श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोपोर में आतंकवादियों के आठ साथियों को गिरफ्तार किया है. ये लोग इलाके में पोस्टर छापकर आम लोगों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे थे.
इस मामले में पुलिस ने बताया कि सभी आतंकी दुकानदारों और आम लोगों में दहशत पैदा करने का काम कर रहे थे. कश्मीर के डीजीपी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, पाक के आंतकवादी संगठन खासकर के लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन लोगों के ऊपर दबाव बना रहे हैं कि वह अपने दैनिक कार्यों को न करें.
दिलबाग सिंह ने बताया, कि यह सुनिश्चित किया गया है कि लोग जब अपनी दुकान खोलना चाहें तब वह खोल सकते हैं. उन्होंने बताया, सोपोर में तीन जैश-ए-मोहम्मद के सहयोगियों के बरे में खबर मिली थी जो पोस्टर जारी करके लोगों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे थे.
देर शाम सोपोर के एसएसपी जावेद इकबाल ने बताया कि लश्कर ए तैयबा के टेरर मॉड्यूल को पकड़ने में कामयाबी मिली है. उन्होंने बताया कि 8 लोगों को पकड़ा गया है, जिनमें से अधिकांश का संबंध बराटकलां गाव, जबकि एक का डांगरपुरा गांव से संबंध है.
जावेद इकबाल ने बताया कि आतंकियों और टेरर मॉड्यूल का मकसद लोगों को डराना है. जिन लोगों में पोस्टर का कोई खौफ नहीं है, उन्हें गोली-बंदूक से डराने का प्रयास कर रहे हैं.
गौरतलब है कि सोपोर और आसपास के इलाकों में स्थानीय लोगों को डराने धमकाने वाले पोस्टर लगाने के लिए आठ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. बता दें, प्रदेश से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद आतंकियों के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
इस मामले में अधिकारियों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह पता चला है कि आठ आतंकवादी सहयोगी एजाज मीर, उमर मीर, तौसीफ नाजर, इम्तियाज नाजर, उमर अकबर, फैज लतीफ, दानिश हबीब और शोकातत अहमद मीर अपराध में शामिल थे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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वहीं मामले की शुरुआती जांच में यह पता चला है कि पकड़े गए आठ आतंकवादियों का आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबंध है.
साथ ही ये बात भी सामने आई है कि इनमें से तीन आतंकी मुख्य हैं. आपको बता दें, मामले से जुड़ी सभी गुप्त सामग्रियों को पुलिस ने जब्त कर लिया है.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सोपोर में एक घर पर आतंकवादियों के हमले में एक बच्ची सहित परिवार के चार सदस्य घायल हो गए थे.
सोपोर में दो व्यक्ति धमकी देने के लिए एक प्रमुख फल व्यापारी हमीदुल्ला राथेर के घर गए थे और उन्हें घर में नहीं पा कर आतंकवादियों ने उनकी ढाई साल की पोती असमा जान सहित अन्य परिजन पर गोलियां चलाईं. गंभीर रूप से घायल बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है.