ETV Bharat / bharat

40 साल की रेखा ने उठाया बस्ता और बेटे के साथ स्कूल पढ़ने चल दीं...

author img

By

Published : Jul 18, 2019, 6:10 PM IST

पढ़ाई के लिए कोई उम्र नहीं होती है ये मिसाल तो हम सभी ने सुनी है लेकिन उत्तराखंड की रेखा ने इसे साबित कर दिखाया है. जानें कौन हैं रेखा और क्या है उनका सोचना...

अपने बेटे के साथ 40 वर्षीय रेखा

देहरादून: राजधानी देहरादून के रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने उन सभी लोगों के लिए मिसाल कायम की है जो एक उम्र के बाद पढ़ने लिखने को गलत मानते हैं या शर्म महसूस करते हैं. देहरादून की रेखा कठैत भले ही बच्पन में अपनी पढ़ाई पूरी न कर सकी हों, लेकिन आज 40 साल की उम्र में उन्होंने एक बार फिर पढ़ाई शुरू की है और समाज में 'पढ़ाई के लिए कोई उम्र नहीं होती हैं' इस मिसाल को साबित कर दिखाया.

दरअसल, रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने अपना एडमिशन पास के ही एक जूनियर स्कूल में करवाया है. यह बात आपको भले ही असामान्य लगे, लेकिन हकीकत में रेखा ने ऐसा करके एक मिसाल कायम की है.

पढ़ें- भदोही में आज भी 'धूप घड़ी' में देखा जाता है समय

दरअसल, रेखा कठैत 40 साल की महिला हैं और उन्होंने रायपुर ब्लॉक के बडेरना जूनियर स्कूल में कक्षा 8 में प्रवेश लिया है. खास बात यह है कि रेखा के छोटे बेटे आकाश भी इसी स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ते हैं.

रेखा का कहना है कि बचपन में किसी कारणवश उनकी पढ़ाई सातवीं तक ही हो पाई और इसके बाद वो आगे स्कूल नहीं जा सकीं लेकिन उनके दिल में हमेशा से ही आगे पढ़ने की इच्छा रही. इस इच्छा को जब रेखा ने अपने पति के सामने रखा तो उनके पति ज्ञान सिंह ने भी पत्नी का साथ देते हुए उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. फिर क्या था रेखा ने अपने बेटे के स्कूल में ही कक्षा 8 में एडमिशन ले लिया और अब वह आगे की पढ़ाई जारी रखने की कोशिश में है.

पढ़ें- केदारनाथ: दक्षिण भारत की सांस्कृतिक झलक, बारिश के बीच मनमोहक नृत्य

आपको बता दें, रेखा मूल रूप से टिहरी जिले की रहने वाली हैं और रेखा के बड़े बेटे कक्षा 10 में पढ़ते हैं. रेखा ने जब स्कूल में एडमिशन लिया तो स्कूल प्रबंधन भी यह देखकर काफी हतप्रद था. हालांकि उप शिक्षा अधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद महिला को स्कूल में एडमिशन दे दिया गया और अब रेखा नियमित रूप से स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं.

देहरादून: राजधानी देहरादून के रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने उन सभी लोगों के लिए मिसाल कायम की है जो एक उम्र के बाद पढ़ने लिखने को गलत मानते हैं या शर्म महसूस करते हैं. देहरादून की रेखा कठैत भले ही बच्पन में अपनी पढ़ाई पूरी न कर सकी हों, लेकिन आज 40 साल की उम्र में उन्होंने एक बार फिर पढ़ाई शुरू की है और समाज में 'पढ़ाई के लिए कोई उम्र नहीं होती हैं' इस मिसाल को साबित कर दिखाया.

दरअसल, रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने अपना एडमिशन पास के ही एक जूनियर स्कूल में करवाया है. यह बात आपको भले ही असामान्य लगे, लेकिन हकीकत में रेखा ने ऐसा करके एक मिसाल कायम की है.

