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कोरोना संकट के दौरान डिजिटल कूटनीति में भारत सबसे आगे : विदेश सचिव - webinar organized by icai

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा है कि कोरोना महामारी ने कूटनीतिक कैलेंडर को बाधित कर दिया है. उन्होंने कहा कि महामारी में उत्पन्न होने वाली स्थिति में भारत चुनौती को अवसर में बदलने की दिशा में सबसे आगे रहा है.

Foreign Secretary Harshvardhan Shringla
विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला
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Published : Jul 7, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 6:31 PM IST

नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न होने वाली स्थिति के कारण कूटनीति जोरदार ढंग से डिजिटल हो गई है, और भारत चुनौती को ऑनलाइन मंचों का इस्तेमाल कर वैश्विक बातचीत शुरू करने के अवसर में बदलने में सबसे आगे रहा है.

'आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को लागू करने' पर 'इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' द्वारा आयोजित एक वेबिनार में शृंगला ने कहा कि कोविड-19 ने कूटनीतिक कैलेंडर को बाधित कर दिया है, जिसके कारण लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय बैठकें रद्द हो गई हैं.

शृंगला ने कहा कि संकट के समय में एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, जिससे सभी देशों के बीच निरंतर संचार हो सके. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) समेत दुनिया के विभिन्न भागों में तनाव में वृद्धि ने केवल संचार की आवश्यकता पर जोर दिया है.

उन्होंने कहा कि कूटनीति ने नई स्थिति को अपनाया है और यह मजबूती के साथ डिजिटल हुई है. उन्होंने कहा, 'इस तरह की डिजिटल कूटनीति में भारत सबसे आगे रहा है. मैंने पहले उल्लेख किया था कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन मंचों का उपयोग करके चुनौती को वैश्विक बातचीत शुरू करने के अवसर में बदला.'

पढ़ें- बंगाल में बने एप को ममता ने किया पेश, कहा- देशभक्ति की पहचान

विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार इस माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के साथ एक शिखर सम्मेलन भी किया. वह इस अवधि में 60 से अधिक देशों के अपने समकक्षों से भी बात कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अपनी तरफ से 76 देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है और वह ब्रिक्स, एससीओ, आरआईसी समूहों की बैठकों में भी शामिल हुए हैं.

नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न होने वाली स्थिति के कारण कूटनीति जोरदार ढंग से डिजिटल हो गई है, और भारत चुनौती को ऑनलाइन मंचों का इस्तेमाल कर वैश्विक बातचीत शुरू करने के अवसर में बदलने में सबसे आगे रहा है.

'आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को लागू करने' पर 'इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' द्वारा आयोजित एक वेबिनार में शृंगला ने कहा कि कोविड-19 ने कूटनीतिक कैलेंडर को बाधित कर दिया है, जिसके कारण लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय बैठकें रद्द हो गई हैं.

शृंगला ने कहा कि संकट के समय में एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, जिससे सभी देशों के बीच निरंतर संचार हो सके. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) समेत दुनिया के विभिन्न भागों में तनाव में वृद्धि ने केवल संचार की आवश्यकता पर जोर दिया है.

उन्होंने कहा कि कूटनीति ने नई स्थिति को अपनाया है और यह मजबूती के साथ डिजिटल हुई है. उन्होंने कहा, 'इस तरह की डिजिटल कूटनीति में भारत सबसे आगे रहा है. मैंने पहले उल्लेख किया था कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन मंचों का उपयोग करके चुनौती को वैश्विक बातचीत शुरू करने के अवसर में बदला.'

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विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार इस माध्यम से ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के साथ एक शिखर सम्मेलन भी किया. वह इस अवधि में 60 से अधिक देशों के अपने समकक्षों से भी बात कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अपनी तरफ से 76 देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है और वह ब्रिक्स, एससीओ, आरआईसी समूहों की बैठकों में भी शामिल हुए हैं.

Last Updated : Jul 7, 2020, 6:31 PM IST
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