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औरंगाबाद : मजदूर संघ ने पीड़ितों के लिए की एक करोड़ मुआवजा राशि की मांग

अखिल भारतीय किसान सभा और अखिल भरतीय कृषि मजदूर यूनियन ने औरंगाबाद में मालगाड़ी से कुचल कर मारे गये सभी 16 प्रवासी मजदूरों के लिये एक करोड़ रुपये प्रति परिवार बतौर मुआवजा की मांग सरकर से की है. जानें विस्तार से...

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औरंगाबाद हादसा
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Published : May 8, 2020, 8:36 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से कुचल कर मारे गये सभी 16 प्रवासी मजदूरों के लिये एक करोड़ रुपये प्रति परिवार बतौर मुआवजा की मांग सरकर से की है. अखिल भारतीय किसान सभा और अखिल भरतीय कृषि मजदूर यूनियन के द्वारा शुक्रवार को एक संयुक्त व्यक्तव्य में यह मांग रखी गई है. ये दोनो ही संगठन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सेे संबद्ध हैं और देश की सबसे बड़े किसान और मजदूर संगठन में गिने जाते हैं.

अखिल भारतीय किसान संगठन और अखिल भारतीय कृषि मजदूर संगठन ने सीधे तौर पर भाजपा की केंद्र सरकार को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि पूरे मामले में जांच का आदेश महज दिखावा है.

दोनो संगठनों ने सभी मृतक मजदूरों के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने कि मांग रखी है.
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले और महासचिव हनान मोल्ला के द्वारा जारी किए गए व्यक्तव्य में कहा गया है कि यह दुखद घटना सरकार के द्वारा अनियोजित लॉक डाउन और प्रवासी मजदूरों के प्रति असंवेदनशीलता का नतीजा है.

अखिल भारतीय किसान सभा और अखिल भारतीय कृषि मजदूर यूनियन शुरु से ही मांग करते रहे हैं कि प्रवासी मजदूरों के विषय में केंद्र सरकार और खुद प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए और मजदूरों के लिये भोजन, आवास और उनको घर वापस जाने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.

गौरतलब है की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और उससे संबद्ध सभी अन्य संगठन लॉकडाउन के शुरुआत से ही मजदूरों के पलायन और उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग करते रहे हैं. आज एक बार फिर अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि देश में सभी गरीबों को 7500 रुपये का समर्थन आय सरकार के द्वारा दिया जाना चाहिये और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को कम से कम 300 रुपये प्रति दिन की मजदूरी सुनिश्चित की जानी चाहिए.

संगठनों ने सरकार से मजदूरों को राशन और अन्य जरूरी सामग्री के साथ उन्हें उनके गृह राज्य पहुंचाये जाने के लिए साधन की व्यवस्था करने की भी मांग की है. जो मजदूर फंसे हुए हैं उनके लिए सभी राज्यों में आश्रय घर की व्यवस्था करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को अतिरिक्त आर्थिक मदद दी जाने की मांग भी दोनो संगठनों द्वारा उठाई गई है.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से कुचल कर मारे गये सभी 16 प्रवासी मजदूरों के लिये एक करोड़ रुपये प्रति परिवार बतौर मुआवजा की मांग सरकर से की है. अखिल भारतीय किसान सभा और अखिल भरतीय कृषि मजदूर यूनियन के द्वारा शुक्रवार को एक संयुक्त व्यक्तव्य में यह मांग रखी गई है. ये दोनो ही संगठन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सेे संबद्ध हैं और देश की सबसे बड़े किसान और मजदूर संगठन में गिने जाते हैं.

अखिल भारतीय किसान संगठन और अखिल भारतीय कृषि मजदूर संगठन ने सीधे तौर पर भाजपा की केंद्र सरकार को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि पूरे मामले में जांच का आदेश महज दिखावा है.

दोनो संगठनों ने सभी मृतक मजदूरों के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने कि मांग रखी है.
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले और महासचिव हनान मोल्ला के द्वारा जारी किए गए व्यक्तव्य में कहा गया है कि यह दुखद घटना सरकार के द्वारा अनियोजित लॉक डाउन और प्रवासी मजदूरों के प्रति असंवेदनशीलता का नतीजा है.

अखिल भारतीय किसान सभा और अखिल भारतीय कृषि मजदूर यूनियन शुरु से ही मांग करते रहे हैं कि प्रवासी मजदूरों के विषय में केंद्र सरकार और खुद प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए और मजदूरों के लिये भोजन, आवास और उनको घर वापस जाने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.

गौरतलब है की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और उससे संबद्ध सभी अन्य संगठन लॉकडाउन के शुरुआत से ही मजदूरों के पलायन और उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग करते रहे हैं. आज एक बार फिर अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि देश में सभी गरीबों को 7500 रुपये का समर्थन आय सरकार के द्वारा दिया जाना चाहिये और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को कम से कम 300 रुपये प्रति दिन की मजदूरी सुनिश्चित की जानी चाहिए.

संगठनों ने सरकार से मजदूरों को राशन और अन्य जरूरी सामग्री के साथ उन्हें उनके गृह राज्य पहुंचाये जाने के लिए साधन की व्यवस्था करने की भी मांग की है. जो मजदूर फंसे हुए हैं उनके लिए सभी राज्यों में आश्रय घर की व्यवस्था करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को अतिरिक्त आर्थिक मदद दी जाने की मांग भी दोनो संगठनों द्वारा उठाई गई है.

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