नई दिल्ली : देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने शोक जताया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक मेरे करीबी सहयोगी प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख हुआ है.
प्रणब दा का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है. मैंने एक दोस्त खो दिया है. उनकी आत्मा को शांति मिले. शर्मिष्ठा, अभिजीत, इंद्रजीत और उनके परिवार के सभी सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. शांति.
प्रणब दा में चीजों को तेजी से परखने की क्षमता थी, जिन्होंने हमेशा संवाद को जरूरी माना. वह इस बात के पक्षधर थे कि अगल-अलग विचाराधार और राजनीति लोगों के बीच परस्पर सहयोग बना रहे.
उन्होंने कहा कि प्रणब दा को हम में से बहुत से लोगों ने स्नेह के साथ याद किया. मेरा उनके साथ लंबा और यादगार साथ रहा. मैं उनसे बड़ा हूं लेकिन प्रणब दा एक संसद सदस्य के तौर पर मुझसे एक साल सीनियर थे.
उन्होंने कहा,' मैं साल 1970 में संसद का सदस्य बना था, जबकि प्रणब मुखर्जी 1969 में सांसद बने. हम अलग-अलग विचारधाराओं से आते थे, लेकिन उनसे मुलाकात के पहले दिन से हम दोनों के बीच परस्पर सम्मान का बंधन बन गया.
केंद्र सरकार ने भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद उनके सम्मान में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक पूरे देश में 31 अगस्त से छह सितंबर तक राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जा रही है.
भारत रत्न से सम्मानित मुखर्जी को 10 अगस्त को गंभीर स्थिति में दिल्ली छावनी स्थित सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां पर उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी.
प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे. 2019 में उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
कोरोना की पुष्टि होने के बाद मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा था कि उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके बाद उन्होंने पिछले हफ्ते अपने संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटाइन में जाने और कोरोना जांच कराने का आग्रह किया था.
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के मस्तिष्क में रक्त का थक्का जम गया था, जिसे हटाने के लिए सर्जरी की गई थी. सर्जरी से पहले 84 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
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