हैदराबाद : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प के साथ 24 फरवरी को गुजरात पहुंचेंगे. ट्रंप भारत दौरे पर अपने विमान 'एयर फोर्स वन' में आएंगे.
इसके बाद वह अपनी सात सीटर लिमोजीन 'बीस्ट' में सवार होकर सीधे मोटेरा स्टडियम जाएंगे. यह लिमोजीन 1.5 मिलियन डॉलर की लागत से बनी है.
एयर फोर्स वन
- एयर फोर्स वन वह हवाई जहाज है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति यात्रा करते हैं. इसे हवा में व्हाइट हाउस भी कहा जाता है.
- इस विमान में हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है. इस पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के हमले का कोई असर नहीं होगा और यह अमेरिकी प्रेसीडेंसी और अमेरिकी संस्कृति के प्रतीकों में से एक है.
- यह विमान उन्नत संचार उपकरणों से लैस है, जो अमेरिका पर हमले की स्थिति में इसे मोबाइल कमांड सेंटर के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाते हैं.
- इस विमान में तीन तल हैं, जिसका क्षेत्रफल 4000 वर्ग फीट है. इसमें एक बड़ा कार्यालय कक्ष, सम्मेलन कक्ष और राष्ट्रपति के साथ रहने वालों के लिए कमरे हैं.
- बता दें कि कई कार्गो जहाज इसके आगे उड़ान भरते हैं ताकी दूरदराज के स्थानों में जरूरत पड़ने पर उन्हें सेवाएं दी जा सके.
- व्हाइट हाउस के सैन्य कार्यालय का हिस्सा, राष्ट्रपति एयरलिफ्ट समूह, एयर फोर्स वन का रखरखाव और संचालन करता है.
बीस्ट
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप की कार 'बीस्ट' को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा इस्तमाल की गई कैडिलैक वन की जगह 24 सितंबर, 2018 को पेश किया गया था.
- बीस्ट, विशिष्ट रूप से रक्षा सामानों जैसे कि पंप-एक्शन शॉटगन, आंसू गैस ग्रेनेड लांचर, स्मोक स्क्रीन डिस्पेंसर और राष्ट्रपति को सुरक्षित रखने के लिए अग्निशमन प्रणाली से लैस है.
- इसके अलावा, यह बुलेट-प्रूफ खिड़कियों और दरवाजों, बम-प्रूफ ढांचे, पंचर-प्रतिरोधी टायर और सैटेलाईट फोन से भी लैस है.
- बीस्ट की बॉडी स्टील, एल्यूमीनियम, टाइटेनियम और सिरेमिक से बनी है.
- बीस्ट के दरवाजे बंद होने पर इसके अंदर बैठे व्यक्ति पर रासायनिक हमले का कोई असर नहीं पड़ेगा.
- इसके अलावा, वाहन में राष्ट्रपति के ब्लड ग्रूप का खून, पैनिक बटन, ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए उपकरण और नाइट विजन कैमरे भी होते हैं.
- इसमें ड्राइवर और यात्रि के बीच एक कांच की खीड़की होती है जिसपर सिर्फ ट्रंप का नियंत्रण होता है.
- बीस्ट के ड्राइवर को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस द्वारा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए ट्रेनिंग मिली होती है.