बिहार के बोध गया में शुरु हुआ दलाई लामा का पांच दिवसीय प्रवचन - बोधगया में दलाई लामा पांच दिवसीय प्रवचन
बिहार के बोधगया में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का पांच दिवसीय प्रवचन शुरु हो गया है. इस दौरान वहां मौजूद लोगों को चाय भी वितरित की गई.
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पटना : बिहार के बोधगया में आज से तिब्बतियों के 14 वें दलाईलामा का पांच दिवसीय प्रवचन आज से शुरू हो गया है.
बोधगया के कालचक्र मैदान में आज से बोधिसत्व पर अपना प्रवचन शुरू किया है, यह प्रवचन 6 जनवरी तक चलेगा. पहले दिन प्रवचन को सुनने के लिए 47 देशों से 35 हजार श्रद्धालु पहले दिन उपस्थित हुए हैं.
इस दौरान हजारों लोगों की चाय बनाई जाती है. बोधगया में प्रवचन के बाद पहले दिन ही चार हजार लीटर दूध से बना चाय 35 हजार श्रद्धालुओं के लिए चाय बनाई गई. प्रवचन के बाद चाय का स्वाद लेने के बौद्ध श्रद्धालुओं में खासा इंतजार रहता है.
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प्रवचन के बाद एक रिवाज है प्रवचन सुने आये अनुयायियों को फालेप और चाय का वितरण किया जाता है.
जानकारी के अनुसार इस वर्ष आसपास के ग्रामीणों से फालेप का खरीदारी की जाएगी. फालेप तिब्बती रोटी है जो मैदा और आटे की बनी मोटी रोटी रहती हैं.
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फालेप के आपूर्ति के लिए आसपास के 200 ग्रामीणों से संपर्क उन्हें फालेप बनाने का जिम्मेदारी दिया गया है इस पहले इसी किचन में फालेप बनाया जाता था.
Body:आपको बता दे तिब्बत के धर्मगुरु बोधगया के कालचक्र मैदान में आज से बोधिसत्व पर अपना प्रवचन शुरू किया है ये प्रवचन छः जनवरी तक चलेगा। प्रवचन को सुने के लिए 47 देशों से 35 हजार श्रद्धालु पहले दिन उपस्थित हुए। प्रवचन के बाद एक रिवाज है प्रवचन सुने आये अनुयायियों को फालेप और चाय का वितरण किया जाता है। पहले दिन चार हजार लीटर दूध से बना चाय का वितरण किया गया।
vo:1 दलाईलामा जी के प्रवचन के बाद आयोजन समिति की ओर से दो प्रकार मसलन चीनी और नमक की चाय निःशुल्क वितरण किया गया। चाय बनाने के लिए 80 लीटर क्षमता वाले तीन बड़े बड़े तीन लोहे का बर्तन का इस्तेमाल किया गया है। चाय तिब्बती मंदिर के लामा के निगरानी में लोकल कारीगरों द्वारा बनाया जाता है।
vo:2 चाय बनाने वाले कर्मी ने बताया बिड़ला मन्दिर के पीछे चाय किचन बनाया गया है 35 हजार लोगों के लिए चाय यहां बनाया जा रहा है। बौद्ध लामा प्रवचन होने के बाद तत्पर रहते हैं बौद्ध श्रद्धालुओं को चाय पिलाने के लिए। इसे परंपरा कहिए या जरूरत लेकिन ये शुरू से ऐसे चलते आ रहा है।
बाईट- राज कुमार अग्रवाल (किचन कर्मी)
Conclusion:जानकारी के अनुसार इस वर्ष आसपास के ग्रामीणों से फालेप का खरीदारी की जाएगी। फालेप तिब्बती रोटी है जो मैदा और आटे की बनी मोटी रोटी रहती हैं। फालेप के आपूर्ति के लिए आसपास के 200 ग्रामीणों से संपर्क उन्हें फालेप बनाने का जिम्मेदारी दिया गया है इस पहले इसी किचन में फालेप बनाया जाता था।