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कांग्रेस ने कहा - बेंगलुरु में विपक्ष की होने वाली बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर एकता पर होगी चर्चा

बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होने वाली दूसरी विपक्षी बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एकता के अलावा कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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Published : Jul 13, 2023, 7:50 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा है कि बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को आयोजित की जाने वाली दूसरी विपक्षी बैठक में विपक्षी एकता के साथ अन्य कई मुद्दों पर मंथन किया जाएगा. बता दें कि विपक्षी नेताओं की बैठक 23 जून को पटना में आयोजित की गई थी. वहीं 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी राष्ट्रीय मंच की चर्चा के बाद पहली विपक्षी बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री और जद यू नेता नीतीश कुमार ने की थी. दूसरी बैठक की मेजबानी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, जो संसद के अंदर विपक्षी एंकर की भूमिका निभाते रहे हैं.

इस संबंध में एआईसीसी पदाधिकारी सैयद नसीर हुसैन ( AICC functionary Syed Naseer Hussain) ने बताया कि 23 जून को पटना बैठक में 15 समान विचारधारा वाले दलों ने भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक साझा मंच पर आने के लिए सहमत हुए. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु की दूसरी बैठक में विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. दूसरी बैठक में उन प्रमुख बातों जैसे विकास के लिए सकारात्मक एजेंडा, राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना, वैचारिक मुद्दा और सीट बंटवारा आदि पर चर्चा होगी जिन पर विपक्षी एकता आधारित होगी.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि हमें उन मुद्दों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें हम सभी अलग-अलग उजागर कर रहे हैं, लेकिन अब संयुक्त रूप से चर्चा करेंगे. तब हमें पार्टियों के सामने शासन का एक न्यूनतम साझा एजेंडा पेश करना होगा. चूंकि ये पार्टियां विविध वैचारिक पृष्ठभूमि से आती हैं, इसलिए हमें एक साझा वैचारिक मंच खोजने की भी जरूरत है जहां ये सभी एक साथ योगदान कर सकें. उन्होंने कहा कि कौन किस क्षेत्र में मजबूत है और उसे चुनाव लड़ने के लिए कितनी सीटें मिलेंगी इस पर चर्चा होगी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि दूसरी बैठक में उन छोटे दलों की भी भागीदारी होगी जिनकी संसद में उपस्थिति नहीं है लेकिन राज्यों में उनका प्रभाव है. हुसैन ने कहा कि 18-18 जुलाई को बैठक में 24 पार्टियां शामिल होंगी. वहीं कभी-कभी कांग्रेस पर हमला करने वाली टीएमसी और आप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 2024 के राष्ट्रीय चुनाव राज्य की लड़ाई से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और इसे बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है.

हुसैन ने कहा कि राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ प्रतिस्पर्धा है, लेकिन कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. इसमें एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण होना चाहिए. साथ ही, आज देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए, संविधान पर हमला हो रहा है उसकी रक्षा के लिए, सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश के विचार पर ही हमला हो रहा है. हम सभी को इसका बचाव करना होगा. इन सभी बिंदुओं पर जब शीर्ष नेता मिलेंगे और चर्चा करेंगे तो एक राष्ट्रीय योजना सामने आएगी.

उन्होंने कहा कि बेशक, यहां-वहां कुछ मुद्दे होंगे लेकिन उन्हें सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करना होगा. हम पिछले संसद सत्रों के दौरान लगभग 19 समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय कर रहे हैं और हम आगामी मानसून सत्र में भी ऐसा करना जारी रखेंगे. उन्होंने बेंगलुरु बैठक सफल होने को लेकर विश्वास जताया. वहीं कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि पूर्वी भारत में हमारी एक विपक्षी बैठक हुई है. एक दक्षिण भारत में आयोजित की जा रही है. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु बैठक निश्चित रूप से भाजपा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देगी क्योंकि हमने हाल ही में कर्नाटक में हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराया था.

