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86 फीसदी भारतीय स्पूतनिक-वी टीका लगवाने के लिए तैयार!

कोरोना वायरस वैक्सीन पर किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, अध्ययन में भाग लेने वाले अधिकांश लोग कोरोना वायरस का टीका लगवाने के लिए तैयार हैं. लगभग तीन चौथाई उत्तरदाताओं (73 प्रतिशत) ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की इच्छा व्यक्त की है.

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स्पूतनिक-वी टीका
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Published : Nov 19, 2020, 7:17 PM IST

नई दिल्ली: भारत में एक सर्वेक्षण में 86 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पूतनिक वी कोविड वैक्सीन द्वारा टीका लगवाने की इच्छा व्यक्त की है. मार्केट रिसर्च और डेटा एनालिटिक्स में ब्रिटेन की एक अग्रणी कंपनी YouGov द्वारा किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि अध्ययन में भाग लेने वाले अधिकांश लोग कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए तैयार हैं.

भारत के अलावा ब्राजील, मिस्र, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेक्सिको, नाइजीरिया, सऊदी अरब, फिलीपींस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और वियतनाम सहित 11 देशों के निवासियों ने अक्टूबर 9-19 के बीच हुए सर्वेक्षण में भाग लिया.

सर्वेक्षण में 12,000 उत्तरदाताओं में से लगभग तीन चौथाई उत्तरदाताओं (73 प्रतिशत) ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की इच्छा व्यक्त की.

यह सर्वेक्षण कोरोना वैक्सीन पर सबसे बड़ा और मध्य पूर्व व दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को शामिल करने वाला पहला वैश्विक सर्वेक्षण है.

सर्वेक्षण के अनुसार, वियतनाम में 96 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पूतनिक-वी द्वारा टीकाकरण करवाने की इच्छा व्यक्त की है. वहीं, ब्राजील में 89 प्रतिशत, मलेशिया में 88 प्रतिशत, मेक्सिको में 80 प्रतिशत, नाइजीरिया में 81 प्रतिशत, फिलीपींस में 72 प्रतिशत, मिस्र में 74 प्रतिशत, यूएई में 77 प्रतिशत, इंडोनेशिया में 71 प्रतिशत और वियतनाम में 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पूतनिक-वी टीका लगवाने की इच्छा व्यक्त की है.

सर्वेक्षण के मुताबिक, 10 में से नौ लोग अन्य गैर-मानव एडेनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म की तुलना में मानव एडेनोवायरल वेक्टर (जैसे- स्पूतनिक-वी) पर आधारित वैक्सीन पसंद करेंगे.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि सभी देशों में मानव एडेनोवायरल वेक्टर पर आधारित वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा विश्वास देखा गया.

यह सर्वेक्षण रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) द्वारा शुरू किया गया था. आरडीआईएफ की स्थापना 2011 में रूस में इक्विटी सह-निवेश के लिए की गई थी.

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दमित्रीव (Kirill Dmitriev) ने कहा कि सर्वेक्षण की महत्वपूर्ण खोज यह थी कि उत्तरदाताओं में से अधिकांश कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लगाने के लिए तैयार हैं.

दमित्रीव ने कहा कि जिन प्रतिभागियों ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन के बारे में सुना था, वे रूसी वैक्सीन की वास्तविकता, सुरक्षा और प्रभावकारिता की अपनी समझ के कारण टीकाकरण के लिए अधिक तत्परता व्यक्त करते हैं.

यह भी पढ़ें- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कोविड-19 टीका अधिक आयु के लोगों के लिए कारगर

दिलचस्प बात यह है कि भारत की शीर्ष दवा नियामक (डीसीजीआई) ने पहले ही डॉ. रेड्डीज और आरडीआईएफ को देश में वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​परीक्षण की अनुमति दे दी है.

