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विश्व पुस्तक दिवस : किताबों की अद्भुत दुनिया

प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पुस्तक दिवस मनाया जाता है. इसे विश्व पुस्तक दिवस, कॉपीराइट दिवस के रूप में भी जाना जाता है. किताबों और लेखकों को स्मरण करने और पूरे विश्व का ध्यान खींचने के उद्देश्य से यूनेस्को द्वारा इस तारीख की घोषणा की गई.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : Apr 22, 2020, 11:49 AM IST

Updated : Apr 23, 2020, 9:21 AM IST

हैदराबाद. विश्व पुस्तक दिवस को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में भी जाना जाता है. विश्व का महान लेखक विलियम शेक्सपियर का निधन 23 अप्रैल 1616 को हुआ था. साहित्य की जगत में शेक्सपियर का जो कद है, उसको देखते हुए यूनेस्को ने 1995 से और भारत सरकार ने 2001 से इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.

प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पुस्तक दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक साल 23 अप्रैल की निर्धारित तिथि को विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन किया जाता है.

विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि यह कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगांठ थी. किताबों और लेखकों को स्मरण करने के उद्देश्य से इस तारीख की घोषणा की गई.

जानकारी के लिए बताते चलें कि शेक्सपीयर का निधन हुआ 23 अप्रैल 1616 को हुआ था. शेक्सपीयर एक ऐसे महान लेखक थे, जिनकी कृतियों का अनुवाद विश्व की अधिकतर भाषाओं में हुआ. शेक्सपीयर ने अपने जीवन काल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखीं.

पाठक उन सभी महान हस्तियों को याद रखें, जिन्होंने अपने जीवनकाल में विश्व को कई प्रमुख, रचनाओं से नवाजा था. इसलिए 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाने का फैसला लिया गया.

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाने का उद्देश्य-
कहते हैं किताब मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र होता है. वह किसी भी परिस्थिति में इंसान का साथ नहीं छोड़ता है. विश्व पुस्तक दिवस पर हम उन महान लोगों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया को एक नई राह दिखाई.

पाठक उनकी रोचक कहानियों, कृतियों को पढ़कर एक नए रोमांच का अनुभव करते हैं. पाठक प्रोत्साहित हों, इसी उद्देश्य से विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन हर साल 23 अप्रैल को होता है.

कॉपीराइट क्या है?
कॉपीराइट एक कानूनी अवधारणा है, जो मूल कार्य के लेखक या निर्माता को उस मूल काम के साथ कुछ चीजें करने का विशेष अधिकार देता है.

कॉपीराइट धारक को चुनने का अधिकार है कि क्या कोई अन्य उसके काम का उपयोग, अनुकूलन या पुनर्विक्रय कर सकता है और उस कार्य के लिए श्रेय पाने का अधिकार रखता है.

कैसे मनाया जाता है विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस
लेखकों और दूसरी महत्वपूर्णं बातों के बारे में जानने के लिए उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ ही पढ़ने की आदत बच्चों में डालने के लिए और अन्य वर्ग के लोगों को पास लाने में विश्व पुस्तक दिवस एक बड़ी भूमिका अदा करता है.

इस कार्यक्रम को विभिन्न संस्थान, लोगों द्वारा मनाया जाता है. इसमें लेखकों, शिक्षकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों, मीडिया जगत के लोग शामिल होते हैं.

विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर यूनेस्को राष्ट्रीय परिषद, यूनेस्को क्लब, केंद्रीय संस्थान, लाइब्रेरी, स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थान, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हैं.

बता दें कि, बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिए यूनेस्को ने इसकी पहल की थी.

हैदराबाद. विश्व पुस्तक दिवस को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में भी जाना जाता है. विश्व का महान लेखक विलियम शेक्सपियर का निधन 23 अप्रैल 1616 को हुआ था. साहित्य की जगत में शेक्सपियर का जो कद है, उसको देखते हुए यूनेस्को ने 1995 से और भारत सरकार ने 2001 से इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.

प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पुस्तक दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक साल 23 अप्रैल की निर्धारित तिथि को विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन किया जाता है.

विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि यह कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगांठ थी. किताबों और लेखकों को स्मरण करने के उद्देश्य से इस तारीख की घोषणा की गई.

जानकारी के लिए बताते चलें कि शेक्सपीयर का निधन हुआ 23 अप्रैल 1616 को हुआ था. शेक्सपीयर एक ऐसे महान लेखक थे, जिनकी कृतियों का अनुवाद विश्व की अधिकतर भाषाओं में हुआ. शेक्सपीयर ने अपने जीवन काल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखीं.

पाठक उन सभी महान हस्तियों को याद रखें, जिन्होंने अपने जीवनकाल में विश्व को कई प्रमुख, रचनाओं से नवाजा था. इसलिए 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाने का फैसला लिया गया.

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाने का उद्देश्य-
कहते हैं किताब मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र होता है. वह किसी भी परिस्थिति में इंसान का साथ नहीं छोड़ता है. विश्व पुस्तक दिवस पर हम उन महान लोगों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया को एक नई राह दिखाई.

पाठक उनकी रोचक कहानियों, कृतियों को पढ़कर एक नए रोमांच का अनुभव करते हैं. पाठक प्रोत्साहित हों, इसी उद्देश्य से विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन हर साल 23 अप्रैल को होता है.

कॉपीराइट क्या है?
कॉपीराइट एक कानूनी अवधारणा है, जो मूल कार्य के लेखक या निर्माता को उस मूल काम के साथ कुछ चीजें करने का विशेष अधिकार देता है.

कॉपीराइट धारक को चुनने का अधिकार है कि क्या कोई अन्य उसके काम का उपयोग, अनुकूलन या पुनर्विक्रय कर सकता है और उस कार्य के लिए श्रेय पाने का अधिकार रखता है.

कैसे मनाया जाता है विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस
लेखकों और दूसरी महत्वपूर्णं बातों के बारे में जानने के लिए उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ ही पढ़ने की आदत बच्चों में डालने के लिए और अन्य वर्ग के लोगों को पास लाने में विश्व पुस्तक दिवस एक बड़ी भूमिका अदा करता है.

इस कार्यक्रम को विभिन्न संस्थान, लोगों द्वारा मनाया जाता है. इसमें लेखकों, शिक्षकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों, मीडिया जगत के लोग शामिल होते हैं.

विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर यूनेस्को राष्ट्रीय परिषद, यूनेस्को क्लब, केंद्रीय संस्थान, लाइब्रेरी, स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थान, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हैं.

बता दें कि, बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिए यूनेस्को ने इसकी पहल की थी.

Last Updated : Apr 23, 2020, 9:21 AM IST
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