जयपुर : देशभर में शिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. राजस्थान के बीकानेर के 12 महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. खास बात यह है कि इस शिव मंदिर में एक साथ 12 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं.
भारत का यह दूसरा मंदिर है, जहां एक ही मंदिर में शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थित है. शिव की आराधना करना आसान नहीं है. अपनी मन्नत के अनुसार लोग शिव की आराधना करते हैं. बता दें कि देश में एक स्थान पर एक साथ 12 ज्योतिर्लिंग दो ही जगहों पर हैं. एक कोलकाता का बारह महादेव मंदिर और दूसरा बीकानेर का बारह महादेव का मंदिर.
इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में एक ही स्थान पर 12 शिवलिंग बने हैं और साथ में बारह मंदिर भी बने हैं, जहां शिव परिवार, मां पार्वती और गणेश विराजमान है. इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. शिवरात्रि के दिन सुबह से मंत्रोच्चार और ॐ नम: शिवाय से मंदिर गूंजायमान हो जाता है. शिवरात्रि पर लोगों ने महादेव के जयकारे लगाते हुए शिवलिंग की पूजा की.
इस मंदिर में युवतियां बारह ज्योतिर्लिंगों की पूजा कर मनपसंद वर की कामना करती हैं. ऐसी भी मान्यता है कि 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. लोग अपने जीवन में खुशहाली और सुख की कामना के लिए यहां आते हैं.
इस मंदिर में शिव के 12 ज्योर्तिलिंग हैं, जिनकी भक्त मंत्रोच्चार से पूजा-अर्चना करते हैं. बेलपत्र, दूध, जल और घृत से देवों के देव महादेव का अभिषेक करते हैं. साथ ही पुष्प, चावल, चन्दन, धतुरा, जनेऊ से महादेव का श्रृंगार करते हैं. शिवरात्रि के दिन सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. देर रात तक चलने वाली पूजा-अर्चना के बाद रात में इस मंदिर में भजन संध्या का आयोजन भी किया गया.
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लगभग 150 साल पुराने इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि 12 ज्योर्तिलिंग के मंदिर में आने वाले शिव भक्तों के जीवन में परिवर्तन आ जाता है और उन्हें जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.