मंगलुरु : कर्नाटक में पिछले साल की गर्मियों के मौसम में किसान नोनाया पुजारी का खेत पानी की कमी से सूख गया था. उन्होंने खेती के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए कुआं खोदने का फैसला किया.
किसान ने खेत को बनाए रखने के लिए कुआं खोदने के लिए मजदूरों को ठेका देने का फैसला किया. लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से मजदूर खेत में खोदाई करने नहीं आया.
लाचार नोनाया ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ बंतवाल तालुक के पोर्सापालु में स्थित अपने खेत में कुआं खोदना शुरू किया. नोनाया ने बीते 25 अप्रैल से कुएं की खुदाई शुरू की. उन्होंने 16 मई को 40 फीट कुआं खोदकर पानी निकाला.
किसान ने बताया, 'पांच साल पहले उसने अपने खेत में 40 सुपारी के पौधे लगाए थे, पानी की कमी से जमीन सूख गई और मैंने पिछले साल की फसल खो दी.'
इन सब बातों को देखते हुए किसान ने सोचा कि इस बार उसका खेत खराब नहीं होगा. इसलिए उसने लॉकडाउन के दौरान कुआं खोदना शुरू कर दिया.
किसान का कहना है, 'कुआं खोदने में उसकी पत्नी और बच्चों ने काफी मदद की. यह सब भगवान की कृपा है. मुझे उस पर विश्वास है.'
नोनाया मूल रूप से एक किसान हैं. वह जीवन जीने के लिए कुछ अतिरिक्त धनराशि प्राप्त करने के लिए अन्य छोटे-छोटे काम करते थे.
लेकिन, लॉकडाउन के प्रभाव के कारण उनके पास खेत के काम के अलावा कोई और दुसरा काम नहीं बचा था. इसलिए उन्होंने खुद ही कुआं खोदने का बीड़ा उठाया और दूसरे मजदूरों को दिए जाने वाली राशि को खुद के लिए बचा लिया.