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दिल्ली : वायु गुणवत्ता की श्रेणी बेहद खराब, आज से जनरेटर पर पाबंदी

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Published : Oct 15, 2020, 9:21 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई, लेकिन वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 276 दर्ज किया गया. मंगलवार को एएक्यूआई 300 रहा था. जानें क्या है एक्यूआई, जिससे वायु की गुणवत्ता मापी जाती है...

प्रदूषण के स्तर में गिरावट
प्रदूषण के स्तर में गिरावट

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. इसके बाद वायु गुणवत्ता खराब होती जा रही है. आज दिल्ली के चार इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब दर्ज किया गया. आईटीओ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 366, आरके पुरम में 309, आनंद विहार में 313 और वजीरपुर में 339 रहा. इन चार जगहों में यह नंबर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों को दर्शाते हैं, जो कि बहुत खराब श्रेणी में हैं. डीपीसीसी ने आज (15 अक्टूबर) से जनरेटर सेट्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. डीजल, पेट्रोल और केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमताओं के बिजली पैदा करने वाले जनरेटर पर यह पाबंदी लागू रहेगी.

इससे पहले बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 276 दर्ज किया गया. मंगलवार को एएक्यूआई 300 रहा था.

वजीराबाद के सिग्नेचर ब्रिज से कैप्चर किए गए दृश्यों में देखा जा सकता है कि वायु की गुणवत्ता किस हद तक खराब है.

क्या है वेंटिलेशन इंडेक्स
'वेंटिलेशन इंडेक्स' वह गति है, जिस पर प्रदूषक तितर-बितर हो सकते हैं. औसतन 10 किमी प्रति घंटे से कम हवा की गति के साथ 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकंड से कम वेंटिलेशन सूचकांक, प्रदूषकों के फैलने के लिए प्रतिकूल है.

पढ़ें : प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में आज से लागू होगा GRAP, नहीं चल सकेंगे जनरेटर

ऐसे समझें एक्यूआई
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

कम तापमान और हवा स्थिर रहने से सतह के नजदीक प्रदूषक जमा हो जाते हैं जिससे वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है.

भारतीय मौसम विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार बुधवार को हवा की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो हरियाणा और पंजाब में खेत की आग से धुएं के परिवहन के लिए अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा, 'बुधवार और बृहस्पतिवार को वेंटिलेशन इंडेक्स 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकंड रहने की संभावना है.'

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता, सफर ने कहा, 'हरियाणा, पंजाब और आस-पास के सीमावर्ती क्षेत्रों में मंगलवार को अपेक्षाकृत कम पराली जलायी गई.'

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब रहने से कोविड-19 महामारी में बढ़ोतरी हो सकती है.

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है. 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' का नेतृत्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा किया जा रहा है.

सर्दियों में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की निगरानी के लिए दिल्ली सचिवालय में 10 सदस्यीय विशेषज्ञ दल के साथ एक 'ग्रीन वार रूम' स्थापित किया गया है. पर्यावरण विभाग ने धूल नियंत्रण मानदंडों की धज्जियां उड़ाने वाले निर्माण और निर्माण गिराने वाले बड़े स्थलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है.

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में जरूरी व आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी रहेगी. ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत आज से वायु प्रदूषण को लेकर यह कार्रवाई अमल में आ जाएगी. हाईवे एवं मेट्रो जैसी बड़ी परियोजनाओं में निर्माण कार्य के लिए पहले भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. इसके बाद वायु गुणवत्ता खराब होती जा रही है. आज दिल्ली के चार इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब दर्ज किया गया. आईटीओ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 366, आरके पुरम में 309, आनंद विहार में 313 और वजीरपुर में 339 रहा. इन चार जगहों में यह नंबर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों को दर्शाते हैं, जो कि बहुत खराब श्रेणी में हैं. डीपीसीसी ने आज (15 अक्टूबर) से जनरेटर सेट्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. डीजल, पेट्रोल और केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमताओं के बिजली पैदा करने वाले जनरेटर पर यह पाबंदी लागू रहेगी.

इससे पहले बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 276 दर्ज किया गया. मंगलवार को एएक्यूआई 300 रहा था.

वजीराबाद के सिग्नेचर ब्रिज से कैप्चर किए गए दृश्यों में देखा जा सकता है कि वायु की गुणवत्ता किस हद तक खराब है.

क्या है वेंटिलेशन इंडेक्स
'वेंटिलेशन इंडेक्स' वह गति है, जिस पर प्रदूषक तितर-बितर हो सकते हैं. औसतन 10 किमी प्रति घंटे से कम हवा की गति के साथ 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकंड से कम वेंटिलेशन सूचकांक, प्रदूषकों के फैलने के लिए प्रतिकूल है.

पढ़ें : प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में आज से लागू होगा GRAP, नहीं चल सकेंगे जनरेटर

ऐसे समझें एक्यूआई
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

कम तापमान और हवा स्थिर रहने से सतह के नजदीक प्रदूषक जमा हो जाते हैं जिससे वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है.

भारतीय मौसम विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार बुधवार को हवा की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो हरियाणा और पंजाब में खेत की आग से धुएं के परिवहन के लिए अनुकूल नहीं है. उन्होंने कहा, 'बुधवार और बृहस्पतिवार को वेंटिलेशन इंडेक्स 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकंड रहने की संभावना है.'

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता, सफर ने कहा, 'हरियाणा, पंजाब और आस-पास के सीमावर्ती क्षेत्रों में मंगलवार को अपेक्षाकृत कम पराली जलायी गई.'

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब रहने से कोविड-19 महामारी में बढ़ोतरी हो सकती है.

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है. 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' का नेतृत्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा किया जा रहा है.

सर्दियों में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की निगरानी के लिए दिल्ली सचिवालय में 10 सदस्यीय विशेषज्ञ दल के साथ एक 'ग्रीन वार रूम' स्थापित किया गया है. पर्यावरण विभाग ने धूल नियंत्रण मानदंडों की धज्जियां उड़ाने वाले निर्माण और निर्माण गिराने वाले बड़े स्थलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है.

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में जरूरी व आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी रहेगी. ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत आज से वायु प्रदूषण को लेकर यह कार्रवाई अमल में आ जाएगी. हाईवे एवं मेट्रो जैसी बड़ी परियोजनाओं में निर्माण कार्य के लिए पहले भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी.

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