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मनाई गई विद्यासागर की 201वीं जयंती, टीएमसी व भाजपा ने एक दूसरे को बताया प्रतिमा तोड़ने का जिम्मेदार - College Street in Kolkata

पश्चिम बंगाल में रविवार को समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 201वीं जयंती मनाई गई. लेकिन वहीं दूसरी ओर टीएमसी और भाजपा एक-दूसरे पर दोष मड़ते नजर आए. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 2019 की रैली के दौरान कोलकाता में कॉलेज स्ट्रीट पर लगी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई थी, जिसके लिए दोनों पार्टी एक-दूसरे को दोषी ठहरा रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर
समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर
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Published : Sep 26, 2021, 9:26 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में रविवार को समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 201वीं जयंती मनाई गई. साथ ही राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 2019 की रैली के दौरान कोलकाता में कॉलेज स्ट्रीट (College Street) पर लगी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा की तोड़फोड़ के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया.

मुख्यमंत्री ममता ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समाज सुधारक को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पश्चिम बंगाल और बंगाली उनकी शिक्षाओं के लिए उनके ऋणी हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'ईश्वर चंद्र विद्यासागर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. वह महान समाज सुधारकों में से एक थे जिन्होंने न्याय और समानता के लिए अथक संघर्ष किया. हम उनकी शिक्षाओं के ऋणी हैं.'

भाजपा विधायक शुभेंदु ने दी श्रद्धांजलि

विपक्ष के नेता एवं नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने भी विद्यासागर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया, 'एक महान व्यक्ति, जिन्होंने अपने योगदान से हमारे इतिहास को हमेशा के लिए समृद्ध किया. ईश्वरचंद्र बंदोपाध्याय को उनकी जयंती पर मेरी श्रद्धांजलि.'

हालांकि, राज्य के मंत्री फरहाद हकीम ने भाजपा का नाम लिए बिना उस पर परोक्ष रूप से हमला किया और आरोप लगाया कि 2019 में विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने में पार्टी का हाथ था, जिसे बाद में सत्ताधारी सरकार द्वारा फिर से बनाया गया.

परिवहन मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, जिन लोगों ने दो साल पहले विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ा था, उन्हें उनके बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है.

तुच्छ चुनावी लाभ के लिए साजिश

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इसपर तीखा पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि टीएमसी ने विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने की साजिश रची और तुच्छ चुनावी लाभ के लिए इसका आरोप भाजपा पर मढ़ दिया.

उन्होंने कहा, 'यह बंगाल के मनीषियों के लिए उनके सम्मान के स्तर को दर्शाता है.'

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व प्रमुख ने आरोप लगाया कि इस साल विधानसभा चुनाव के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के खिलाफ 'भय का माहौल' बनाया और यह उनका पाखंड है कि वे महिला उत्थान में विद्यासागर की भूमिका का उल्लेख कर रहे हैं.

पढ़ें : विद्यासागर कॉलेज में लगाई जाएगी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की नई प्रतिमा : ममता

इस बीच, इस अवसर पर राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने विद्यासागर कॉलेज में समाज सुधारक की पुनर्निर्मित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सामाजिक सुधार के लिए उनके योगदान को याद किया.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले शाह के रोड शो के दौरान हुई झड़पों में प्रतिमा को तोड़ दिया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई थी.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में रविवार को समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 201वीं जयंती मनाई गई. साथ ही राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 2019 की रैली के दौरान कोलकाता में कॉलेज स्ट्रीट (College Street) पर लगी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा की तोड़फोड़ के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया.

मुख्यमंत्री ममता ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समाज सुधारक को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पश्चिम बंगाल और बंगाली उनकी शिक्षाओं के लिए उनके ऋणी हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'ईश्वर चंद्र विद्यासागर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. वह महान समाज सुधारकों में से एक थे जिन्होंने न्याय और समानता के लिए अथक संघर्ष किया. हम उनकी शिक्षाओं के ऋणी हैं.'

भाजपा विधायक शुभेंदु ने दी श्रद्धांजलि

विपक्ष के नेता एवं नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने भी विद्यासागर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया, 'एक महान व्यक्ति, जिन्होंने अपने योगदान से हमारे इतिहास को हमेशा के लिए समृद्ध किया. ईश्वरचंद्र बंदोपाध्याय को उनकी जयंती पर मेरी श्रद्धांजलि.'

हालांकि, राज्य के मंत्री फरहाद हकीम ने भाजपा का नाम लिए बिना उस पर परोक्ष रूप से हमला किया और आरोप लगाया कि 2019 में विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने में पार्टी का हाथ था, जिसे बाद में सत्ताधारी सरकार द्वारा फिर से बनाया गया.

परिवहन मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, जिन लोगों ने दो साल पहले विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ा था, उन्हें उनके बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है.

तुच्छ चुनावी लाभ के लिए साजिश

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इसपर तीखा पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि टीएमसी ने विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने की साजिश रची और तुच्छ चुनावी लाभ के लिए इसका आरोप भाजपा पर मढ़ दिया.

उन्होंने कहा, 'यह बंगाल के मनीषियों के लिए उनके सम्मान के स्तर को दर्शाता है.'

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व प्रमुख ने आरोप लगाया कि इस साल विधानसभा चुनाव के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के खिलाफ 'भय का माहौल' बनाया और यह उनका पाखंड है कि वे महिला उत्थान में विद्यासागर की भूमिका का उल्लेख कर रहे हैं.

पढ़ें : विद्यासागर कॉलेज में लगाई जाएगी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की नई प्रतिमा : ममता

इस बीच, इस अवसर पर राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने विद्यासागर कॉलेज में समाज सुधारक की पुनर्निर्मित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सामाजिक सुधार के लिए उनके योगदान को याद किया.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले शाह के रोड शो के दौरान हुई झड़पों में प्रतिमा को तोड़ दिया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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