कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शहर में पार्टी के कृषि मोर्चा-किसान मोर्चा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल लोग शुद्ध गाय का दूध नहीं पीते हैं. उनके पास पाउच में उपलब्ध पैकेज्ड दूध है फिर उन्हें सोना कैसे मिलेगा?
दरअसल, 2019 में दिलीप घोष ने गाय के दूध 'तैरते सोने' का सिद्धांत देकर सबको चौंका दिया था. तब उन्होंने कहा था कि विदेशी नस्ल की गायों की पीठ पर कूबड़ नहीं होता. भारतीय गायों को कूबड़ होता है. भारतीय नस्ल की गायों की सोने की नसें होती हैं. सोना उस कूबड़ में बनता है जब वे सीधे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती हैं. यही कारण है कि भारतीय नस्ल की गायों के दूध का रंग पीला होता है.
भाजपा बंगाल अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर व्यापक आलोचना हुई थी और उनकी टिप्पणियों का मजाक उड़ाते हुए ढेर सारे मीम्स के साथ-साथ गीतों की रचना की गई थी. लेकिन दिलीप घोष की आज की टिप्पणी ने केवल इस तथ्य को दोहराया कि वे गाय के दूध में सोने के सिद्धांत के अपने बयान से पीछे नहीं हटे हैं.
घोष ने अपने संबोधन के दौरान आश्चर्य जताया कि आजकल कोलकाता और उसके आस पास गायों को नहीं पाला जाता है. हम सभी इन दिनों पैकेज्ड दूध का सेवन कर रहे हैं. मैंने एक बार गाय के दूध में सोना पाए जाने के बारे में कहा था और कई लोगों ने मेरे बयान का विरोध किया था. जो असली गाय के दूध का सेवन नहीं करते, उन्हें सोना कैसे मिलेगा?
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सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने घोष की टिप्पणियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि भाजपा नेता के दावों के पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण या किसी प्रकार का सबूत नहीं है. राज्य में बहुत कम लोग उनकी बातों पर ध्यान देते हैं या विश्वास करते हैं. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गाय के दूध में उनका सोना केवल लोगों को हंसाएगा.