कानपुर : शहर के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) एचबीटीयू संस्थान (HBTU Institute) के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो देश अन्वेषण और नई तकनीक पर काम करते हैं वहीं दुनिया में आगे बढ़ते हैं. तकनीक के क्षेत्र में भारत की साख बढ़ी है. अभी हमें आगे जाना है. इस वजह से एचबीटीयू की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. अन्वेषण और नवाचार को विकसित करते रहना होगा. उन्होंने युवाओं से अपील की कि नौकरी तलाशने के बजाय नौकरी देने वाले बनें.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के युग में भारत के युवा सफलता के अद्भुत उदाहरण पेश कर रहे हैं. 31 वर्ष से कम आयु वाले देश के 13 युवा उद्यमी एक हजार करोड़ रुपये के बिलेनियर ग्रुप में शामिल हुए हैं. इनमें से 23 वर्ष का एक नवयुवक भी है. उन्होंने कहा कि इस युवक ने 20 वर्ष की आयु में अपनी कंपनी की नींव डाली थी. आज उसकी कंपनी हर महीने 300 करोड़ रुपय़े कमा रही है. उन्होंने कहा कि देश में 1000 करोड़ से अधिक एसेट वैल्यू वाले लोगों में ऐसे लोगों की संख्या अब 65 फीसदी हो गई है.
उन्होंने कहा कि आयल, पेंट टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में इस संस्थान ने प्रभावी योगदान दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां के शिक्षण के स्तर पर और भी वृद्धि होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को योगदान देने के लिए इस संस्थान की ओर से प्रयास हो रहे हैं. कहा कि नई शिक्षा नीति से सृजनात्मक क्षमता विकसित होगी. भारतीय भाषाओं की ताकत बढ़ेगी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच के अनुसार शोध और वैज्ञानिक नीतियों को भाषाओं से जोड़ने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में तभी हम देश को सुपरपावर बनाने में योगदान दे सकेंगे.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यूपी के सबसे बड़ी आबादी वाले शहरों में शुमार कानपुर की स्वच्छता बेहतर हुई है. कानपुर के लोग अगर कुछ ठान लेते हैं तो उसे हासिल कर ही लेते हैं. इस वजह से अपेक्षा है कि शहर का यह जज्बा स्वच्छता के क्षेत्र में भी लगे. उन्होंने शहर के नगर निगम के अफसरों से कहा कि देश के प्रथम स्वच्छ शहर इंदौर की साफ-सफाई की स्वच्छता को देखें और शहर को देश के पांच स्वच्छ शहरों में शामिल करवाएं. साथ ही शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए उन्होंने एचबीटीयू, शहर के सभी संस्थानों, छात्रों, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर युद्ध स्तर पर काम करने की अपील की.
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों के प्रभावशाली प्रदर्शन पर तालियां बजवाईं और उन्हें ऐसा प्रदर्शन जारी रखने के लिए प्रेरित भी किया. साथ ही तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी कम होने पर चिंता भी जताई. उन्होंने खासकर बीटेक और एमटेक में छात्राओं की संख्या कम होने का हवाला देकर कहा कि बेटियों को इस क्षेत्र में भी आगे आना चाहिए. इससे महिला सशक्तीकरण को और बढ़ावा मिलेगा.
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