ETV Bharat / bharat

कच्ची उम्र में केसरी का बड़ा काम, कपड़े के थैले सिलकर दे रही पैगाम

राजधानी को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए एक छोटी सी बच्ची अपना योगदान दे रही है. एक ऐसी बच्ची जो अपने छोटे और नाजुक हाथों से मशीन चलाकर अपने परिवार के भरण-पोषण में काम करके हाथ भी बंटाती है.

थैले सिलती केसरी
author img

By

Published : Oct 14, 2019, 12:02 AM IST

Updated : Oct 14, 2019, 4:03 PM IST

रायपुर: खेलने कूदने की उम्र में स्वच्छता का संदेश. जी हां ये हैं रायपुर की केसरी जो छोटी उम्र में पूरे देश को साफ सफाई का बड़ा संदेश दे रही है..और पॉलिथीन के खिलाफ लोगों को जागरुक कर रही है, ताकि साफ सफाई के साथ आम लोग पर्यावरण को लेकर सजग हो सकें. पढ़ने लिखने की उम्र में केसरी ने सिलाई मशीन को अपना औजार बना लिया है और खुद कपड़े के थैले को सिल रही है, ताकि लोग पॉलिथीन की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल कर सकें और शहर, कस्बे प्रदूषित होने से बच जाएं.

बच्ची करती है कपड़े के थैले लेने की अपील
जब बच्ची से पूछा गया कि तुम इतनी कम उम्र में थैला क्यों सिल रही हो, तो उसका जवाब था कि राजधानी को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए वह यह काम कर रही है. साथ ही उसने बताया कि पॉलीथीन से कई तरह की परेशानी होती है. गाय इसे खाकर बीमार हो जाती है. इसकी वजह से वह लोगों से पॉलीथिन की जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करने की अपील करती है.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

झोपड़ीनुमा दुकान में बनाते हैं थैले
केसरी रायपुर के बृजनगर में रहने वाले एक छोटे से परिवार की बेटी है. केसरी के पिता का नाम रामखिलावान देवांगन और मां का नाम मंजू देवांगन है. ये पूरा परिवार मोती नगर स्थित सड़क के किनारे एक झोपड़ीनुमा दुकान में कपड़े का थैला सिलकर बेचने का काम करते हैं और उनके इस काम में केसरी भी बराबर का सहयोग करती है. वह अपने नाजुक हाथों से मशीन चलाते हुए थैला सिलती है और उसे बेचती है.

सीएम भी केसरी की मुहिम से हुए प्रभावित
ये बच्ची जिसका नाम केसरी देवांगन है और कक्षा पांचवीं की छात्रा है. ये अपने छोटे-छोटे नाजुक हाथों से कपड़े की थैली सिल कर लोगों से अपील करती है कि प्लास्टिक की जगह कपड़े से बने थैलों का इस्तेमाल करें. बच्ची के इस प्रयास के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कायल हैं. केसरी के बढ़ते कदम को उसके माता पिता का भी समर्थन है. केसरी को सड़कों पर फैले पॉलिथीन और गंदगी को देखकर थैला सिलने की प्रेरणा मिली. केसरी की इस मुहिम को सीएम भूपेश बघेल ने भी समर्थन दिया है और हर मदद का भरोसा दिलाया है.

पढ़ें-महाबलीपुरम : सागर से संवाद करने में खो गए PM मोदी, लिख दी ये कविता

CM ने सोशल मीडिया पर किया केसरी का जिक्र
केसरी के इस काम का जिक्र सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर भी किया है. ऐसे में स्वच्छता की सिपाही नन्ही केसरी के हौसले से समाज के हर उस वर्ग को सीखने की जरूरत है जो अब भी पॉलिथीन का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं.

