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केंद्र सरकार के बाद पश्चिम बंगाल भी पार्श्व भर्ती की राह पर - mamata goverment

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार नौकरशाही में विशेष सचिव तथा संयुक्त सचिव जैसे वरिष्ठ पदों पर पार्श्व भर्ती का विकल्प चुनकर भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के नक्शेकदम पर चलने पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

ममता बनर्जी सरकार
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Published : Sep 28, 2021, 4:28 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार नौकरशाही में विशेष सचिव तथा संयुक्त सचिव जैसे वरिष्ठ पदों पर पार्श्व भर्ती का विकल्प चुनकर भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के नक्शेकदम पर चलने पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

पार्श्व भर्ती (लेटरल एंट्री) के तहत निजी क्षेत्र के कर्मियों को सरकार के प्रशासनिक पद के लिए चुना जाता है, यह चयन नौकरशाही नियुक्ति प्रक्रिया से इतर होता है.

अधिकारी के अनुसार, पार्श्व भर्ती योजना के तहत विभिन्न विभागों में तैनात इन अधिकारियों को सलाहकार के रूप में देखा जा सकता है. उनके सटीक कार्य और जिम्मेदारियों का विवरण अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है. एक आईएएस अधिकारी ने बताया कि ये सभी नियुक्तियां केवल एक विशिष्ट अवधि के लिए संविदात्मक (कांट्रैक्चुअल) होंगी. उनकी पात्रता मानदंड एक आईएएस अधिकारी के बराबर होगा.

योजना के अनुसार, इन पार्श्व भर्तियों के लिए न्यूनतम पात्रता 15 वर्ष का प्रासंगिक अनुभव होगा. इनके वेतन तथा भत्तों की जिम्मेदारी राज्य के गृह कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की होगी. एक अन्य उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार पार्श्व भर्ती की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन देगी.

यह भी पढ़ें- भवानीपुर उपचुनाव से संबंधित याचिका खारिज

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा सकता है.

कई प्रयासों के बावजूद राज्य के गृह सचिव बीपी गोपालिका से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई. केन्द्र ने 2018 में कहा था कि पार्श्व भर्ती योजना सिविल सेवाओं में कार्यक्षेत्र विशेषज्ञता लाने और आईएएस अधिकारियों की कमी की समस्या का समाधान करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करेगी.

(पीटीआई)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार नौकरशाही में विशेष सचिव तथा संयुक्त सचिव जैसे वरिष्ठ पदों पर पार्श्व भर्ती का विकल्प चुनकर भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के नक्शेकदम पर चलने पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

पार्श्व भर्ती (लेटरल एंट्री) के तहत निजी क्षेत्र के कर्मियों को सरकार के प्रशासनिक पद के लिए चुना जाता है, यह चयन नौकरशाही नियुक्ति प्रक्रिया से इतर होता है.

अधिकारी के अनुसार, पार्श्व भर्ती योजना के तहत विभिन्न विभागों में तैनात इन अधिकारियों को सलाहकार के रूप में देखा जा सकता है. उनके सटीक कार्य और जिम्मेदारियों का विवरण अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है. एक आईएएस अधिकारी ने बताया कि ये सभी नियुक्तियां केवल एक विशिष्ट अवधि के लिए संविदात्मक (कांट्रैक्चुअल) होंगी. उनकी पात्रता मानदंड एक आईएएस अधिकारी के बराबर होगा.

योजना के अनुसार, इन पार्श्व भर्तियों के लिए न्यूनतम पात्रता 15 वर्ष का प्रासंगिक अनुभव होगा. इनके वेतन तथा भत्तों की जिम्मेदारी राज्य के गृह कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की होगी. एक अन्य उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार पार्श्व भर्ती की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन देगी.

यह भी पढ़ें- भवानीपुर उपचुनाव से संबंधित याचिका खारिज

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा सकता है.

कई प्रयासों के बावजूद राज्य के गृह सचिव बीपी गोपालिका से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई. केन्द्र ने 2018 में कहा था कि पार्श्व भर्ती योजना सिविल सेवाओं में कार्यक्षेत्र विशेषज्ञता लाने और आईएएस अधिकारियों की कमी की समस्या का समाधान करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करेगी.

(पीटीआई)

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