चंडीगढ़ : पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को संगरूर पहुंचे और गुरुद्वारा साहिब जन्मस्थान संत अत्तर सिंह जी के दर्शन किए. यहां उन्होंने मीडिया से करते हुए कहा कि पंजाब के 2.75 करोड़ लोगों की सुरक्षा जरूरी है, लेकिन पुलिस नेताओं के घरों के बाहर तंबू लगाकर उनकी सुरक्षा कर रही है. उनकी सरकार में पुलिस से पुलिस वाला काम लिया जाएगा.
पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों की सुरक्षा हटाने की रिपोर्ट्स पर भगवंत मान ने कहा, 'राज्य के थाने खाली पड़े हैं. मुझे लगता है कि पंजाब के लोगों की सुरक्षा कुछ लोगों की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है.'
122 पूर्व विधायकों की सुरक्षा वापस हुई !
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीआईपी संस्कृति के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश देते हुए शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी सहित 122 पूर्व विधायकों, मंत्रियों और वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली. पूर्व मंत्रियों में कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल और परगट सिंह शामिल हैं, जो चुनाव हार गए हैं.
हालांकि, सूची में पूर्व मुख्यमंत्रियों- कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और राज्य कांग्रेस प्रमुख सिद्धू के नाम नहीं हैं. सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर, जो पूर्व विधायक हैं, उन लोगों में शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा हटा ली गई है.
पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत के बाद पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ने शनिवार सुबह चंडीगढ़ स्थित राजभवन में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल ने उन्हें 16 मार्च को पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने का समय दिया है.
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इससे पहले मान को शुक्रवार को मोहाली में पार्टी विधायकों की बैठक में आप विधायक दल का नेता चुना गया था. आप ने पंजाब विधानसभा की कुल 117 में से 92 सीटें जीतकर राज्य में शानदार जीत हासिल की है. मान ने धूरी से 58,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की. मान ने नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों को अपने निर्देश में कहा कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक से अधिक समय बिताएं, न कि राजधानी चंडीगढ़ में और कैबिनेट बर्थ के लिए लालसा न करें.
(एजेंसी इनपुट)