रायपुर: खेलने कूदने की उम्र में स्वच्छता का संदेश. जी हां ये हैं रायपुर की केसरी जो छोटी उम्र में पूरे देश को साफ सफाई का बड़ा संदेश दे रही है..और पॉलिथीन के खिलाफ लोगों को जागरुक कर रही है, ताकि साफ सफाई के साथ आम लोग पर्यावरण को लेकर सजग हो सकें. पढ़ने लिखने की उम्र में केसरी ने सिलाई मशीन को अपना औजार बना लिया है और खुद कपड़े के थैले को सिल रही है, ताकि लोग पॉलिथीन की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल कर सकें और शहर, कस्बे प्रदूषित होने से बच जाएं.

बच्ची करती है कपड़े के थैले लेने की अपील
जब बच्ची से पूछा गया कि तुम इतनी कम उम्र में थैला क्यों सिल रही हो, तो उसका जवाब था कि राजधानी को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए वह यह काम कर रही है. साथ ही उसने बताया कि पॉलीथीन से कई तरह की परेशानी होती है. गाय इसे खाकर बीमार हो जाती है. इसकी वजह से वह लोगों से पॉलीथिन की जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करने की अपील करती है.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

झोपड़ीनुमा दुकान में बनाते हैं थैले
केसरी रायपुर के बृजनगर में रहने वाले एक छोटे से परिवार की बेटी है. केसरी के पिता का नाम रामखिलावान देवांगन और मां का नाम मंजू देवांगन है. ये पूरा परिवार मोती नगर स्थित सड़क के किनारे एक झोपड़ीनुमा दुकान में कपड़े का थैला सिलकर बेचने का काम करते हैं और उनके इस काम में केसरी भी बराबर का सहयोग करती है. वह अपने नाजुक हाथों से मशीन चलाते हुए थैला सिलती है और उसे बेचती है.

सीएम भी केसरी की मुहिम से हुए प्रभावित
ये बच्ची जिसका नाम केसरी देवांगन है और कक्षा पांचवीं की छात्रा है. ये अपने छोटे-छोटे नाजुक हाथों से कपड़े की थैली सिल कर लोगों से अपील करती है कि प्लास्टिक की जगह कपड़े से बने थैलों का इस्तेमाल करें. बच्ची के इस प्रयास के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कायल हैं. केसरी के बढ़ते कदम को उसके माता पिता का भी समर्थन है. केसरी को सड़कों पर फैले पॉलिथीन और गंदगी को देखकर थैला सिलने की प्रेरणा मिली. केसरी की इस मुहिम को सीएम भूपेश बघेल ने भी समर्थन दिया है और हर मदद का भरोसा दिलाया है.

पढ़ें-महाबलीपुरम : सागर से संवाद करने में खो गए PM मोदी, लिख दी ये कविता

CM ने सोशल मीडिया पर किया केसरी का जिक्र
केसरी के इस काम का जिक्र सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर भी किया है. ऐसे में स्वच्छता की सिपाही नन्ही केसरी के हौसले से समाज के हर उस वर्ग को सीखने की जरूरत है जो अब भी पॉलिथीन का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं.

Intro:कपड़े की थैली सील मासूम दे रही है लोगों को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने संदेश

सीएम ने की बच्ची की अनोखी पहल की सराहना

रायपुर । आज ईटीवी भारत की टीम आपको उस बच्ची से मिलवाने जा रहे हैं जो अपने परिवार के भरण-पोषण में तो काम करके हाथ बटाती ही है साथ ही समाज को एक सुंदर संदेश भी दे रही है यह संदेश है प्लास्टिक मुक्त करने का ।

बच्ची अपने छोटे-छोटे नाजुक हाथों से कपड़े की थैली सील कर लोगों से अपील करती है कि प्लास्टिक की जगह कपड़े से बने थैले का इस्तेमाल करें । बच्ची के इस प्रयास के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कायल है




Body:हम जिस बच्ची की बात कर रहे हैं उसका नाम है कि केसरी देवांगन । जोकि बृज नगर की रहने वाली है इस बच्चे की उम्र महज 10-11 साल है । वह कक्षा पांचवी की छात्रा है। इतनी कम उम्र में ही वह अपने परिवार के साथ कपड़े का थैला सिलने के काम में हाथ बटाती है साथ ही लोगों को प्लास्टिक मुक्त राजधानी करने के लिए संदेश भी दे रही है।

