दंतेवाड़ा : ऐसा कहा जाता है कि किस्मत बदलते देर नहीं लगती.लेकिन किस्मत उन्हीं लोगों की बदलती है जो इसे बदलने का माद्दा रखते हैं.क्योंकि जिसने जीवन में संघर्ष के थपेड़े नहीं खाएं,उसे कामयाबी की ताजी हवा शायद ही कभी नसीब होती होगी.छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को है.बस्तर संभाग समेत छत्तीसगढ़ की 20 सीटों पर दिग्गज प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होगी.लेकिन इस चुनाव में कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं,जिनकी फैमिली बैकग्राउंड राजनीति से जुड़ा नहीं रहा.फिर भी वो ऐसे दल के उम्मीदवार है,जिसका टिकट पाने के लिए कार्यकर्ताओं में होड़ लगी रहती है.आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे उम्मीदवार के बारे में जिनका परिवार सब्जी बेचकर जीवनयापन करता है.लेकिन इस परिवार के बेटे की इच्छाशक्ति ने उसे आज जननेता बना दिया है. Dantewada elections
कौन है सब्जी बेचने वाले परिवार का नेता : छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने दंतेवाड़ा विधानसभा सीट पर चैतराम अटामी को चुनावी मैदान में उतारा है.चैतराम अटामी का मुकाबला बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर नेता स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के बेटे छबींद्र कर्मा से है. छबींद्र की राजनीतिक विरासत के आगे शायद चैतराम अटामी कुछ भी नहीं.लेकिन बात यदि हौंसलों की हो तो चैतराम का संघर्ष और उनकी मेहनत अच्छे अच्छों से कहीं ऊपर है.चैतराम अटामी का परिवार पुश्तैनी काम करके अपना जीवन यापन करता है. चैतराम की मां हाट बाजार में सब्जी बेचती हैं.जिनकी उम्र 65 साल के करीब है.
सब्जी बेचकर मां ने बेटे को पाला : दंतेवाड़ा के कासोली गांव के पटेल पारा में रहने वाला अटामी परिवार के पास थोड़ी सी जमीन है.जिसमें परिवार के सभी सदस्य सब्जी लगाकर और फिर उसे बाजार में बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं.ईटीवी भारत की टीम चैतराम अटामी के गांव जब पहुंची तो हमने देखा कि ये परिवार कितना साधारण है.चैतराम की मां ने हलबी भाषा में बताया कि उनका बेटा विधायक का चुनाव लड़ रहा है.आने वाले समय में वो चुनाव जीतेगा और गांव का विकास करेगा.हमने जब छिंदनार बाजार में चैतराम की मां को सब्जी बेचते हुए देखा तो पता चला कि वो इसी तरह पिछले तीस साल से सब्जी बेच रहीं हैं.
बेटे ने हासिल किया बड़ा मुकाम : चैतराम अटामी का पूरा परिवार साधारण जीवन जीता है.मां बाप के पास इतने पैसे नहीं थे कि चैतराम को अच्छे स्कूल में पढ़ा सके.फिर भी जितना भी पैसा कमाया उससे चैतराम अटामी की शिक्षा पर खर्च किया.चैतराम ने विपरित परिस्थितियों में 12वीं तक की पढ़ाई की.इसके बाद चैतराम ने ग्राम पंचायत में पंच का चुनाव लड़ा.चुनाव जीतने के बाद चैतराम उपसरपंच बने.इसके बाद जो सफर शुरु हुआ वो आज तक जारी है.चैतराम पिछले 28 साल से बीजेपी की ओर से राजनीति में सक्रिय हैं. चैतराम पहले उपसरपंच, फिर जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पद पर रहे.इसके बाद चैतराम ने जिला पंचायत अध्यक्ष का भी चुनाव लड़ा.और अब चैतराम वर्तमान में बीजेपी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. बीजेपी ने इस बार चैतराम को ही दंतेवाड़ा से उम्मीदवार बनाया है.
28 साल से बीजेपी में कर रहे काम : चैतराम अटामी दो दशकों से बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं. सरल,सहज और सौम्य व्यवहार के कारण चैतराम जनता के बीच लोकप्रिय हैं. चैतराम ने बूथ स्तर से लेकर बीजेपी जिलाध्यक्ष तक का सफर समर्पण और निष्ठा के दम पर तय किया है. आज भी कई पदों पर रहने के बाद ना तो चैतराम के अंदर कोई बदलाव आया और ना ही किसी तरह का अहंकार उन्होंने अपने अंदर पैदा होने दिया.जिसका परिणाम ये निकला कि पार्टी ने भी चैतराम के समर्पण का मोल रखा,इस बार बीजेपी की ओर से चैतराम एक बड़े प्रतिद्वंदी के सामने खड़े हैं.चैतराम का विश्वास है कि वो इस चुनाव में दंतेवाड़ा में बीजेपी का झंडा बुलंद करेंगे.