श्रीनगर: बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने करीब 513 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया. जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर बीते डेढ़ महीने के दौरान पाक से इस हरकत को अंजाम दिया. इस बात की जानकारी भारतीय सेना ने दी.
पाक सेना को हुआ भारी नुकसान
बता दें, पाक द्वारा की गई इन हरकतों की जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना की तुलना में पांच से छह गुणा ज्यादा नुकसान हुआ है.
रिहायशी इलाकों को बनाया गया निशाना
इस बारे में व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम उल्लंघन के दौरान 100 से ज्यादा बार मोर्टार और तोपों जैसे भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, लेकिन भारतीय सेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया.
बीते डेढ़ महीने में 513 बार संघर्षविराम का उल्लंघन
जीओसी ने कहा, 'बीते डेढ़ महीने में लगभग 513 बार संघर्षविराम उल्लंघन हुआ और इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने 100 से ज्यादा बार मोर्टार और तोपों जैसे भारी हथियारों का भी इस्तेमाल किया. अकेले कल (शुक्रवार को) पुंछ में दो लड़कियों समेत चार असैनिक घायल हुए.'
भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के विपरीत पाकिस्तान ने अपने हताहतों की संख्या की घोषणा नहीं की है.
भारतीय सेना के मुकाबले पाक सेना को 5 से 6 गुणा ज्यादा नुकसान
लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहा, 'हमारे सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना को भारतीय सेना की तुलना में पांच से छह गुणा ज्यादा नुकसान हुआ.'
जैश के ठिकानों पर हुए थे भारतीय हवाई हमले
गौरतलब है कि पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर 26 फरवरी को किये गए भारतीय हवाई हमलों के बाद से पुंछ और राजौरी जिलों में चार सुरक्षाकर्मियों समेत दस लोगों की मौत हो गई और करीब 45 अन्य घायल हो गए.
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पुलवामा हमले में भारत के 40 जवान शहीद
घायल हुए इन लोगों में अधिकतर असैन्य हैं. भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आंतकी हमले के बाद बालाकोट में कार्रवाई की थी. बता दें, पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.
स्नाइपर हमलों में आई कमी
सीमापार से स्नाइपर हमले की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं बीते कई महीनों के दौरान शून्य पर आ गई हैं, विशेषकर बालाकोट हमले के बाद.
रक्षा को मजबूत करने के लिए किये गए थे उपाय
उन्होंने कहा, 'स्नाइपर हमले की कुछ घटनाएं पहले हुई थीं, जिसके फलस्वरूप हमने अपनी रक्षा को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय किए हैं. इस वर्ष के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से 26 फरवरी के बीच पाकिस्तानी सेना द्वारा स्नाइपिंग की केवल तीन घटनाएं हुईं, जिसमें एक असैन्य पोर्टर की मौत हो गई.'
27 फरवरी से अब तक स्नाइपिंग की कोई घटना नहीं
उन्होंने कहा कि 27 फरवरी से अब तक स्नाइपिंग की कोई घटना नहीं हुई. इसका अर्थ है कि जो कदम उठाए गए थे वह कामयाब हुए. उन्होंने ये भी कहा कि सैनिकों का मनोबल बहुत ऊंचा है और जब तक वह सीमाओं पर तैनात हैं, देश के लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
भारतीय सेना का संकल्प चट्टान की तरह ठोस है
उन्होंने कहा, 'उनके पास हर प्रकार के हथियार और विस्फोटक हैं और उनका संकल्प चट्टान की तरह ठोस है. वह किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार हैं. जब तक वह सीमाओं पर तैनात हैं. आप सुरक्षित हैं.'
सैनिकों के नाम पर हो रही राजनीति में सेना नहीं पड़ना चाहती
आपको बता दें, सिंह से लोकसभा चुनाव दौरान सैनिकों के नाम पर हो रही राजनीति के बारे में टिप्पणी करने के लिये कहा गया. इस पर उन्होंने कहा कि सेना इस बहस में नहीं पड़ना चाहती है.