्त महीने में भी प्रदूषण स्तर 100 से नीचे ही रहा, जो सेहत के लिए किसी भी तरह से नुक्सानदायक नहीं है. सितंबर महीने के अंत में प्रदूषण का स्तर खतरे के निशान यानी 200 की तरफ बढ़ने लगा. लेकिन अक्टूबर महीने में धान की कटाई के बाद प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर तक चला गया.

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