नई दिल्ली : प्रकृति का उचित रखरखाव हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है. प्रकृति से कितना कुछ लेने के बाद हम बदले में गंदगी, प्रदूषण और दोहन देते हैं. प्रकृति को संरक्षित करने के लिए हम काफी कुछ कर सकते हैं. कुछ इसी तरह के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से पांच जून का दिन पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इसी कड़ी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में भारतीय राजनयिक अभय कुमार संबोधित करेंगे.
गौरतलब है कि 'द अर्थ एंथम' राजयनिक और कवि अभय कुमार द्वारा ही लिखा गया है. अर्थ एंथम का संगीत डॉ एल सुब्रमण्यम द्वारा रचा गया है और इसे कृष्णमूर्ति द्वारा गाया गया है. इस एंथम का अनुवाद पेरू के एंडीज में बोली जाने वाली क्वेंचुआ में भी किया गया है.
बता दें कि अभय कुमार ने 2016-2019 तक ब्राजील में उप राजदूत के रूप में कार्य किया. इस दौरान उन्होंने पेरू और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों का दौरा किया. इस अवधि के दौरान उन्होंने कई कविताएं लिखीं, जो इस महीने में प्रकाशित की जाएगी. उनकी आगामी कविता संग्रह को 'द मैजिक ऑफ मेडागास्कर' भी अद्वितीय जैव विविधता पर लिखी गई है. साथ ही उन्होंने 'द अल्फाबेट्स ऑफ लैटिन अमेरिका: ए कार्निवल ऑफ पोयम्स' भी लिखी है. इसे अभय ने अपने ट्विटर पर भी साझा किया है.
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अभय कुमार अपने भाषण में पर्यावरण को बचाने के लिए किए जाने वाले उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे.
दरअसल, अभय की रचना 'अर्थ एंथम' को 2013 में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लॉन्च किया गया था. इसका 50 से भी ज्यादा भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है. विश्व पर्यावरण और पृथ्वी दिवस को मनाने के लिए बड़े स्तर पर इसे गाया जाता है.
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पृथ्वी दिवस (Earth Day) की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर भी 'अर्थ एंथम' का गायन किया. यूएन ने इसका इस्तेमाल ग्लोबल सिटिजनशिप सिखाने के लिए भी किया.