ETV Bharat / bharat

भारत बायोटेक करेगा दुनिया के पहले मलेरिया टीके का उत्पादन - मलेरिया टीका

भारत बायोटेक विश्व का पहला मलेरिया का टीका बनाने जा रहा है. वैक्सीन का उत्पादन अग्रणी फार्मा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) के सहयोग से किया जाएगा.

Bharat Biotech
Bharat Biotech
author img

By

Published : Oct 10, 2021, 12:16 PM IST

Updated : Oct 10, 2021, 3:37 PM IST

हैदराबाद : हैदराबाद में भारत बायोटेक इंटरनेशनल मलेरिया का टीका बनाने जा रहा है. वैक्सीन का उत्पादन अग्रणी फार्मा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) के सहयोग से किया जाएगा. भारत बायोटेक इंटरनेशनल बिजनेस डेवलपमेंट के हेड डॉ रेचास एला ने इसकी जानकारी दी.

यह दुनिया भर में उपलब्ध पहली मलेरिया वैक्सीन होगी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका (सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में) के साथ-साथ अन्य देशों, जहां मलेरिया का प्रभाव ज्यादा है, में टीकाकरण कार्यक्रमों में जीएसके द्वारा विकसित 'आरटीएस, एस' मलेरिया वैक्सीन के व्यापक उपयोग को मंजूरी दी है.

जीएसके ने भारत बायोटेक के साथ एक वैक्सीन उत्पादन शुरू करने के निर्णय को आमंत्रित किया है, जो 2028 तक वैक्सीन की 1.5 करोड़ खुराक सालाना उपलब्ध कराएगा. प्रौद्योगिकी को भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इस साल जनवरी में, जीएसके, भारत बायोटेक, और स्वास्थ्य सेवा में लगी एक वैश्विक चैरिटी (PATH) ने मलेरिया के टीके के उत्पादन के लिए एक समझौता किया था.

इस समझौते के तहत डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने के बाद भारत बायोटेक जीएसके से तकनीकी मदद लेकर मलेरिया के टीके का निर्माण कर सकती है.

पढ़ें :- 100 साल बाद बनी मलेरिया की पहली वैक्सीन, जानिये कितनी कारगर और किसे मिलेगी सबसे पहले ?

घाना, केन्या और मलावी जैसे अफ्रीकी देशों में मलेरिया के टीके पर एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है. लगभग 8 लाख बच्चों को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई और परिणामों का विश्लेषण किया गया. इस परियोजना के परिणामों के आधार पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में इसके व्यापक उपयोग को मंजूरी दी है. भारत बायोटेक वैक्सीन का उत्पादन शुरू करने की तैयारी कर रहा है.

हैदराबाद : हैदराबाद में भारत बायोटेक इंटरनेशनल मलेरिया का टीका बनाने जा रहा है. वैक्सीन का उत्पादन अग्रणी फार्मा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) के सहयोग से किया जाएगा. भारत बायोटेक इंटरनेशनल बिजनेस डेवलपमेंट के हेड डॉ रेचास एला ने इसकी जानकारी दी.

यह दुनिया भर में उपलब्ध पहली मलेरिया वैक्सीन होगी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका (सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में) के साथ-साथ अन्य देशों, जहां मलेरिया का प्रभाव ज्यादा है, में टीकाकरण कार्यक्रमों में जीएसके द्वारा विकसित 'आरटीएस, एस' मलेरिया वैक्सीन के व्यापक उपयोग को मंजूरी दी है.

जीएसके ने भारत बायोटेक के साथ एक वैक्सीन उत्पादन शुरू करने के निर्णय को आमंत्रित किया है, जो 2028 तक वैक्सीन की 1.5 करोड़ खुराक सालाना उपलब्ध कराएगा. प्रौद्योगिकी को भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इस साल जनवरी में, जीएसके, भारत बायोटेक, और स्वास्थ्य सेवा में लगी एक वैश्विक चैरिटी (PATH) ने मलेरिया के टीके के उत्पादन के लिए एक समझौता किया था.

इस समझौते के तहत डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने के बाद भारत बायोटेक जीएसके से तकनीकी मदद लेकर मलेरिया के टीके का निर्माण कर सकती है.

पढ़ें :- 100 साल बाद बनी मलेरिया की पहली वैक्सीन, जानिये कितनी कारगर और किसे मिलेगी सबसे पहले ?

घाना, केन्या और मलावी जैसे अफ्रीकी देशों में मलेरिया के टीके पर एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है. लगभग 8 लाख बच्चों को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई और परिणामों का विश्लेषण किया गया. इस परियोजना के परिणामों के आधार पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में इसके व्यापक उपयोग को मंजूरी दी है. भारत बायोटेक वैक्सीन का उत्पादन शुरू करने की तैयारी कर रहा है.

Last Updated : Oct 10, 2021, 3:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.