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मुजफ्फरपुर में चलता है भिखारियों का अपना बैंक, जरूरत पड़ने पर मिलता है लोन - मुजफ्फरपुर भिखारी बैंक

मुजफ्फरपुर में भिखारियों ने खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए एक तरकीब ढूंढ निकाली है. उन्होंने अपना बैंक बना लिया है. भिखारी बैंक इसे नाम दिया है. इससे जुड़कर सभी को काफी फायदा हो रहा है.

मुजफ्फरपुर में चलता है भिखारियों
मुजफ्फरपुर में चलता है भिखारियों
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Published : Sep 10, 2021, 11:56 PM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में भिखारियों का अपना बैंक चलता है. जमा रुपयों पर ब्याज भी मिलता है. जरूरत पड़ने पर लोन भी मिलता है. बैंक का नाम भी उन्होंने भिखारी (Bhikhari Bank) रखा है. सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है. भिखारी भी अब मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं, आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं, तभी तो मुजफ्फरपुर (Muzzafarpur) के भिखारियों ने पांच ग्रुप बनाकर यह पहल की है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट..

इसके तहत भविष्य में होने वाले तकलीफ और आर्थिक मुसीबत से बचने के लिए जिले के 175 भिखारियों ने मिलकर पांच बैंक जैसे सेल्फ हेल्प ग्रुप शुरू किए गए हैं. जिसके संरक्षक और समन्वयक की भूमिका जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी निभा रहे हैं.

दरअसल, बिहार में भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा स्वावलंबन नामक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. जिसके तहत मुजफ्फरपुर विभागीय अधिकारियों ने जिले में भिक्षाटन करने वाले भिखारियों की पांच सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया गया है. जो एक बैंक की तरह काम करता है.

इससे फिलहाल मुजफ्फरपुर जिले में भिक्षाटन करने वाले 175 भिक्षुक जुड़े हैं. जिसमें करीब सत्तर फीसदी सदस्य महिला भिक्षुक हैं. जो भीख में मिले रुपयों को इनमें जमा कराते हैं. जहां जमा राशि पर भी ब्याज मिलता है. जरूरत पड़ने पर इससे लोन भी मिलता है, वह भी एक प्रतिशत ब्याज पर.

यह भी पढ़ें- चंडीगढ़ में रह रहे अफगानी छात्रों की मदद का सिद्धू ने दिया आश्वासन

इस सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े जरूरतमंद सदस्यों को 1 प्रतिशत की ब्याज दर से तीन महीने के लिए लोन दिया जाता है. साप्ताहिक मीटिंग में जमा और लोन राशि का हिसाब-किताब भी होता है.

मुजफ्फरपुर के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ब्रजभूषण कुमार ने बताया कि विभाग का एक एप है, पहचान एप. उसमें भिखारियों का डाटा दर्ज कराते हैं. उसके बाद भिक्षुकों का एक समूह बनाया जाता है. वे जो रुपये लाते हैं, उसमें जमा करवाया जाता है. अभी मुजफ्फरपुर में पांच ऐसे ग्रुप हैं. सरकार ने भी 10-10 हजार रुपये का स्वावलंबन राशि उपलब्ध कराया है. जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे.'

मुजफ्फरपुर में भिक्षुक द्वारा मिलकर किए गए इस सफल पहल को देखते हुए सरकार भी इनकी मदद करने के लिए आगे आई है. जिसके तहत अब सरकार के द्वारा भी इन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है. फिलहाल मुजफ्फरपुर में भिखारियों के द्वारा पांच सेल्फ हेल्प ग्रुप कार्यरत है. जो इस प्रकार है.

समूह का नामसदस्यों की संख्याबचत राशि
प्रेमशिला समूह, मोतीपुर कुष्ठ ग्राम159600
तुलसी समूह, सिकंदरपुर ढाब148960
लक्ष्मी समूह, अखाड़ाघाट1325350
गायत्री समूह, शेखपुर ढाब156600
मां दुर्गा समूह, शेखपुर ढाब156600

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में भिखारियों का अपना बैंक चलता है. जमा रुपयों पर ब्याज भी मिलता है. जरूरत पड़ने पर लोन भी मिलता है. बैंक का नाम भी उन्होंने भिखारी (Bhikhari Bank) रखा है. सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है. भिखारी भी अब मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं, आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं, तभी तो मुजफ्फरपुर (Muzzafarpur) के भिखारियों ने पांच ग्रुप बनाकर यह पहल की है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट..

इसके तहत भविष्य में होने वाले तकलीफ और आर्थिक मुसीबत से बचने के लिए जिले के 175 भिखारियों ने मिलकर पांच बैंक जैसे सेल्फ हेल्प ग्रुप शुरू किए गए हैं. जिसके संरक्षक और समन्वयक की भूमिका जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी निभा रहे हैं.

दरअसल, बिहार में भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा स्वावलंबन नामक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. जिसके तहत मुजफ्फरपुर विभागीय अधिकारियों ने जिले में भिक्षाटन करने वाले भिखारियों की पांच सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया गया है. जो एक बैंक की तरह काम करता है.

इससे फिलहाल मुजफ्फरपुर जिले में भिक्षाटन करने वाले 175 भिक्षुक जुड़े हैं. जिसमें करीब सत्तर फीसदी सदस्य महिला भिक्षुक हैं. जो भीख में मिले रुपयों को इनमें जमा कराते हैं. जहां जमा राशि पर भी ब्याज मिलता है. जरूरत पड़ने पर इससे लोन भी मिलता है, वह भी एक प्रतिशत ब्याज पर.

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इस सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े जरूरतमंद सदस्यों को 1 प्रतिशत की ब्याज दर से तीन महीने के लिए लोन दिया जाता है. साप्ताहिक मीटिंग में जमा और लोन राशि का हिसाब-किताब भी होता है.

मुजफ्फरपुर के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ब्रजभूषण कुमार ने बताया कि विभाग का एक एप है, पहचान एप. उसमें भिखारियों का डाटा दर्ज कराते हैं. उसके बाद भिक्षुकों का एक समूह बनाया जाता है. वे जो रुपये लाते हैं, उसमें जमा करवाया जाता है. अभी मुजफ्फरपुर में पांच ऐसे ग्रुप हैं. सरकार ने भी 10-10 हजार रुपये का स्वावलंबन राशि उपलब्ध कराया है. जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे.'

मुजफ्फरपुर में भिक्षुक द्वारा मिलकर किए गए इस सफल पहल को देखते हुए सरकार भी इनकी मदद करने के लिए आगे आई है. जिसके तहत अब सरकार के द्वारा भी इन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है. फिलहाल मुजफ्फरपुर में भिखारियों के द्वारा पांच सेल्फ हेल्प ग्रुप कार्यरत है. जो इस प्रकार है.

समूह का नामसदस्यों की संख्याबचत राशि
प्रेमशिला समूह, मोतीपुर कुष्ठ ग्राम159600
तुलसी समूह, सिकंदरपुर ढाब148960
लक्ष्मी समूह, अखाड़ाघाट1325350
गायत्री समूह, शेखपुर ढाब156600
मां दुर्गा समूह, शेखपुर ढाब156600
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