हैदराबाद : राजीव गांधी की नानी का नाम कमला नेहरू था. कमला का अर्थ लक्ष्मी होता है. कमला नेहरू के सम्मान में ही उनका नाम राजीव रखा गया था. राजीव कमल का पर्यायवाची शब्द है.
- राजीव ने जहां पर सिविल एविएशन का प्रशिक्षण प्राप्त किया था, उसी फ्लाइंग क्लब के वह सदस्य भी बने.
- उन्होंने 1970 में एअर इंडिया ज्वॉइन कर ली थी. 1980 तक वह इससे जुड़े रहे.
- उन्हें कंप्यूटर और गैजेट्स में काफी रुचि थी. जब वह प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने देश के तहत डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने का काम किया था.
- 1981 में वह कांग्रेस यूथ विंग के अध्यक्ष चुने गए थे.
- वह मात्र 40 साल की आयु में प्रधानमंत्री बन गए थे.
- राजीव के नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा की रिकॉर्ड 411 सीटें जीती थीं. यह रिकॉर्ड अब भी कायम है.
- उन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से भी जाना जाता था.
- मई 1991 में चुनावी दौरे पर वह तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर गए. वहां उनकी यात्रा का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं था. एलटीटीई के एक आतंकी ने उनकी हत्या कर दी.
इंजीनियर से पायलट
राजीव गांधी ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में तीन साल तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. हालांकि, उन्होंने इसे पूरा नहीं किया. बाद में उन्होंने स्वीकार किया था कि उन्हें परीक्षा नहीं छोड़नी चाहिए थी.
सिमी ग्रेवाल के एक टॉक शो कार्यक्रम में राजीव गांधी ने कहा था कि उन्हें विमान उड़ाने का शौक तभी पैदा हो गया था, जब वह अपने नाना पं. जवाहरलाल नेहरू के साथ ग्लाइडिंग क्लब गए थे. उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसा लगता था कि उन्हें पूरी स्वतंत्रता मिल गई हो.
बहुत कम लोगों को पता है कि राजीव गांधी को फोटोग्राफी का भी शौक था. उनके पास फोटो संग्रह था. कई प्रकाशकों ने उनसे संपर्क भी साधा था. उनके निधन के बाद सोनिया गांधी ने उनके द्वारा खींची गईं तस्वीरों का संग्रह किया और उसे प्रकाशित कराया. इसका नाम 'राजीव वर्ल्ड, फोटोग्राफी बाय राजीव गांधी' रखा गया था. इस संग्रह को राजीव की बायोग्राफी समझी जाती है. इसमें उनके 40 सालों का संकलन शामिल है.
राजीव गांधी ने 1980 में राजनीति में प्रवेश किया था. वह राजनीति में आने को लेकर बहुत अधिक उत्सुक नहीं थे. हालांकि एक बार जब राजनीति में आए तो जनता के दिलो-दिमाग में उनकी छवि साफ सुथरे व्यक्ति की थी. उनका नाम किसी विवाद से नहीं जुड़ा था. 1984 में वह मात्र 40 साल के थे. उनका व्यक्तित्व युवाओं को आकर्षित करता था. कहा जाता है कि तब विपक्षी पार्टियों के पास भी उनके खिलाफ बोलने के लिए कुछ नहीं था. यही वजह थी कि उन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से जाना जाने लगा.
संभवत; राजीव गांधी देश के एकमात्र प्रधानमंत्री थे, जो अक्सर खुद ही कार चलाया करते थे. चुनाव प्रचार के दौरान भी वह कई बार अपनी गाड़ी चलाते थे. सुमन चक्रवर्ती ने अपनी किताब 'माई डेट विथ हिस्ट्री, ए मेमॉयर' में लिखा है कि 1986 में बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी अपनी गाड़ी खुद ही चलाया करते थे. सुरक्षा दस्ता उनकी गाड़ी के आगे-आगे चलता था. कई बार तो सुरक्षा बल भी उनकी गाड़ी के पीछे रह जाते थे.