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पाकिस्तान : मुंबई हमले के मास्टर माइंड आतंकी हाफिज सईद को साढ़े पांच साल जेल की सजा

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Published : Feb 12, 2020, 3:58 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:32 AM IST

पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा प्रमुख (JuD) हाफिज सईद को दो अलग-अलग मामलों में साढ़े पांच साल की सजा सुनाई है. सईद को टेरर फंडिंग (आतंकी वित्तपोषण) के दो मामलों में सजा हुई है. सईद मुंबई हमले का मास्टर माइंड है. पढ़ें विस्तार से

हाफिज सईद
हाफिज सईद

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद को साढ़े पांच साल जेल की सजा सुनाई है. अदालत ने सईद को आतंकी वित्तपोषण के दो मामलों में कुल 11 साल की सजा सुनाई है और पंद्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोनों सजा एक साथ चलेंगी इसलिए साढ़े पांच साल में सजा पूरी हो जाएगी.

अदालत के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी से पुष्टि की है कि सईद को पंजाब प्रांत में दो आतंकी वित्तपोषण मामलों में सजा सुनाई गई है.

आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने सईद और उसके करीबी सहयोगियों को 11 दिसंबर को दोषी ठहराया था. अदालत ने सईद को दोनों मामलों में अलग-अलग साढ़े पांच साल की सजा सुनाई और प्रत्येक मामले में पंद्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

सईद के नेतृत्व वाली जमात-उद-दावा ने जो 2008 के मुंबई हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें छह लोगों सहित 166 लोग मारे गए थे.

पिछले साल तीन जुलाई को, जमात के शीर्ष 13 सरगनाओं के खिलाफ आतंकवाद-रोधी अधिनियम (एटीए) 1997 के तहत आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के दो दर्जन मामले दर्ज किए गए थे.

बाद में, 17 जुलाई को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंक वित्तपोषण के आरोप में हाफिज सईद को गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया था. सीटीडी द्वारा उसे एक गुजरांवाला एटीसी के सामने पेश करने के बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने सईद और संगठन के अन्य सदस्यों को आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), गुजरांवाला द्वारा दर्ज आतंकी फंडिंग के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया था.

शीर्ष जेयूडी सरगनाओं के अलावा, मलिक जफर इकबाल, आमिर हमजा, मोहम्मद याहया अजीज, मोहम्मद नईम, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, डॉ. अहमद दाउद, डॉ मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मोहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे.

हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के एक और मामले में दोषी ठहराया गया

आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), जिसने पंजाब के पांच शहरों में मामले दर्ज किए, ने घोषणा की थी कि जेयूडी गैर-लाभकारी संगठनों और अल-अनफाल ट्रस्ट, दावातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबल ट्रस्ट आदि के माध्यम से एकत्र किए गए धन से आतंकवाद का वित्तपोषण कर रहा था. इन गैरलाभकारी संगठनों पर अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिए गए थे.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद को साढ़े पांच साल जेल की सजा सुनाई है. अदालत ने सईद को आतंकी वित्तपोषण के दो मामलों में कुल 11 साल की सजा सुनाई है और पंद्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोनों सजा एक साथ चलेंगी इसलिए साढ़े पांच साल में सजा पूरी हो जाएगी.

अदालत के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी से पुष्टि की है कि सईद को पंजाब प्रांत में दो आतंकी वित्तपोषण मामलों में सजा सुनाई गई है.

आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने सईद और उसके करीबी सहयोगियों को 11 दिसंबर को दोषी ठहराया था. अदालत ने सईद को दोनों मामलों में अलग-अलग साढ़े पांच साल की सजा सुनाई और प्रत्येक मामले में पंद्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

सईद के नेतृत्व वाली जमात-उद-दावा ने जो 2008 के मुंबई हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें छह लोगों सहित 166 लोग मारे गए थे.

पिछले साल तीन जुलाई को, जमात के शीर्ष 13 सरगनाओं के खिलाफ आतंकवाद-रोधी अधिनियम (एटीए) 1997 के तहत आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के दो दर्जन मामले दर्ज किए गए थे.

बाद में, 17 जुलाई को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंक वित्तपोषण के आरोप में हाफिज सईद को गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया था. सीटीडी द्वारा उसे एक गुजरांवाला एटीसी के सामने पेश करने के बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था. पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने सईद और संगठन के अन्य सदस्यों को आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), गुजरांवाला द्वारा दर्ज आतंकी फंडिंग के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया था.

शीर्ष जेयूडी सरगनाओं के अलावा, मलिक जफर इकबाल, आमिर हमजा, मोहम्मद याहया अजीज, मोहम्मद नईम, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, डॉ. अहमद दाउद, डॉ मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मोहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे.

हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के एक और मामले में दोषी ठहराया गया

आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), जिसने पंजाब के पांच शहरों में मामले दर्ज किए, ने घोषणा की थी कि जेयूडी गैर-लाभकारी संगठनों और अल-अनफाल ट्रस्ट, दावातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबल ट्रस्ट आदि के माध्यम से एकत्र किए गए धन से आतंकवाद का वित्तपोषण कर रहा था. इन गैरलाभकारी संगठनों पर अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिए गए थे.

Last Updated : Mar 1, 2020, 2:32 AM IST
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