सितंबर में, डॉ. रेड्डीज फार्मा कंपनी स्पूतनिक-वी वैक्सीन के क्लीनिकल ​​परीक्षण और भारत में इसके वितरण के लिए आरडीआईएफ के साथ डील की थी. जिसके अनुसार, आरडीआईएफ डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा.

नई दिल्ली: भारत में एक सर्वेक्षण में 86 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पूतनिक वी कोविड वैक्सीन द्वारा टीका लगवाने की इच्छा व्यक्त की है. मार्केट रिसर्च और डेटा एनालिटिक्स में ब्रिटेन की एक अग्रणी कंपनी YouGov द्वारा किए गए सर्वेक्षण में कहा गया है कि अध्ययन में भाग लेने वाले अधिकांश लोग कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए तैयार हैं.

भारत के अलावा ब्राजील, मिस्र, इंडोनेशिया, मलेशिया, मेक्सिको, नाइजीरिया, सऊदी अरब, फिलीपींस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और वियतनाम सहित 11 देशों के निवासियों ने अक्टूबर 9-19 के बीच हुए सर्वेक्षण में भाग लिया.

सर्वेक्षण में 12,000 उत्तरदाताओं में से लगभग तीन चौथाई उत्तरदाताओं (73 प्रतिशत) ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की इच्छा व्यक्त की.

यह सर्वेक्षण कोरोना वैक्सीन पर सबसे बड़ा और मध्य पूर्व व दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को शामिल करने वाला पहला वैश्विक सर्वेक्षण है.

सर्वेक्षण के अनुसार, वियतनाम में 96 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पूतनिक-वी द्वारा टीकाकरण करवाने की इच्छा व्यक्त की है. वहीं, ब्राजील में 89 प्रतिशत, मलेशिया में 88 प्रतिशत, मेक्सिको में 80 प्रतिशत, नाइजीरिया में 81 प्रतिशत, फिलीपींस में 72 प्रतिशत, मिस्र में 74 प्रतिशत, यूएई में 77 प्रतिशत, इंडोनेशिया में 71 प्रतिशत और वियतनाम में 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्पूतनिक-वी टीका लगवाने की इच्छा व्यक्त की है.

सर्वेक्षण के मुताबिक, 10 में से नौ लोग अन्य गैर-मानव एडेनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म की तुलना में मानव एडेनोवायरल वेक्टर (जैसे- स्पूतनिक-वी) पर आधारित वैक्सीन पसंद करेंगे.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि सभी देशों में मानव एडेनोवायरल वेक्टर पर आधारित वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा विश्वास देखा गया.

यह सर्वेक्षण रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) द्वारा शुरू किया गया था. आरडीआईएफ की स्थापना 2011 में रूस में इक्विटी सह-निवेश के लिए की गई थी.

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दमित्रीव (Kirill Dmitriev) ने कहा कि सर्वेक्षण की महत्वपूर्ण खोज यह थी कि उत्तरदाताओं में से अधिकांश कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लगाने के लिए तैयार हैं.

दमित्रीव ने कहा कि जिन प्रतिभागियों ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन के बारे में सुना था, वे रूसी वैक्सीन की वास्तविकता, सुरक्षा और प्रभावकारिता की अपनी समझ के कारण टीकाकरण के लिए अधिक तत्परता व्यक्त करते हैं.

यह भी पढ़ें- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कोविड-19 टीका अधिक आयु के लोगों के लिए कारगर

दिलचस्प बात यह है कि भारत की शीर्ष दवा नियामक (डीसीजीआई) ने पहले ही डॉ. रेड्डीज और आरडीआईएफ को देश में वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​परीक्षण की अनुमति दे दी है.

सितंबर में, डॉ. रेड्डीज फार्मा कंपनी स्पूतनिक-वी वैक्सीन के क्लीनिकल ​​परीक्षण और भारत में इसके वितरण के लिए आरडीआईएफ के साथ डील की थी. जिसके अनुसार, आरडीआईएफ डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा.

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