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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्धाटन से पहले किसानों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में विकास के लिए जहां पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को वरदान के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, जिले के चांदपुर गांव के लिए यह एक्सप्रेस-वे बड़ी समस्या बन गई है. आगामी 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नवनिर्मित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे.

चेतावनी
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Published : Nov 14, 2021, 12:21 PM IST

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित करईल इलाके के विकास के लिए जहां पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को वरदान के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, जिले के चांदपुर गांव के लिए यह एक्सप्रेस-वे बड़ी समस्या बन गई है. 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नवनिर्मित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे. लेकिन चांदपुर के ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें अपने खेतों तक जाने और कृषि यंत्रों को वहां ले जाने के लिए 200 मीटर की बजाय करीब पांच किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ रही है.

ग्रामीणों की मानें तो, उन लोगों ने निर्माण करने वाली संस्था के साथ ही जिला प्रशासन को भी अपनी समस्या से अवगत कराते हुए पत्र लिखे थे. लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है, जिसको लेकर इन लोगों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है. इधर, निर्माणदायी संस्था के सीपीएम ने इनकी समस्याओं के जल्द समाधान को चार मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण की बात कही है.

यहां ग्रामीणों के लिए मुसीबत बना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

गाजीपुर के भावरकोल ब्लॉक के कई इलाकों से होकर गुजरने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का आगामी 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने वाले हैं. इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बनने से जहां किसानों को इस बात की खुशी है कि उनका सब्जी अब राजधानी लखनऊ समेत आसपास के बाजारों में बिकने के लिए आसानी से जा सकेगा.

पढ़ें : लखीमपुर खीरी हिंसा: किसान न्याय महापंचायत आज, तैयारी पूरी

वहीं, उनके लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है और अब इन्हें अपने खतों तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का फासला तय करना पड़ रहा है, जो पहले महज 200 मीटर का था. स्थिति यह है कि खेतों तक कृषि यंत्रों को ले जाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं.

इसको लेकर यहां के निवासियों ने निर्माणकारी संस्था के साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों व जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए पत्र दिया था. लेकिन उस पत्र पर किसी ने गौर नहीं किया. ऐसे में अब यहां के लोगों ने आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है.

वहीं, निर्माण करने वाली संस्था के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर ने किसानों की समस्याओं पर कहा कि इनका पत्र यूपीडा को भेज दिया गया है. यूपीड़ा ने भी उनके प्रस्ताव को मान लिया है और जल्द ही इनके लिए चार मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कराया जाएगा.

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित करईल इलाके के विकास के लिए जहां पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को वरदान के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, जिले के चांदपुर गांव के लिए यह एक्सप्रेस-वे बड़ी समस्या बन गई है. 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नवनिर्मित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे. लेकिन चांदपुर के ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें अपने खेतों तक जाने और कृषि यंत्रों को वहां ले जाने के लिए 200 मीटर की बजाय करीब पांच किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ रही है.

ग्रामीणों की मानें तो, उन लोगों ने निर्माण करने वाली संस्था के साथ ही जिला प्रशासन को भी अपनी समस्या से अवगत कराते हुए पत्र लिखे थे. लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है, जिसको लेकर इन लोगों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है. इधर, निर्माणदायी संस्था के सीपीएम ने इनकी समस्याओं के जल्द समाधान को चार मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण की बात कही है.

यहां ग्रामीणों के लिए मुसीबत बना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

गाजीपुर के भावरकोल ब्लॉक के कई इलाकों से होकर गुजरने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का आगामी 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने वाले हैं. इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बनने से जहां किसानों को इस बात की खुशी है कि उनका सब्जी अब राजधानी लखनऊ समेत आसपास के बाजारों में बिकने के लिए आसानी से जा सकेगा.

पढ़ें : लखीमपुर खीरी हिंसा: किसान न्याय महापंचायत आज, तैयारी पूरी

वहीं, उनके लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है और अब इन्हें अपने खतों तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का फासला तय करना पड़ रहा है, जो पहले महज 200 मीटर का था. स्थिति यह है कि खेतों तक कृषि यंत्रों को ले जाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं.

इसको लेकर यहां के निवासियों ने निर्माणकारी संस्था के साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों व जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए पत्र दिया था. लेकिन उस पत्र पर किसी ने गौर नहीं किया. ऐसे में अब यहां के लोगों ने आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है.

वहीं, निर्माण करने वाली संस्था के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर ने किसानों की समस्याओं पर कहा कि इनका पत्र यूपीडा को भेज दिया गया है. यूपीड़ा ने भी उनके प्रस्ताव को मान लिया है और जल्द ही इनके लिए चार मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कराया जाएगा.

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