नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के 95वें वार्षिक पूर्ण सत्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आईसीसी ने विभाजन की पीड़ा को सहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की लड़ाई भारत के लिए बड़ी है. भूकंप, आग, तूफान जैसी चुनौतियां सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि कभी-कभी अनेक चुनौतियां हमारे सामने आ जाती हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आईसीसी ठान ले तो नॉर्थ-ईस्ट ऑर्गेनिक फार्मिंग का हब बन सकता है. उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर काम करना है. पीएम मोदी ने कहा कि एमएसएमई का दायरा लटका था जो बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि विनिर्माण में बंगाल को फिर से आगे लाया गया है.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें-
- मुश्किलों से मजबूती से लड़ने से आने वाला समय तय होता है.
- पहले से हार मानने वाले चुनौतियों से जीत नहीं सकते.
- देश आग, ओलावृष्टि और तूफान से जूझ रहा है.
- मन के हारे हार और मन के जीते जीत होती है.
- संकल्प शक्ति से ही आगे का मार्ग तय होता है.
- मुसीबत की एक ही दवाई, वो मजबूती है.
- देशवासियों में आशा और विश्वास देख सकता हूं.
- कोरोना से पूरी दुनिया लड़ रही है.
- जीत का प्रण करने वालों के सामने नए अवसर आते हैं.
- देशवासी संकल्प में है कि इस आपदा को अवसर में बदलना है.
- आत्मनिर्भरता को देशवासी ने एक इच्छा के रूप में जिया है.
- आपदा के समय में आत्मनिर्भर भारत बनाना है.
- काश हम रक्षा उत्पादन और मेडिकल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते.
- काश हम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के क्षेत्र में आगे होते.
- काश हम एविएशन सेक्टर में आगे होते.
- हर बड़ा काश हर भारतीय के मन में रहा है.
- बीते छह सालों में देश की आत्मनिर्भरता की जरूरत समझी गई है.
- हमें आत्मसंयम बरतना है.
- यह लोकल के लिए वोकल होने का समय है. भारत दूसरे देशों पर निर्भरता कम करे.
- पूरे देश को आत्मनिर्भर करने का समय है.
- कोल और माइनिंग सेक्टर में सुधार किए जा रहे हैं.
- किसानों को कहीं भी उपज बेचने की आजादी मिली.
- आत्मनिर्भर अभियान से जुड़ी योजनाएं लागू की जा रही हैं.
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पीएम ने कहा कि देश को जिन सामान का विदेशों से आयात करना पड़ता है, उनका देश में ही विनिर्माण सुनिश्चित करने के लिए हमें कदम उठाने होंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'पिछले पांच-छह साल में देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य देश की नीति और व्यवहार में सर्वोपरि रहा है. कोविड-19 संकट ने हमें यह समझने का मौका दिया कि कैसे इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की गति को बढ़ाया जाए.'
उन्होंने कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को निर्देशित कर और नियंत्रण से मुक्त करके एक प्रतिस्पर्धी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला खड़ी करने के लिए उद्योग लगाओ और चालू करो की दिशा में ले जाने का भी समय है.
मोदी ने कहा कि जन केंद्रित, जन आधारित और जलवायु अनुकूल विकास भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कामकाज का हिस्सा है. हाल में किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए किए गए निर्णयों ने देश की कृषि अर्थव्यवस्था को बरसों की गुलामी से मुक्त किया है. अब किसानों के पास देशभर में कहीं भी सामान बेचने की आजादी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कोविड-19 संकट के साथ-साथ बाढ़, टिड्डी दल के हमले और भूकंप जैसी कई चुनौतियों से लड़ रहा है. आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हमें संकट को अवसर में बदलना होगा. जिन सामान का हमें आयात करना पड़ता है, उनका देश में ही विनिर्माण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने होंगे.
स्वामी विवेकानंद का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने (विवेकानंद) ने एक बार लिखा था कि भारतीयों को खुद के लिए उत्पादन करना चाहिए और अन्य देशों में बाजार तलाशना चाहिए. उनकी बहुत इच्छा थी कि देश चिकित्सा उपकरणों, विनिर्माण, रक्षा विनिर्माण, कोयला एवं खनिज, खाद्य तेल और अन्य कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बने.
प्रधानमंत्री ने आपदा को अवसर में बदलने के देशवासियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह महामारी देश के लिए परिवर्तन लाने वाला बिंदु है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कई सुधारों को अमलीजामा पहनाया जा चुका है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की परिभाषा में बदलाव, कंपनी कानून के तहत विभिन्न प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाना, दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता बनाना, कोयला एवं खनन क्षेत्र में अधिक प्रतिस्पर्धा लाना, कृषि उत्पाद मंडी समिति और आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव जैसे कई सुधार हुए हैं.
मोदी ने बंगाल के विनिर्माण उद्योग को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, 'पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत की मदद करने के लिए सरकार पहल करेगी और इसमें कोलकाता एक बड़ा केंद्र बनकर उभर सकता है जो पूरी विकास यात्रा का नेतृत्व करे.'
उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र से सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कहा.
मोदी ने कहा कि पहले जिन लोगों को बैंकिंग सेवाओं के दायरे से बाहर रखा जाता था, उन्हें अब बैंकिंग सेवाएं मिली हैं. जनधन और आधार जैसी योजनाओं ने करोड़ों जरूरतमंद लोगों तक अनिवार्य मदद पहुंचाने में मदद की है.
भारतीय उद्योग परिसंघ के 125वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व को एक विश्वसनीय साथी की तलाश है. भारत में वह क्षमता और ताकत है.
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उन्होंने कहा कि देश को अब निर्मित उत्पाद की जरूरत है, जो भारत में बने हैं, लेकिन दुनिया के लिए बने हैं.