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विकास दर को बनावटी तरीके से न बढ़ाए केंद्र सरकार : कांग्रेस - अभिषेक मनु सिंघवी

सरकार द्वारा जारी विकास दर के आंकड़ों की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर वार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विकास दर में 'कृत्रिम इजाफे' की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.

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कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी
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Published : Jan 19, 2020, 9:57 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सरकार द्वारा आर्थिक आंकड़ों में असंगठित क्षेत्र के आंकड़ों को भी शामिल करने की कथित कोशिशों की रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विकास दर में 'कृत्रिम इजाफे' की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.

कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार द्वारा आधिकारिक आंकड़ों को नए सिरे से तैयार करने का प्रस्ताव है, क्योंकि सरकार का मानना है कि मौजूदा आंकड़ों में असंगठित क्षेत्र शामिल नहीं है.

सिंघवी ने कहा, 'अगर यह सकारात्मक कवायद है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन 4.9 प्रतिशत विकास दर को बढ़ाने के लिए कोई बनावटी प्रयास नहीं किया जाना चाहिए, जबकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है कि विकास दर घोषित दर से 2 से 2.5 प्रतिशत कम है.'

पढ़ें : संघी विज्ञान का अध्ययन लोगों को बेवकूफ बना सकता है : सिंघवी

उन्होंने सरकार पर समस्याओं के जुमलों पर आधारित भ्रामक समाधान खोजने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस तरह की कोशिशें, वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए करती है.

सिंघवी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों में 2018 के दौरान औसतन 35 बेरोजगार और 36 स्वरोजगार प्राप्त व्यक्तियों द्वारा प्रतिदिन खुदकुशी किए जाने के खुलासे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि इन आंकड़ों के हिसाब से एक साल में 26085 लोगों ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सरकार द्वारा आर्थिक आंकड़ों में असंगठित क्षेत्र के आंकड़ों को भी शामिल करने की कथित कोशिशों की रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विकास दर में 'कृत्रिम इजाफे' की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.

कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार द्वारा आधिकारिक आंकड़ों को नए सिरे से तैयार करने का प्रस्ताव है, क्योंकि सरकार का मानना है कि मौजूदा आंकड़ों में असंगठित क्षेत्र शामिल नहीं है.

सिंघवी ने कहा, 'अगर यह सकारात्मक कवायद है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन 4.9 प्रतिशत विकास दर को बढ़ाने के लिए कोई बनावटी प्रयास नहीं किया जाना चाहिए, जबकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है कि विकास दर घोषित दर से 2 से 2.5 प्रतिशत कम है.'

पढ़ें : संघी विज्ञान का अध्ययन लोगों को बेवकूफ बना सकता है : सिंघवी

उन्होंने सरकार पर समस्याओं के जुमलों पर आधारित भ्रामक समाधान खोजने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस तरह की कोशिशें, वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए करती है.

सिंघवी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों में 2018 के दौरान औसतन 35 बेरोजगार और 36 स्वरोजगार प्राप्त व्यक्तियों द्वारा प्रतिदिन खुदकुशी किए जाने के खुलासे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि इन आंकड़ों के हिसाब से एक साल में 26085 लोगों ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की.

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आधिकारिक आंकड़ों को नये सिरे से बना कर सरकार विकास दर को बनावटी तरीके से न बढ़ाये : कांग्रेस

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने सरकार द्वारा आर्थिक आंकड़ों में असंगठित क्षेत्र के आंकड़ों को भी शामिल कर कथित कोशिशों की रिपोर्टों पर रविवार को चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि विकास दर में ‘कृत्रिम इजाफे’ की कोशिश नहीं की जानी चाहिये.



कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार द्वारा आधिकारिक आंकड़ों को नये सिरे से तैयार करने का प्रस्ताव है, क्योंकि सरकार का मानना है कि मौजूदा आंकड़ों में असंगठित क्षेत्र शामिल नहीं है.



सिंघवी ने कहा, 'अगर यह सकारात्मक कवायद है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन 4.9 प्रतिशत विकास दर को बढ़ाने के लिये कोई बनावटी प्रयास नहीं किया जाना चाहिये, जबकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है कि विकास दर घोषित दर से 2 से 2.5 प्रतिशत कम है.'



उन्होंने सरकार पर समस्याओं के जुमलों पर आधारित भ्रामक समाधान खोजने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार इस तरह की कोशिशें, वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये करती है.



सिंघवी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों में 2018 के दौरान औसतन 35 बेरोजगार और 36 स्वरोजगार प्राप्त व्यक्तियों द्वारा प्रतिदिन खुदकुशी किये जाने के खुलासे पर भी सरकार को घेरते हुये कहा कि इन आंकड़ों के हिसाब से एक साल में 26085 लोगों ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की.


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