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ESIC अस्पताल में कोविड मृतकों के शव सड़े, डीन बर्खास्त - Employees State Insurance Corporation

बेंगलुरु के एक ESIC अस्पताल में कोविड मृतकों के दो शव सड़ने का मामले सामने आया है, जिसके बाद श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने बुधवार को अस्पताल के निदेशक प्रोफेसर और डीन डॉ जीतेंद्र कुमार जेएम को बर्खास्त कर दिया है.

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Published : Dec 2, 2021, 5:45 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में ESIC अस्पताल (ESIC Hospital in Bengaluru) में कोविड-19 मृतकों के दो शव सड़ने के बाद श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने बुधवार को अस्पताल के निदेशक प्रोफेसर और डीन डॉ जीतेंद्र कुमार जेएम ( Dr. Jeetendra Kumar JM) को बर्खास्त कर दिया और उनकी जगह डॉ रेणुका रमैया (Dr. Renuka Ramaiah) को पद पर नियुक्त किया है.

अस्पताल के सूत्रों के अनुसार चामराजपेटे की एक 40 वर्षीय महिला दुर्गा और मुनिराजू के केपी अग्रहारा को महामारी की पहली लहर (first wave of the pandemic ) के दौरान जून 2020 में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation) अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई. क्योंकि अज्ञात कारणों से अंतिम संस्कार नहीं हो सका था, इसलिए उनके शवों को मोर्चरी में रखा गया था.

मीडिया के एक वर्ग द्वारा मामले की सूचना दिए जाने के बाद परिवार को अस्पताल के अधिकारियों की लापरवाही के बारे में पता चला. रविवार को ही परिवार को पता चला कि अस्पताल में अत्यधिक शव खराब हालत में पड़े हैं.

पढ़ें - हवाई यात्रा दिशानिर्देशों में संशोधन पर विचार कर रही महाराष्ट्र सरकार: मुख्य सचिव

शव 26 नवंबर को ESIC अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज में उस समय मिले थे, जब कर्मचारी वहां सफाई के लिए गए थे.

ESIC मुख्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, डॉ. जीतेंद्र कुमार जेएम और डॉ. रेणुका रमैया को दो दिसंबर को ESIC मुख्यालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है.

बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु में ESIC अस्पताल (ESIC Hospital in Bengaluru) में कोविड-19 मृतकों के दो शव सड़ने के बाद श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने बुधवार को अस्पताल के निदेशक प्रोफेसर और डीन डॉ जीतेंद्र कुमार जेएम ( Dr. Jeetendra Kumar JM) को बर्खास्त कर दिया और उनकी जगह डॉ रेणुका रमैया (Dr. Renuka Ramaiah) को पद पर नियुक्त किया है.

अस्पताल के सूत्रों के अनुसार चामराजपेटे की एक 40 वर्षीय महिला दुर्गा और मुनिराजू के केपी अग्रहारा को महामारी की पहली लहर (first wave of the pandemic ) के दौरान जून 2020 में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees State Insurance Corporation) अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई. क्योंकि अज्ञात कारणों से अंतिम संस्कार नहीं हो सका था, इसलिए उनके शवों को मोर्चरी में रखा गया था.

मीडिया के एक वर्ग द्वारा मामले की सूचना दिए जाने के बाद परिवार को अस्पताल के अधिकारियों की लापरवाही के बारे में पता चला. रविवार को ही परिवार को पता चला कि अस्पताल में अत्यधिक शव खराब हालत में पड़े हैं.

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शव 26 नवंबर को ESIC अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज में उस समय मिले थे, जब कर्मचारी वहां सफाई के लिए गए थे.

ESIC मुख्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, डॉ. जीतेंद्र कुमार जेएम और डॉ. रेणुका रमैया को दो दिसंबर को ESIC मुख्यालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है.

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