जयपुर. भारत जोड़ो यात्रा 17 दिन राजस्थान में रहने के बाद बुधवार को हरियाणा में प्रवेश कर गई है. खास बात यह रही कि भारत जोड़ो यात्रा के रूट मैप में (Bharat Jodo Yatra in Rajasthan) कांग्रेस शासित राज्य के रूप में केवल राजस्थान ही रहा है. साथ ही सबसे ज्यादा कुर्सी का झगड़ा भी यहीं रहा है. बावजूद इसके 17 दिनों में बिना किसी विवाद के यह यात्रा सफलतापूर्वक निकली.
भारत जोड़ो यात्रा के हरियाणा में घुसने के बाद अब यात्रा को लेकर राजस्थान के लाभ-हानि के गणित पर चर्चा शुरू हो चुकी है. इन चर्चाओं के बीच यह भी खास है कि किस नेता को इस यात्रा का सबसे अधिक लाभ मिला है. वैसे तो चाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, दोनों राहुल गांधी के करीबी हैं. लेकिन इस यात्रा के बाद राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी एक अलग शख्सियत के रूप में सामने आए हैं.
डोटासरा 2020 में राजस्थान में बने सियासी संकट के दौरान पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बने थे. साथ ही यह भी कहते नजर आते थे कि पता नहीं कांग्रेस पार्टी में कब किसकी लॉटरी मेरी तरह लग जाए. ऐसे में सचिन पायलट को हटाए जाने पर लॉटरी के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष बने गोविंद डोटासरा, अब कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के भी बिल्कुल नजदीक आ गए हैं. जिन डोटासरा की प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी से इक्का-दुक्का मुलाकात ही 2 साल में हो सकी थी. वही गोविंद डोटासरा राजस्थान में चली यात्रा में 15 दिन तक राहुल गांधी के साथ चले. साथ ही राहुल गांधी के सामने भी अगर कोई अपनी पीड़ा लेकर आता था, तो वह उस परेशानी को दूर करने के लिए डोटासरा को ही कागज थमाते दिखाई दिए.
![Bharat Jodo Yatra in Rajasthan, Bharat Jodo Yatra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17268991_middle2.jpg)
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इस यात्रा में जिस तरह से डोटासरा अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं, उससे एक बात साफ है कि (Govind Dotasra Power Politics) राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई भले ही जारी रहे. लेकिन राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की कुर्सी पर अब कोई खतरा नहीं है और डोटासरा ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे.
डोटासरा, गहलोत और पायलट के लिए सूटेबलः कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष हमेशा सीएम पद का दावेदार होता है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के 2 साल बाद भी अब तक न तो डोटासरा और न ही उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री का दावेदार बता रहे हैं. किसान कम्युनिटी को रिप्रेजेंट करने वाले गोविंद डोटासरा उपचुनाव में एक के बाद एक 8 में से 6 चुनाव जीतकर संगठन चलाने की योग्यता दिखा चुके हैं. वहीं, किसान कम्युनिटी से आने के बावजूद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी नहीं दिखाने के चलते चाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, दोनों ही कैंप डोटासरा को लेकर सकारात्मक हैं. अब राजस्थान में निकली भारत जोड़ो यात्रा की सफलता ने राहुल गांधी के सामने भी डोटासरा की पहचान बना दी है. ऐसे में यह लगभग तय कर दिया है कि डोटासरा ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे.
राहुल ने कहा मंत्री चलें पैदल तो, डोटासरा बढ़े एक कदम आगेः गोविंद डोटासरा भी यात्रा में निर्णय लेते हुए दिखाई दिए. राहुल गांधी ने जैसे ही यह कहा कि राजस्थान को लेकर उनका सुझाव है कि सभी मंत्री महीने में एक दिन 15 किलोमीटर पैदल चलें. इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने महीने में एक दिन पैदल चलने के लिए केवल मंत्री ही नहीं, बल्कि विधायकों और संगठन में पद पाने की चाह रखने वाले नेताओं को भी पैदल चलने के निर्देश दे दिए. यही कारण है कि राहुल गांधी ने हरियाणा में प्रवेश करने से पहले यह कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने यह निर्णय लिया है कि महीने में 1 दिन राजस्थान की कैबिनेट 15 किलोमीटर जनता के बीच जाकर उनकी बात सुनकर काम करेंगे.
![Bharat Jodo Yatra in Rajasthan, Bharat Jodo Yatra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17268991_middle.jpg)
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उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी सुझाव दूंगा कि पार्टी के नेता महीने में एक दिन पैदल चलें. राहुल गांधी ने कहा कि "कांग्रेस के नेता पैदल चलने चाहिए, धक्के खाने चाहिए, गिरने चाहिए उनके घुटने छिलने चाहिए". ऐसे में अब संभव है कि गोविंद डोटासरा ने मंत्रियों के साथ ही विधायकों और पद पाने की इच्छा रखने वाले नेताओं को जो सुझाव दिया है वह पूरे देश में लागू हो.
दिव्या मदेरणा और कृष्णा पूनिया भी इस यात्रा की खोजः राजस्थान में निकली भारत जोड़ो यात्रा में जो नेता (Rajasthan Congress Leaders with Rahul Gandhi) सबसे अग्रिम पंक्ति में चलते दिखाई दिए उनमें दो महिला विधायक दिव्या मदेरणा और कृष्णा पूनिया भी शामिल रही. दोनों राहुल गांधी के साथ लगभग पूरी यात्रा में कदमताल करती दिखाई दी. इन दोनों नेताओं की छवि भी कांग्रेस आलाकमान के सामने इस यात्रा के बाद मजबूत हुई है.
राहुल ने दिए ये खास संदेशः यात्रा आज जब हरियाणा में प्रवेश की तो उससे पहले राहुल गांधी ने न केवल गहलोत, डोटासरा और सचिन पायलट को गले से लगाया. इसके साथ ही वे आसाम के प्रभारी भंवर जितेंद्र और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी को भी गले से लगाया. भले ही यह एक सामान्य घटना दिखाई देती हो, लेकिन हकीकत यह है कि राहुल गांधी सभी नेताओं को गले लगा कर एकता के तो साफ संकेत दे गए हैं. साथ ही वह यह भी इशारा कर गए हैं कि राजस्थान में गहलोत, पायलट ही नहीं आलाकमान के लिए बाकी नेता भी महत्वपूर्ण हैं. राजस्थान में सभी नेता मिलकर 2023 में विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.