बेंगलुरु: तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वान किया है. इस देखते हुए स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है. शहर में कानून -व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे. बंद से कारोबार में रुकावट से 200-250 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया है.
विभिन्न संगठनों ने सिनेमाघरों, टैक्सी चालको, आईटी-बीटी, होटल मालिक स्वेच्छा से बंद का समर्थन करने के लिए कहा है. संगठनों ने सुबह टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक विशाल मार्च निकालने का फैसला किया है. बेंगलुरु बंद के लिए 150 से ज्यादा संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. बीजेपी, जनता दल और आम आदमी पार्टी ने समर्थन का ऐलान किया है. बंद के दौरान ऑटो, टैक्सी, ओला, उबर, पेट्रोल स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, सरकारी और निजी बस सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी, उद्योग, वाणिज्य, शॉपफ्रंट, केआर मार्केट बंद रहेंगे. स्ट्रीट व्यवसाय, सरकारी कार्यालय, मेट्रो सेवा, निजी कार्यालय, अस्पताल, दवा दुकानें, एम्बुलेंस, दूध और आवश्यक सेवाएं उपलब्ध होंगी.
कन्नड़ संगठनों द्वारा बंद का विरोध: कन्नड़ समर्थक संगठनों ने इस शुक्रवार को कावेरी जल पर अखंड कर्नाटक बंद आह्वान किया है. कन्नड़ संघ के तत्वावधान में राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया गया है. कुछ कन्नड़ समर्थक संगठनों ने आज होने वाले बेंगलुरु बंद पर अपना विरोध जताया है और राजभवन के घेराव की योजना बनाई है.
स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी: चूंकि शहर के विभिन्न संगठनों ने कावेरी जलाशय से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़े जाने की निंदा करने के लिए 26 सितंबर को 'बेंगलुरु बंद' की घोषणा की है. इसलिए सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. बेंगलुरु सिटी कलेक्टर डिस्ट्रिक्ट केए दयानंद ने एक विज्ञप्ति में कहा, बेंगलुरु शहर में कॉलेज छात्रों के हित में यह कदम उठाया गया है. कावेरी जल मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों ने बेंगलुरु बंद का आह्वान किया है. बीएमटीसी के मुताबिक, बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के सभी रूट हमेशा की तरह चालू रहेंगे.
प्रदर्शनकारियों ने तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने की निंदा की, नारेबाजी
कावेरी जल संरक्षण समिति के नेतृत्व में आज बेंगलुरु बंद का आह्वान किया गया और मांग की गई कि कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को नहीं छोड़ा जाना चाहिए. बंद का आप, बीजेपी और जेडीएस समेत 150 से ज्यादा संगठनों ने बंद का समर्थन किया है. प्रदर्शनकारियों ने तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने की निंदा की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने न्याय की मांग की. वहीं निषेधाज्ञा लागू होने के मद्देनजर पुलिस प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए आगे बढ़ी. इससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी. अंततः प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा बीएमटीसी बसों में ले जाया गया.
इसी क्रम में फ्रीडम पार्क में आयोजित विरोध प्रदर्शन में सरकार के खिलाफ अन्याय और किसानों के लिए लड़ाई के खिलाफ नारे लगाए गए. साथ ही वहां आप कार्यकर्ताओं ने सिर पर पत्थर रखकर 'कावेरी हमारी है' के नारे लगाए. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान आप अध्यक्ष मुख्यमंत्री चंद्रू ने कहा कि कावेरी संघर्ष नहीं रुकेगा. हमारे राज्य में पानी नहीं है. ऐसे समय में तमिलनाडु को पानी छोड़ना ठीक नहीं है.
बंद से कारोबार में रुकावट से 200-250 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान
कावेरी मुद्दे पर राज्य किसान संघ समेत विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए बेंगलुरु बंद से सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. बंद के कारण बेंगलुरु में अधिकांश व्यापारिक लेनदेन बंद थे. इस बारे में कमर्शियल यूनियन एफ केसीसीआई के अध्यक्ष बी.वी. गोपाल रेड्डी ने बताया कि बेंगलुरु से मिलने वाला राजस्व का हिस्सा राज्य के कुल राजस्व का 60 फीसदी है. उन्होंने कहा किबंद के कारण व्यापारिक लेनदेन निलंबित होने से वित्तीय नुकसान हुआ है. बेंगलुरु बंद के बाद से जीएसटी कलेक्शन में बदलाव आया है. वहीं 10 घंटे के बंद में 200-250 करोड़ रुपये का अनुमान. नुकसान की संभावना है. वहीं शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने भी स्पष्ट किया कि बंद के दौरान शहर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई. धारा 144 लागू होने के मद्देनजर एहतियात के तौर पर एक हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. बीजेपी के एक विधायक और दो एमएलसी को हिरासत में लिया गया. बाद में उन सभी को रिहा कर दिया गया. शहर पुलिस आयुक्त ने कहा, दुकानें जबरन बंद कराने और बसों पर पथराव समेत कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.