केसरी के पिता का नाम रामखिलावान और माता मंजू देवांगन है । केसरी का एक भाई भी है मानसिंह देवांगन। जो कक्षा 12वीं की पढ़ाई करने के बाद रोजगार की तलाश में है । यह लोग मोती नगर स्थित सड़क के किनारे कपड़े का थैला सीलकर बेचने का काम करते हैं और उनके इस काम में केसरी भी बराबर का सहयोग करती है वह अपने छोटे-छोटे नाजुक हाथों से मशीन चलाते हुए थैला सिलती है और उसे बेचती है ।

जब बच्ची से पूछा गया कि तुम इतनी कम उम्र में थैला क्यों सील रही हो । तो उसका जवाब था कि राजधानी को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए वह यह काम कर रही है साथ ही उसने बताया कि पॉलिथीन से कई तरह की परेशानी होती है गाय इसे खाकर बीमार हो जाती है। इसकी वजह से वह लोगों से पॉलिथीन की जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करने अपील करती है

बच्ची के परिजनों का भी मानना है कि कपड़े के थैला के इस्तेमाल से पर्यावरण दूषित होने से तो बचता ही है साथ ही पॉलिथीन खाने से असमय हो रही गायों की मौतों को भी रोका जा सकता है। बच्चे के परिजनों ने बताया कि गांधी विचार पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके पास आए थे और उन्होंने उनसे 5 फैला लिया साथ ही ₹600 भी दिए पर यह ने बताया की भूपेश बघेल ने उनके कारोबार को बढ़ाने के लिए सहयोग किए जाने का आश्वासन भी दिया है
वाक थ्रो

बच्ची के इस काम की सराहना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी की है गांधी विचार पदयात्रा के समापन अवसर पर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मोती नगर से गुजर रहे थे तो उसी दौरान उनकी नजर सड़क किनारे थैला बेचते इस मासूम बच्ची पर पड़ी जिसके बाद वह इस बच्ची के पास पहुंचे । इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्ची से कपड़े का पांच थैला खरीदा और उसके एवज में उसे ₹100 दिए।

मुख्यमंत्री को अपने छोटे से दुकान में पाकर बच्ची के परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा । बच्ची सहित परिजनों ने मुख्यमंत्री को तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया है इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें ₹500 और दिए ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्ची के साथ अपनी इस मुलाकात का जिक्र अपने सोशल साइड में भी किया उसमें मुख्यमंत्री ने लिखा कि - गांधी विचार यात्रा के अंतिम पड़ाव के दौरान रायपुर में इस बच्ची से मिलकर मन अभिभूत हो गया यह बिटिया अपने माता-पिता के साथ मिलकर कपड़े का थैला बनाती है ताकि शहर को प्लास्टिक से मुक्त रखा जा सके मैंने भी इस बिटिया से मात्र ₹100 में 5 कपड़े के थैले लिए आप सभी कपड़े से बने थैले का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें




Conclusion:बता दें कि बच्ची के परिजन लगभग 1 साल पहले पास में ही संचालित हो रही पॉलिथीन बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे लेकिन बाद में फैक्ट्री बंद हो गई जिसके बाद इन्होंने सड़क के किनारे कपड़े की थैली बनाने का काम शुरू किया । आज उनके इस काम में महज 10 से 11 साल की मासूम बच्ची भी सहयोग कर रही है जिससे जहां एक और परिवार की आय मैं बच्ची के द्वारा हाथ बटाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर समाज को पॉलिथीन मुक्त करने और उसकी जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करने का संदेश भी दिया जा रहा है। बच्ची के इस प्रयास की मुख्यमंत्री ने सराहना की है और उनके इस कारोबार को हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया है ।
Last Updated : Oct 14, 2019, 4:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.