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दिल्ली : वकील के चैंबर से चल रहा था धर्मांतरण ट्रस्ट, बीसीडी ने किया लाइसेंस निलंबित

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Published : Jul 5, 2021, 8:41 PM IST

बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने सोमवार को वकील इकबाल मलिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया और अस्थायी रूप से उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया. उन पर एक हिंदू लड़की का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण करने और कड़कड़डूमा स्थित अपने चैंबर से निकाह करवाने का आरोप है.

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नई दिल्ली : वकीलों की संस्था ने प्रथमदृष्ट्या माना कि अदालत परिसर का इस्तेमाल किसी वकील द्वारा निकाह कराने या शादी कराने में नहीं किया जा सकता है और इसने विशेष अनुशासन समिति का गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ताकि पूरे मामले की तुरंत जांच की जाए और संस्थान की गरिमा एवं विश्वसनीयता को बचाया जा सके.

जिला न्यायाधीश (प्रभारी) कड़कड़डूमा अदालत से आग्रह किया गया है कि चैंबर आवंटन रद्द कर दें और फिलहाल इसे सील कर दें ताकि अवैध गतिविधियां तुरंत बंद की जा सकें. लड़की के पिता द्वारा मलिक के खिलाफ शिकायत करने के बाद यह कार्रवाई की गई. काउंसिल ने कहा कि निकाहनामा में दिखाया गया है कि निकाह का स्थल मलिक का चैंबर है जिसका मजारवाली मस्जिद के तौर पर जिक्र है और वहां से धर्मांतरण ट्रस्ट का संचालन किया जा रहा था.

काउंसिल ने कहा कि शिकायतकर्ता ने कड़कड़डूमा अदालत से पुष्टि की है और उक्त वकील द्वारा निकाह के लिए अपने चैंबर से असामाजिक एवं अवैध गतिविधियां चलाए जाने के आरोप लगाए हैं. यह भी पता चला है कि वकील अपने चैंबर से धर्मांतरण ट्रस्ट का संचालन कर रहे थे. इसने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को जबरन मुस्लिम बनाया गया और उनके चैंबर से शादी कराई गई, जिसे मस्जिद के तौर पर दिखाया गया है. इस संबंध में एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.

यह भी पढ़ें-बेंगलुरु में 'वकील के भेष' में सरेंडर करने पहुंचे हत्या के आरोपी

काउंसिल ने मलिक को निर्देश दिया है कि वह नोटिस मिलने के सात दिनों के अंदर विशेष अनुशासन समिति के समक्ष अपना जवाब दाखिल करें और 16 जुलाई को उसके समक्ष पेश हों. इसने स्पष्ट किया कि अगर वह पेश नहीं होते हैं तो समिति उनका पक्ष सुने बगैर इसका निर्णय करेगी और उचित कार्रवाई की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वकीलों की संस्था ने प्रथमदृष्ट्या माना कि अदालत परिसर का इस्तेमाल किसी वकील द्वारा निकाह कराने या शादी कराने में नहीं किया जा सकता है और इसने विशेष अनुशासन समिति का गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ताकि पूरे मामले की तुरंत जांच की जाए और संस्थान की गरिमा एवं विश्वसनीयता को बचाया जा सके.

जिला न्यायाधीश (प्रभारी) कड़कड़डूमा अदालत से आग्रह किया गया है कि चैंबर आवंटन रद्द कर दें और फिलहाल इसे सील कर दें ताकि अवैध गतिविधियां तुरंत बंद की जा सकें. लड़की के पिता द्वारा मलिक के खिलाफ शिकायत करने के बाद यह कार्रवाई की गई. काउंसिल ने कहा कि निकाहनामा में दिखाया गया है कि निकाह का स्थल मलिक का चैंबर है जिसका मजारवाली मस्जिद के तौर पर जिक्र है और वहां से धर्मांतरण ट्रस्ट का संचालन किया जा रहा था.

काउंसिल ने कहा कि शिकायतकर्ता ने कड़कड़डूमा अदालत से पुष्टि की है और उक्त वकील द्वारा निकाह के लिए अपने चैंबर से असामाजिक एवं अवैध गतिविधियां चलाए जाने के आरोप लगाए हैं. यह भी पता चला है कि वकील अपने चैंबर से धर्मांतरण ट्रस्ट का संचालन कर रहे थे. इसने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को जबरन मुस्लिम बनाया गया और उनके चैंबर से शादी कराई गई, जिसे मस्जिद के तौर पर दिखाया गया है. इस संबंध में एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.

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काउंसिल ने मलिक को निर्देश दिया है कि वह नोटिस मिलने के सात दिनों के अंदर विशेष अनुशासन समिति के समक्ष अपना जवाब दाखिल करें और 16 जुलाई को उसके समक्ष पेश हों. इसने स्पष्ट किया कि अगर वह पेश नहीं होते हैं तो समिति उनका पक्ष सुने बगैर इसका निर्णय करेगी और उचित कार्रवाई की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

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