पढ़ें- भदोही में आज भी 'धूप घड़ी' में देखा जाता है समय

दरअसल, रेखा कठैत 40 साल की महिला हैं और उन्होंने रायपुर ब्लॉक के बडेरना जूनियर स्कूल में कक्षा 8 में प्रवेश लिया है. खास बात यह है कि रेखा के छोटे बेटे आकाश भी इसी स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ते हैं.

रेखा का कहना है कि बचपन में किसी कारणवश उनकी पढ़ाई सातवीं तक ही हो पाई और इसके बाद वो आगे स्कूल नहीं जा सकीं लेकिन उनके दिल में हमेशा से ही आगे पढ़ने की इच्छा रही. इस इच्छा को जब रेखा ने अपने पति के सामने रखा तो उनके पति ज्ञान सिंह ने भी पत्नी का साथ देते हुए उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. फिर क्या था रेखा ने अपने बेटे के स्कूल में ही कक्षा 8 में एडमिशन ले लिया और अब वह आगे की पढ़ाई जारी रखने की कोशिश में है.

पढ़ें- केदारनाथ: दक्षिण भारत की सांस्कृतिक झलक, बारिश के बीच मनमोहक नृत्य

आपको बता दें, रेखा मूल रूप से टिहरी जिले की रहने वाली हैं और रेखा के बड़े बेटे कक्षा 10 में पढ़ते हैं. रेखा ने जब स्कूल में एडमिशन लिया तो स्कूल प्रबंधन भी यह देखकर काफी हतप्रद था. हालांकि उप शिक्षा अधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद महिला को स्कूल में एडमिशन दे दिया गया और अब रेखा नियमित रूप से स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं.

Intro:summary- देहरादून के रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने उन सभी लोगों के लिए मिसाल कायम की है जो एक उम्र के बाद पढ़ने लिखने को गलत मानते हैं या शर्म महसूस करते हैं।

देहरादून की रेखा कठैत भले ही बहुत पढ़- लिख ना सकी हो लेकिन आज भी उसके पढ़ने की इच्छा ने उसे आज समाज के लिए एक मिसाल बना दिया है।


Body:देहरादून के रायपुर ब्लॉक क्षेत्र में रहने वाली रेखा कठैत ने अपना ऐडमिशन पास के ही एक जूनियर स्कूल में करवाया है.. यह बात आपको भले ही सामान्य लगे... लेकिन हकीकत में रेखा दे ऐसा कर एक मिसाल कायम की है... दरअसल रेखा कठैत 40 साल की महिला है और उसने रायपुर ब्लॉक के बडेरना जूनियर स्कूल में कक्षा 8 में प्रवेश लिया है... खास बात यह है कि रेखा का छोटा बेटा आकाश भी इसी स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ता है। रेखा का कहना है कि बचपन में किसी कारण वंश उसकी पढ़ाई सातवीं तक ही हो पाई और इसके बाद वह आगे स्कूल नहीं जा सकी लेकिन उसके दिल में हमेशा से ही आगे पढ़ने की इच्छा रही । इसी इच्छा को जब उसने अपने पति के सामने रखा तो उनके पति ज्ञान सिंह ने भी पत्नी का साथ देते हुए उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। फिर क्या था रेखा ने अपने बेटे के स्कूल में ही कक्षा 8 में एडमिशन ले लिया और अब वह आगे पढ़ाई जारी रखने की बात कहती है। रेखा मूल रूप से टिहरी जिले की रहने वाली है और रेखा का बड़ा बेटा कक्षा 10 में पढ़ता है।। रेखा दे जब स्कूल में एडमिशन लिया तो स्कूल प्रबंधन भी यह देखकर काफी हतप्रद था, हालांकि उप शिक्षा अधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद महिला को स्कूल में एडमिशन दे दिया गया और अब रेखा नियमित रूप से स्कूल में पढ़ाई कर रही है।


Conclusion:हकीकत में यह खबर महेश एक रेखा के पढ़ने से जुड़ी नहीं है बल्कि यह संदेश है उन लोगों के लिए जो एक उम्र के बाद आगे की पढ़ाई करने को लेकर संकोच करते हैं या फिर इसे फिजूल मानकर अपने आगे पढ़ने की इच्छा को दबा देते हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.