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मध्य प्रदेश में तय होगा सब्जियों का समर्थन मूल्य! शिवराज ने मांगी दो दिन में रिपोर्ट

केरल के बाद अब शिवराज सरकार भी सब्जी किसानों को बड़ी राहत दे सकती है. सरकार सब्जियों का समर्थन मूल्य तय करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सिलसिले में सोमवार को एक अहम बैठक भी की है.

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Published : Nov 24, 2020, 7:08 AM IST

भोपाल। प्रदेश में सब्जी किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है. मध्य प्रदेश सरकार अब सब्जियों का समर्थन मूल्य तय करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सिलसिले में सोमवार को एक अहम बैठक की. इसमें उन्होंने अधिकारियों से 2 दिन में रिपोर्ट मांगी है. 29 अक्टूबर को ईटीवी भारत से बात करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश में सब्जियों को समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की तरफ इशारा किया था. हालांकि चुनावी आचार संहिता के चलते उन्होंने इस पर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा था.

'किसानों को मिले फायदा'

बैठक में सीएम ने कहा, हमारा किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है. लेकिन अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं. ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले. सब्जियों के थोक और खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए. सब्जियों के समर्थन मूल्य निर्धारित करने की रिपोर्ट तैयार की जाए.

समर्थन मूल्य पर विचार

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि, 'किसानों को उनकी सब्जियों और उपज का उचित मूल्य दिलवाना. इसके लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के बाद सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए रिपोर्ट तैयार की जाए. दो दिन में रिपोर्ट पेश की जाए.'बैठक में बताया गया कि, केरल जैसे राज्यों में सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की व्यवस्था है. केरल में इसके लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.

क्यों हो रही थी MSP की मांग

उत्पादन कम होने की स्थिति में मंडियों में किसानों को सब्जियों के भाव अच्छे मिलते हैं, लेकिन जब आवक बंपर होती है, तो दाम कम हो जाते हैं. कई बार तो कम भाव मिलने पर किसान रोष जताते हुए सब्जियां सड़कों पर फेंककर प्रदर्शन भी किया करते हैं. सीजन में टमाटर, आलू समेत अन्य सब्जियों के भाव दो से पांच रुपए किलो तक पहुंच जाते हैं.

किसान की नहीं हो पाती भरपाई

सब्जियों की खेती करने के साथ-साथ सब्जियों का व्यापार करने वाले किसान मांग करते आए हैं कि, अगर सब्जियां भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगीं, तो किसानों को राहत मिलेगी. क्योंकि मौसम की मार पड़ती है, तो बाकी किसानों की सरकार भरपाई करती है, लेकिन सब्जी किसान इस फायदे से वंचित रह जाता है.

कृषि मंत्री कमल पटेल पहले ही कर चुके थे इशारा

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ईटीवी भारत से सब्जियों की एमएसपी तय करने की बात कही थी. लेकिन उस समय ऐसा कब होगा, इसके बारे में कुछ भी साफ नहीं हुआ था. मंत्री कमल पटेल के इस बयान के बाद प्रदेश के किसानों को एक उम्मीद जरूर जगी थी. तभी से माना जा रहा था कि, प्रदेश में जल्द ही सब्जियों में एमएसपी की व्यवस्था लागू होगी. जिस पर अब सीएम शिवराज के बयान के बाद ये संभावनाएं और भी मजबूत हो गई हैं.

ये भी पढ़ेंःकेरल के बाद MP में तय होगी सब्जियों की MSP, सरकार कर रही तैयारी

भोपाल। प्रदेश में सब्जी किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है. मध्य प्रदेश सरकार अब सब्जियों का समर्थन मूल्य तय करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सिलसिले में सोमवार को एक अहम बैठक की. इसमें उन्होंने अधिकारियों से 2 दिन में रिपोर्ट मांगी है. 29 अक्टूबर को ईटीवी भारत से बात करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश में सब्जियों को समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की तरफ इशारा किया था. हालांकि चुनावी आचार संहिता के चलते उन्होंने इस पर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा था.

'किसानों को मिले फायदा'

बैठक में सीएम ने कहा, हमारा किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है. लेकिन अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं. ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले. सब्जियों के थोक और खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए. सब्जियों के समर्थन मूल्य निर्धारित करने की रिपोर्ट तैयार की जाए.

समर्थन मूल्य पर विचार

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि, 'किसानों को उनकी सब्जियों और उपज का उचित मूल्य दिलवाना. इसके लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के बाद सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए रिपोर्ट तैयार की जाए. दो दिन में रिपोर्ट पेश की जाए.'बैठक में बताया गया कि, केरल जैसे राज्यों में सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की व्यवस्था है. केरल में इसके लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.

क्यों हो रही थी MSP की मांग

उत्पादन कम होने की स्थिति में मंडियों में किसानों को सब्जियों के भाव अच्छे मिलते हैं, लेकिन जब आवक बंपर होती है, तो दाम कम हो जाते हैं. कई बार तो कम भाव मिलने पर किसान रोष जताते हुए सब्जियां सड़कों पर फेंककर प्रदर्शन भी किया करते हैं. सीजन में टमाटर, आलू समेत अन्य सब्जियों के भाव दो से पांच रुपए किलो तक पहुंच जाते हैं.

किसान की नहीं हो पाती भरपाई

सब्जियों की खेती करने के साथ-साथ सब्जियों का व्यापार करने वाले किसान मांग करते आए हैं कि, अगर सब्जियां भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगीं, तो किसानों को राहत मिलेगी. क्योंकि मौसम की मार पड़ती है, तो बाकी किसानों की सरकार भरपाई करती है, लेकिन सब्जी किसान इस फायदे से वंचित रह जाता है.

कृषि मंत्री कमल पटेल पहले ही कर चुके थे इशारा

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ईटीवी भारत से सब्जियों की एमएसपी तय करने की बात कही थी. लेकिन उस समय ऐसा कब होगा, इसके बारे में कुछ भी साफ नहीं हुआ था. मंत्री कमल पटेल के इस बयान के बाद प्रदेश के किसानों को एक उम्मीद जरूर जगी थी. तभी से माना जा रहा था कि, प्रदेश में जल्द ही सब्जियों में एमएसपी की व्यवस्था लागू होगी. जिस पर अब सीएम शिवराज के बयान के बाद ये संभावनाएं और भी मजबूत हो गई हैं.

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