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100 वर्षीय महिला ने दी कोरोना को मात, कैंसर से भी थीं पीड़ित

खरगोन जिले में एक 100 वर्षीय महिला ने कोरोना से जंग जीत ली है. बता दें कि बीते 17 जुलाई को महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. जिसके बाद उसे घर में ही आइसोलेट करते हुए उसका डॉक्टरों ने ध्यान रखा था.

100 वर्षीय महिला ने दी कोरोना को मात
100 वर्षीय महिला ने दी कोरोना को मात
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Published : Aug 3, 2020, 9:35 PM IST

भोपाल : कहते हैं कि जब तक मन में जीवन जीने की तमन्ना हो, तब तक मौत आकर भी छू नहीं सकती. इस कहावत को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की एक वृद्धा ने कोरोना को मात देकर साबित कर दिया है. जिले के बड़वाह के सुराणा नगर की 100 वर्ष की वृद्ध महिला के आगे कोरोना बौना साबित हुआ है.

17 जुलाई को रूक्मणी खुश्याल चौहान के सैंपल लिए गए थे. जिसकी 21 जुलाई को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. उनकी वर्तमान स्थिति और घर में ही उनका पोता कोरोना को हराकर लौटा था. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए रूक्मणी को घर में आइसोलेट किया गया था.

प्रदेश में एक मात्र यह ऐसा पहला मामला होगा, जब मरीज कोरोना के अलावा अन्य पुरानी बीमारी केंसर से भी ग्रसित रहा हो. इतनी उम्रदराज महिला होने के बावजूद कोरोना से लड़कर स्वस्थ हुई हैं. वास्तव में उनके आत्मबल और रोग प्रतिरोधक क्षमता ने साबित कर दिया कि कोरोना में उचित देखरेख और व्यवस्थित दिनचर्या अपना कर कोरोना को पछाड़ा जा सकता है.

एसडीएम मिलिंद ढोके ने बताया कि 21 जुलाई को उम्रदराज महिला के पॉजिटिव आने के बाद हमारे सामने एक चुनौती थी. कारण यह था कि उनको कैंसर की भी बीमारी थी. इसके चलते उनके घर में डॉक्टरों की निगरानी में हर रोज जांच और हर हलचल पर ध्यान रखा गया था.

पढ़ें - कोरोना महामारी से अपने जीवन को बचाने के लिए समझदारी आवश्यक

वहीं रूक्मणी देवी की रोग प्रतिरोधक क्षमता के आगे आखिरकार कोरोना हार गया. आज रूक्मणी और उनके परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली और परिवार अपनी पूर्ववत दिनचर्या में लौट आया है.

भोपाल : कहते हैं कि जब तक मन में जीवन जीने की तमन्ना हो, तब तक मौत आकर भी छू नहीं सकती. इस कहावत को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की एक वृद्धा ने कोरोना को मात देकर साबित कर दिया है. जिले के बड़वाह के सुराणा नगर की 100 वर्ष की वृद्ध महिला के आगे कोरोना बौना साबित हुआ है.

17 जुलाई को रूक्मणी खुश्याल चौहान के सैंपल लिए गए थे. जिसकी 21 जुलाई को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. उनकी वर्तमान स्थिति और घर में ही उनका पोता कोरोना को हराकर लौटा था. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए रूक्मणी को घर में आइसोलेट किया गया था.

प्रदेश में एक मात्र यह ऐसा पहला मामला होगा, जब मरीज कोरोना के अलावा अन्य पुरानी बीमारी केंसर से भी ग्रसित रहा हो. इतनी उम्रदराज महिला होने के बावजूद कोरोना से लड़कर स्वस्थ हुई हैं. वास्तव में उनके आत्मबल और रोग प्रतिरोधक क्षमता ने साबित कर दिया कि कोरोना में उचित देखरेख और व्यवस्थित दिनचर्या अपना कर कोरोना को पछाड़ा जा सकता है.

एसडीएम मिलिंद ढोके ने बताया कि 21 जुलाई को उम्रदराज महिला के पॉजिटिव आने के बाद हमारे सामने एक चुनौती थी. कारण यह था कि उनको कैंसर की भी बीमारी थी. इसके चलते उनके घर में डॉक्टरों की निगरानी में हर रोज जांच और हर हलचल पर ध्यान रखा गया था.

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वहीं रूक्मणी देवी की रोग प्रतिरोधक क्षमता के आगे आखिरकार कोरोना हार गया. आज रूक्मणी और उनके परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली और परिवार अपनी पूर्ववत दिनचर्या में लौट आया है.

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