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कोटा में बाढ़ के हालात, सेना और NDRF के जवानों ने संभाला मोर्चा - dam on Chambal river

कोटा में चंबल नदी पर बने सारे बांधों के गेट खुलने से करीब पांच हजार मकान पानी मे डूब गए है. वहीं हाड़ौती क्षेत्र में लगातार बारिश से जन-जीवन बेहाल है. बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र में सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. पढ़ें विस्तार से...

कोटा में बाढ़ के हालात
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Published : Sep 15, 2019, 1:27 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 4:50 PM IST

कोटा: चंबल नदी का कहर लगातार बना होने से सेना और एनडीआरएफ ने मोर्चा सम्भाल लिया है. कोटा की निचली बाढ़ ग्रस्त बस्तियों से लोगों को नावों से रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है. वहीं प्रशासन के ओर से कई आश्रय स्थल बनाएं गए हैं, जहां उनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है. वहीं हाड़ौती क्षेत्र में लगातार बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है.

बता दें, चम्बल नदी पर बने सारे बांधों के गेट खुले हुए होने से नयापुरा बस स्टैंड, हरिजन बस्ती, दोस्तपुरा और गावड़ी में बाढ़ का पानी घुसने से करीब पांच हजार मकान पानी मे डूब गए है. सेना और एनडीआरएफ के ओर से लोगों को नाव से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है. साथ ही जिला प्रशासन ने चम्बल नदी किनारे बसे कॉलोनी ओर गांवों को खाली करवाया है.

कोटा में बाढ़ के हालात...

पढ़ेंः मधुबनी: कमला बलान नदी बांध का मरम्मती कार्य अधर में लटका, बाढ़ से डरे हुए हैं ग्रामीण

वहीं बाढ़ प्रभावित परिवारों को आश्रय स्थल में नाश्ता ओर दूध जिला प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है. भोजन के पैकेट जन सहयोग से दिया जा रहा है. शहर के अनेक संगठन एनजीओ स्वेच्छा से इस कार्य के लिए आगे आ रहे हैं. साथ ही नंदा की बाड़ी में सेना के ओर से रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है.

कोटा: चंबल नदी का कहर लगातार बना होने से सेना और एनडीआरएफ ने मोर्चा सम्भाल लिया है. कोटा की निचली बाढ़ ग्रस्त बस्तियों से लोगों को नावों से रेस्क्यू कर निकाला जा रहा है. वहीं प्रशासन के ओर से कई आश्रय स्थल बनाएं गए हैं, जहां उनके भोजन पानी की व्यवस्था की गई है. वहीं हाड़ौती क्षेत्र में लगातार बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है.

बता दें, चम्बल नदी पर बने सारे बांधों के गेट खुले हुए होने से नयापुरा बस स्टैंड, हरिजन बस्ती, दोस्तपुरा और गावड़ी में बाढ़ का पानी घुसने से करीब पांच हजार मकान पानी मे डूब गए है. सेना और एनडीआरएफ के ओर से लोगों को नाव से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है. साथ ही जिला प्रशासन ने चम्बल नदी किनारे बसे कॉलोनी ओर गांवों को खाली करवाया है.

कोटा में बाढ़ के हालात...

पढ़ेंः मधुबनी: कमला बलान नदी बांध का मरम्मती कार्य अधर में लटका, बाढ़ से डरे हुए हैं ग्रामीण

वहीं बाढ़ प्रभावित परिवारों को आश्रय स्थल में नाश्ता ओर दूध जिला प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है. भोजन के पैकेट जन सहयोग से दिया जा रहा है. शहर के अनेक संगठन एनजीओ स्वेच्छा से इस कार्य के लिए आगे आ रहे हैं. साथ ही नंदा की बाड़ी में सेना के ओर से रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है.

Intro:कोटा में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सेना और एनडीआरएफ ने सम्भाल मोर्चा, लोगो को घरों से निकाल कर लोगो को पहुचाया सुरक्षित स्थान पर।
कोटा में चम्बल का कहर लगातार बना होने से सेना और एनडीआरएफ ने मोर्चा सम्भाल लिया है।कोटा की निचली बाढ़ ग्रस्त बस्तियों से लोगो को नावों से रेस्कयू कर निकाला जा रहा है।वही प्रशासन ने कई आश्रय स्थल बनाएं गए हैं जंहा उनके भोजन पानी की वेवस्था की गई है।
Body:हाड़ौती क्षेत्र में लगातार बारिश का कहरथमने का नाम नही ले रहा है।वही चम्बल नदी पर बने सारे बांधो के गेट खुले हुए होने से नयापुरा बस स्टैंड, हरिजन बस्ती ,दोस्तपुरा, व गावड़ी में बाढ़ का पानी घुसने से करीब पांच हजार मकान पानी मे डूब गए।जिससे सेना और एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल कर लोगो को नावँ से रेस्कयू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने भी चम्बल किनारे बसे कॉलोनी ओर गांवों को खाली करवाया जा रहा है।
Conclusion:बाढ़ प्रभावित परिवारों को आश्रय स्थल में नाश्ता ओर दूध जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है।भोजन के पैकेट जन सहयोग से किया जा रहा है।शहर के अनेक संघटन एनजीओ स्वेच्छा से इस कार्य के लिए आगे आ रहे हैं।नंदा की बाड़ी में सेना द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है।
Last Updated : Sep 30, 2019, 4:50 PM IST
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