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मणिपुर : संकट में भाजपा सरकार, नौ विधायकों ने वापस लिया समर्थन

मणिपुर में सियासी संकट पैदा हो गया है. राज्य की भाजपा नीत सरकार गिर सकती है. भाजपा के तीन विधायकों समेत कुल नौ विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई है. पढ़ें विस्तार से...

बीरेन सिंह
बीरेन सिंह
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Published : Jun 17, 2020, 10:24 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 6:45 AM IST

इम्फाल : मणिपुर में सियासी संकट पैदा हो गया है. राज्य की भाजपा नीत सरकार को कुर्सी बचाना चुनौती हो रहा है. नौ विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई है.

ताजा घटनाक्रम में मणिपुर भाजपा के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जबकि नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायक, एक निर्दलीय विधायक और एक टीएमसी विधायक ने राज्य की एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.

भाजपा के तीन विधायक टी थांगजलम हाओकिप, सैमुअल जिंदाई और एस सुबाशचंद्र ने विधानसभा व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

इससे पहले बुधवार को उपमुख्यमंत्री वाई जयकुमार सिंह समेत नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था. सिंह के अलावा जनजातीय और पर्वतीय क्षेत्र विकास मंत्री एन काइशी, युवा मामले एवं खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा.

वहीं, टीएमसी विधायक टी रॉबिन्द्रो सिंह और निर्दलीय विधायक असहाबुद्दीन ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है.

मणिपुर में एक कांग्रेस विधायक को स्पीकर ट्रिब्यूनल द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अभी स्पीकर ट्रिब्यूनल द्वारा अन्य सात विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के मामले में फैसला होना बाकी है.

मणिपुर में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस पार्टी को 28 सीटें मिली थीं. इसके अलावा नगा पीपुल्स फ्रंट को चार, एनपीपी का चार, टीएमसी को एक और निर्दलीय उम्मीदवार को सफलता मिली थी.

बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन और इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों का कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने स्वागत किया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इबोबी सिंह ने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे. इसके बाद राज्य में नई सरकार बनाने के लिए दवा पेश करेंगे.

इम्फाल : मणिपुर में सियासी संकट पैदा हो गया है. राज्य की भाजपा नीत सरकार को कुर्सी बचाना चुनौती हो रहा है. नौ विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई है.

ताजा घटनाक्रम में मणिपुर भाजपा के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जबकि नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायक, एक निर्दलीय विधायक और एक टीएमसी विधायक ने राज्य की एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.

भाजपा के तीन विधायक टी थांगजलम हाओकिप, सैमुअल जिंदाई और एस सुबाशचंद्र ने विधानसभा व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

इससे पहले बुधवार को उपमुख्यमंत्री वाई जयकुमार सिंह समेत नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था. सिंह के अलावा जनजातीय और पर्वतीय क्षेत्र विकास मंत्री एन काइशी, युवा मामले एवं खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा.

वहीं, टीएमसी विधायक टी रॉबिन्द्रो सिंह और निर्दलीय विधायक असहाबुद्दीन ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है.

मणिपुर में एक कांग्रेस विधायक को स्पीकर ट्रिब्यूनल द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अभी स्पीकर ट्रिब्यूनल द्वारा अन्य सात विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के मामले में फैसला होना बाकी है.

मणिपुर में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस पार्टी को 28 सीटें मिली थीं. इसके अलावा नगा पीपुल्स फ्रंट को चार, एनपीपी का चार, टीएमसी को एक और निर्दलीय उम्मीदवार को सफलता मिली थी.

बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन और इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों का कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने स्वागत किया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इबोबी सिंह ने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे. इसके बाद राज्य में नई सरकार बनाने के लिए दवा पेश करेंगे.

Last Updated : Jun 18, 2020, 6:45 AM IST
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