नई दिल्ली : अग्रणी वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक कोविड-19 के लिए नाक से लिया जाने वाला टीका विकसित कर रही है और इस टीके का भारत में क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा एक इंट्रा-नैसल वैक्सीन (BBV154) का विकास किया जा रहा है. यह भारत में विकास के शुरुआती क्लीनिकल फेज में है.
बता दें कि अधिकांश टीकों को इंट्रा-मस्कुलर या त्वचा के नीचे के मार्ग के माध्यम से इंजेक्शन के द्वारा लगाया जाता है. लेकिन, इंट्रा-नैसल टीकों को नैसल स्प्रे के रूप में दिया जाता है. इसे सुई से इंजेक्ट करने की जरूरत नहीं होती है.
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चौबे ने बताया कि दो खुराक के बीच अंतराल की अवधि वर्तमान में 21 दिन है. इस अवधि को पहले चरण के क्लीनिक ट्रायल डेटा के आधार पर अंतिम रूप दिया जाएगा. वर्तमान में, प्रथम चरण के ट्रायल में, पहले और दूसरे खुराक के बीच की अवधि का परीक्षण किया जा रहा है.
वर्तमान में, भारत में दो कोरोना टीके 'कोवैक्सीन' और 'कोविशील्ड' के जरिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. दोनों टीके इंजेक्शन द्वारा लगाए जाते हैं. लाभार्थी को 28 दिनों के अंतराल पर टीके की दूसरी खुराक लेने की आवश्यकता होती है.
केंद्र सरकार द्वारा दोनों टीके सभी राज्यों को स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के श्रमिकों के टीकाकरण के लिए नि:शुल्क प्रदान किए जा रहे हैं.
अश्विनी चौबे ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों और बीमारी से ग्रसित 45 से 60 वर्ष की आयु वालों के लिए, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था है, जबकि निजी सुविधाओं में प्रति व्यक्ति प्रति खुराक शुल्क 250 रुपये है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविशील्ड के निर्माता ने 60 वर्ष से अधिक आयु वाले तथा अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 से 60 वर्ष की आयु के लोगों के प्राथमिकता वाले समूह के लिए 150 रुपये (इसके अलावा जीएसटी) की कीमत पर 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने पर सहमति दी है.