ये भी पढ़ें - बेंगलुरु में विपक्षी एकता बैठक में शामिल होंगे 24 दल, ये नए दल भी होंगे शामिल

नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा है कि बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को आयोजित की जाने वाली दूसरी विपक्षी बैठक में विपक्षी एकता के साथ अन्य कई मुद्दों पर मंथन किया जाएगा. बता दें कि विपक्षी नेताओं की बैठक 23 जून को पटना में आयोजित की गई थी. वहीं 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी राष्ट्रीय मंच की चर्चा के बाद पहली विपक्षी बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री और जद यू नेता नीतीश कुमार ने की थी. दूसरी बैठक की मेजबानी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, जो संसद के अंदर विपक्षी एंकर की भूमिका निभाते रहे हैं.

इस संबंध में एआईसीसी पदाधिकारी सैयद नसीर हुसैन ( AICC functionary Syed Naseer Hussain) ने बताया कि 23 जून को पटना बैठक में 15 समान विचारधारा वाले दलों ने भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक साझा मंच पर आने के लिए सहमत हुए. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु की दूसरी बैठक में विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. दूसरी बैठक में उन प्रमुख बातों जैसे विकास के लिए सकारात्मक एजेंडा, राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना, वैचारिक मुद्दा और सीट बंटवारा आदि पर चर्चा होगी जिन पर विपक्षी एकता आधारित होगी.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि हमें उन मुद्दों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें हम सभी अलग-अलग उजागर कर रहे हैं, लेकिन अब संयुक्त रूप से चर्चा करेंगे. तब हमें पार्टियों के सामने शासन का एक न्यूनतम साझा एजेंडा पेश करना होगा. चूंकि ये पार्टियां विविध वैचारिक पृष्ठभूमि से आती हैं, इसलिए हमें एक साझा वैचारिक मंच खोजने की भी जरूरत है जहां ये सभी एक साथ योगदान कर सकें. उन्होंने कहा कि कौन किस क्षेत्र में मजबूत है और उसे चुनाव लड़ने के लिए कितनी सीटें मिलेंगी इस पर चर्चा होगी.

कांग्रेस नेता ने कहा कि दूसरी बैठक में उन छोटे दलों की भी भागीदारी होगी जिनकी संसद में उपस्थिति नहीं है लेकिन राज्यों में उनका प्रभाव है. हुसैन ने कहा कि 18-18 जुलाई को बैठक में 24 पार्टियां शामिल होंगी. वहीं कभी-कभी कांग्रेस पर हमला करने वाली टीएमसी और आप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 2024 के राष्ट्रीय चुनाव राज्य की लड़ाई से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और इसे बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है.

हुसैन ने कहा कि राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ प्रतिस्पर्धा है, लेकिन कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. इसमें एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण होना चाहिए. साथ ही, आज देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए, संविधान पर हमला हो रहा है उसकी रक्षा के लिए, सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश के विचार पर ही हमला हो रहा है. हम सभी को इसका बचाव करना होगा. इन सभी बिंदुओं पर जब शीर्ष नेता मिलेंगे और चर्चा करेंगे तो एक राष्ट्रीय योजना सामने आएगी.

उन्होंने कहा कि बेशक, यहां-वहां कुछ मुद्दे होंगे लेकिन उन्हें सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करना होगा. हम पिछले संसद सत्रों के दौरान लगभग 19 समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय कर रहे हैं और हम आगामी मानसून सत्र में भी ऐसा करना जारी रखेंगे. उन्होंने बेंगलुरु बैठक सफल होने को लेकर विश्वास जताया. वहीं कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि पूर्वी भारत में हमारी एक विपक्षी बैठक हुई है. एक दक्षिण भारत में आयोजित की जा रही है. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु बैठक निश्चित रूप से भाजपा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देगी क्योंकि हमने हाल ही में कर्नाटक में हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराया था.

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